कृषि निर्यात बढ़ाने नीति तैयार करने समिति गठित, चारा छावनियों में पहुंचे 9 लाख पशु

Committee constituted to prepare agriculture export policy
कृषि निर्यात बढ़ाने नीति तैयार करने समिति गठित, चारा छावनियों में पहुंचे 9 लाख पशु
कृषि निर्यात बढ़ाने नीति तैयार करने समिति गठित, चारा छावनियों में पहुंचे 9 लाख पशु

डिजिटल डेस्क, मुंबई। कृषि उपज के निर्यात के लिए राज्य सरकार स्वतंत्र कृषि निर्यात नीति तैयार करेगी। इसके लिए कृषि आयुक्त की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है। इस समिति को आगामी 31 मई तक सरकार को अपनी रिपोर्ट सौपनी होगी। केंद्र सरकार ने अपनी कृषि नीति के तहत कृषि निर्यात को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है।इसके मद्देनजर राज्य सरकार ने भी अपनी अलग कृषि निर्यात नीति तैयार करने का फैसला किया है। महाराष्ट्र अंगूर, प्याज और अनार निर्यात के मामले में देश मे पहले नंबर पर है। राज्य से पड़े पैमाने पर चावल, केला व सब्जियां दूसरे देशों को भेजी जाती हैं। अब कृषि उपज के निर्यात को और बढ़ावा देने के लिए नीति तैयार की जा रही है। इस समिति में पशुसंवर्धन, दुग्धविकास, मत्स्य व्यवसाय विभाग के आयुक्त, राज्य वखार महामंडल के प्रबंध निदेशक, राज्य कृषी विपणन महामंडल के कार्यकारी निदेशक, विपणन संचालक, फलोत्पादन विभाग के संचालक, सह्याद्री एग्रो के विलास शिंदे, राज्य कृषी विपणन महामंडल के  उप सह व्यवस्थापक बी. एन. पाटील आदि शामिल हैं। इससे संबंधित शासनादेश जारी कर दिया गया है।

चारा छावनियों में पहुंचे 9 लाख पशु - बीड ज्यादा प्रभावित

वहीं देखा जाए तो राज्य में जानवरों पर सूखे की सबसे ज्यादा मार बीड़ जिले में पड़ती नजर आ रही है। मराठवाड़ा के बीड़ में सबसे अधिक 601 चारा छावनी शुरू है। बीड़ की चारा छावनियों में 3 लाख 90 हजार 149 बड़े और 31 हजार 299 छोटे पशुओं को कुल मिलाकर 4 लाख 21 हजार 448 जानवरों को चारा उपलब्ध कराया जा रहा है। फिलहाल प्रदेश के 8 जिलों में 1345 चारा छावनी शुरू है। इन चारा छावनियों में 7 लाख 99 हजार 99 बड़े और 1 लाख 2 हजार 965 छोटे कुल मिलाकार 9 लाख 2 हजार 64 पशु हैं। अहमदनगर में शुरू 493 चारा छावनियों में 2 लाख 67 हजार 297 बड़े और 41 हजार 873 छोटे पशुओं को मिलाकर 3 लाख 91 हजार 70 जानवरों को पशु आहार दिया जा रहा है। औरंगाबाद में 9 चारा छावनी शुरू है। जिसमें 9 हजार 481 बड़े और 1 हजार 421 छोटे कुल 10 हजार 902 पशुओं को आहार दिया जा रहा है। जालना में चालू 11 चारा छावनियों में 4 हजार 416 बड़े और 994 छोटे जानवर हैं। जिले में कुल 5 हजार 410 में पशु हैं। उस्मानाबाद की 84 चारा छावनियों में 54 हजार 91 बड़े और 6 हजार 323 छोटे पशुओं को मिलाकर कुल 60 हजार 414 जानवर हैं। सोलापुर के 125 चारा छावनियों में 64 हजार 510 बड़े और 9 हजार 838 छोटे कुल 74 हजार 348 जानवर हैं। सातारा में शुरू 19 चारा छावनियों में 8 हजार 294 बड़े और 11 हजार 10 छोटे कुल 19 हजार 304 पशु हैं। सांगली में 3 चारा छावनी में 861 बड़े और 207 छोटे कुल 1068 जानवर हैं। राज्य की चारा छावनियों में मौजूद पशुओं के कान में टैग लगाने का फैसला सरकार ने किया है। इस टैग के जरिए सप्ताह में एक बार जानवरों की गिनती अनिवार्य की गई है। इस गिनती के आधार पर चारा छावनी मालिकों को पशु आहार के लिए अनुदान दिया जाता है। चारा छावनी में बड़े पशुओं के लिए प्रति दिन 100 रुपए और छोटे पशुओं के लिए 50 रुपए दिए जाते हैं।

सबसे अधिक चारा छावनी वाले चार जिले

जिला           चारा छावनी         पशुओं की कुल संख्या

बीड़                 601                 4 लाख 21 हजार 448
अहमदनगर      493                 3 लाख 91 हजार 70  
सोलापुर           125               74 हजार 348  
उस्मानाबाद        84               60 हजार 414 
 

Created On :   19 May 2019 1:55 PM GMT

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