मुनगंटीवार का विपक्ष पर हल्ला बोल- आघाडी सरकार ने ही दी थी रिलायंस परियोजना को मंजूरी

Coalition government gave approval to Reliance project - Mungantiwar
मुनगंटीवार का विपक्ष पर हल्ला बोल- आघाडी सरकार ने ही दी थी रिलायंस परियोजना को मंजूरी
मुनगंटीवार का विपक्ष पर हल्ला बोल- आघाडी सरकार ने ही दी थी रिलायंस परियोजना को मंजूरी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बाघिन अवनी शिकार मामले में रिलायंस परियोजना को घसीटने पर वित्तमंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने विधानसभा में विपक्ष पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि राकांपा नेता जयंत पाटील आरोप लगाने के चक्कर में यह भूल गए कि रिलायंस परियोजना से जुड़ा प्रस्ताव 2012 में उनकी ही सरकार ने केंद्र के पास भेजा था। मुनगंटीवार ने कहा कि जहां बाघिन का शिकार हुआ रिलायंस परियोजना से वह जगह 60 किलोमीटर दूर है। ऐसे में शिकार को परियोजना से जोड़ना सरासर गलत है। उन्होंने कहा कि जंगली जानवारों के हमले में मारे गए लोगों के परिजनों को मिलने वाले मुआवजे की रकम बढ़ाकर 15 लाख किए जाने पर विचार किया जा रहा है। 

जंगली जानवरों के हमले में मौत पर 15 लाख का मुआवजा देने पर विचार  

भाजपा के अतुल भातखलकर, सपा के अबू आजमी, कांग्रेस के विजय वडेट्टीवार आदि सदस्यों ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए सदन का ध्यान इस मुद्दे पर खींचा था। जवाब में मुनगंटीवार ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद बाघिन को मारा गया। उन्होंने कहा कि बाघिन के हमले में 13 आदिवासी किसान मारे गए लेकिन विपक्ष की नजर में उनकी जान की कोई कीमत नहीं है। मुनगंटीवार ने कहा कि बाघिन के हमले में मारे गए लोगों के परिजनों को 10-10 लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की गई है, सरकार इसे बढ़ाकर 15 लाख करने पर विचार कर रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि बाघिन का शिकार हुए जानवरों के मालिकों को भी मौजूदा 40 हजार की जगह 60 हजार रुपए प्रदान किए जाने पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पहले मुआवजे के तौर पर सिर्फ 10 हजार रुपए दिए जाते थे। वनमंत्री ने कहा कि चार सालों में बाघों की संख्या में करीब 25 फीसदी का इजाफा हुआ है। बाघों की बढ़ती संख्या को देखते हुए उन्हें एक जंगल से दूसरे जंगल में भेजने के लिए एक समिति बनाई गई है। 

केंद्रीय कैबिनेट की बाघिन को क्या जवाब दोगे

ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर हुई चर्चा में भाग लेते हुए राकापा विधायक दल नेता जयंत पाटील ने सुधीर मुनगंटीवार की खिंचाई करने की कोशिश की और केंद्रीय महिला और बाल कल्याण मंत्री मेनका गांधी का नाम न लेते हुए सवाल किया कि केंद्रीय कैबिनेट की बाघिन को क्या जवाब दोगे। इसके जवाब में वनमंत्री ने कहा कि मेनका गांधी के लोकसभा क्षेत्र में साल 2009 में एक बाधिन को मार गिराया गया था और बाघिन मारने वाले शिकारी को पुरस्कार दिया गया था। अवनी को गोली मारने वाले हैदराबाद के शिकारी असगर अली के बेटे को लेकर उठाए जा रहे सवाल पर वनमंत्री ने कहा कि आघाड़ी सरकार के वक्त भी यही शूटर था। मुनगंटीवार ने कहा कि उन्होने अभी तक राई का पहाड़ के बारे में सुना था लेकिन इस मामले में विपक्ष ने राई के फोटो का पहाड़ बना दिया। 

बढ़ रहे हैं बाघ

मुनगंटीवार ने बताया कि साल 2014 से बाघों के शिकार का कोई मामला सामने नहीं आया। इसके अलावा बाघों की संख्या लगातार बढ़ रही है। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के आंकड़ों के मुताबिक राज्य के वनों में साल 15 में 203 बाघ थे। साल 2014 में इनकी संख्या 190, 2010 में 169 और 2006 में राज्य में 103 बाघ थे। मुनगंटीवार ने बताया कि साल 2016-18 के बीच 50 बाघों ने अपनी जान गंवाई इसमें 43 वयस्क और 7 बच्चे थे। 33 बाघों की मौत सामान्य थी। सात की बिजली की झटके और तीन जहर से मरे थे जबकि एक का शिकार किया गया था। 

Created On :   28 Nov 2018 4:53 PM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story