बदहाल पड़े हैं खण्ड स्तरीय  सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र

Community health centers are suffering from negligence no facilities for villagers
बदहाल पड़े हैं खण्ड स्तरीय  सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र
बदहाल पड़े हैं खण्ड स्तरीय  सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र

डिजिटल डेस्क, उमरिया । जिले की ग्रामीण जनता को त्वरित स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए, खण्ड स्तरों पर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र संचालित किए गए हैं, लेकिन उनकी बदहाली के चलते ग्रामीणों को समुचित रूप से उपचार सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है। सामान्यतया करीब 1 लाख की आबादी में 30 बिस्तरा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र स्थापित किया जाता है।

यहां पाली, करकेली व चंदिया में यह केन्द्र वर्षों से संचालित हैं, लेकिन तीनो अस्पताल दुर्दशाग्रस्त हैं और रोगियों को पर्याप्त लाभ नहीं मिल पाता है। यहां अमले की कमी तो है ही अन्य संसाधनों का भी टोटा है। किसी भी अस्पताल में न तो एम्बुलेंस सुविधा सुचारु है और न जांच की व्यवस्थाएं हैं। रोगियों को अंतत: कोसों दूर जिला अस्पताल आना पड़ता है। स्थिति यह है कि आज भी दूरस्थ गांवों के लोग रोगी को चारपाई व पालकी पर लिटा कर मीलों जंगल पार करते हुए जिला अस्पताल लेकर आते हैं। गांवों में न तो अभी आवागमन के अधिक साधन हैं और न अस्पतालों में सुविधा। शासन द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं पर करोड़ों रुपए हर साल व्यय किए जाते हैं और लोगोंं द्वारा मांग भी की जाती है फिर भी ध्यान नहीं दिया जाता है। इन दिनों गर्मी में रोगियों की संख्या काफी बढ़ गई है अस्पतालों मेें रोगी चक्कर काट रहे हैं।

रोगी कल्याण समिति निष्क्रिय
पाली, चंदिया, करकेली सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में यद्यपि रोगी कल्याण समितियां गठित हैं लेकिन वे निष्क्रिय हैं और उनकी बैठकें भी नहीं होती हैं। जबकि इनकी बैठक हर माह होनी चाहिए और इनके माध्यम से अस्पताल की आवश्यकता तथा आय-व्यय का ब्यौरा सामने आना चाहिए। बैठक नहीं होने से विकास और समस्याओं के मुद्दे उपेक्षित और कोने में पड़े रहते हैं, अस्पतालों में समस्याएं बढ़ती रहतीं हैं।  इस संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भी उदासीनता बरतते रहे हैं। परिणामत: स्वास्थ्य सुविधाएं लाखों ग्रामीणों की पहुंच से दूर होती गईं हैं।

रोगी कैसे पहुंचे अस्पताल
करकेली, चंदिया की अस्पतालों में आज तक एम्बुलेंस की सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई, यहां वाहन ही नहीं आया। यदि गंभीर रोगी को अन्य अस्पताल में रेफर करना हो या किसी दूर स्थल से रोगी या घायल को लाना हो तो इसके लिए कोई सुविधा नहीं है। कई बार मांग करने के बाद वाहन नहीं आया। पाली अस्पताल में एम्बुलेंस तो है, पर उसमें ऑक्सीजन की व्यवस्था नहीं रहती है। इसके अलावा आए दिन उसमे खराबी बनी रहती है, जरूरी वाहन होने के वावजूद उसका ढंग से रखरखाव नहीं किया जा रहा है। 
 

Created On :   31 May 2018 8:25 AM GMT

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