मराठा आरक्षण पर मुख्यमंत्री की शिवाजी महाराज से तुलना, भाजपा कार्यालय में जश्न

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मराठा आरक्षण पर मुख्यमंत्री की शिवाजी महाराज से तुलना, भाजपा कार्यालय में जश्न

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मराठा आरक्षण विधेयक पेश करने के बाद विधान परिषद में राष्ट्रीय समाज पक्ष के सदस्य और प्रदेश के पशुपालन मंत्री महादेव जानकर ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की तुलना छत्रपति शिवाजी महाराज, डॉ. बाबासाहब आंबेडकर और छत्रपति शाहू महाराज से कर डाली। गुरुवार को सदन में मुख्यमंत्री ने मराठा आरक्षण विधेयक पेश किया। इसके बाद मंत्री जानकर ने कहा कि मुख्यमंत्री आज सदन में छत्रपति शिवाजी, आंबेडकर और शाहू महाराज की भूमिका में बैठे हैं। जानकर की यह बात सुनते ही मुख्यमंत्री ने हाथ जोड़ लिया। इस बीच सदन में मराठा आरक्षण विधेयक को सर्वसहमति से मंजूर कर लिया गया। मराठा आरक्षण विधेयक मंजूर होने के बाद भाजपा के सदस्यों ने शिवाजी महाराज की जय के नारे लगाए। मराठा समाज को आरक्षण देने के आघाड़ी सरकार के फैसले पर विधानमंडल ने एक बार फिर मुहर लगा दी। यह संघर्ष और बलिदान के बाद मराठा समाज को मिली बड़ी जीत है। इससे मराठा समाज आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक समस्याओं से बाहर आने में मदद मिलेगी।

विधान परिषद के विरोधी पक्ष नेता धनंजय मुंडे ने कहा कि यह दिन महाराष्ट्र के लिए ऐतिहासिक और मेरे जीवन में बेहद खुशी का है। मराठा आरक्षण के लिए दो दशकों से चल रही लड़ाई में आखिरकार जीत मिली है। आरक्षण की लड़ाई लड़ने वाले सकल मराठा समाज और इसे समर्थन देने वाले सभी लोगों को मैं धन्यवाद देता हूं।

अजित पवार, वरिष्ठ राकांपा नेता ने कहा, विधेयक पास होने के बाद मराठा समाज को न्याय मिला है। विधानमंडल के दोनों सदनों में एकमत से विधेयक पारित हुआ इससे साफ है कि मराठा समाज को न्याय दिलाने में सभी दल साथ हैं। विधेयक मराठा समाज को आर्थिक और सामाजिक रूप से मजबूत बनाने में मददगार साबित होगा।

महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चव्हाण के मुताबिक 58 मोर्चों के बाद सरकार ने मराठा समाज को न्याय दिलाने वाला विधेयक पास किया हम इसका स्वागत करते हैं। हमारी इच्छा है कि विधेयक कोर्ट में भी टिके।

प्रदेशाध्यक्ष भाजपा राव साहेब दानवे ने कहा कि मराठा समाज के उत्थान के लिए सकारात्मक कदम उठाने के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का अभिनंदन, आज का दिन ऐतिहासिक है सरकार ओबीसी आरक्षण कोटे को बिना नुकसान पहुंचाए मराठा समाज को आरक्षण देने में सफल रही है।

भाजपा विधायक आरएन सिंह उत्तरभारतीय संघ के अध्यक्ष का कहना है कि विधान सभा और विधान परिषद में एकमत से मराठा आरक्षण पारित होने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और सभी सहयोगियों का हार्दिक अभिनन्दन। यह ऐतिहासिक निर्णय लेकर श्री  फडणवीस ने यह साबित कर  दिया कि वह अपने वचन के पक्के हैं। मुझे गर्व है कि विधान परिषद सदस्य के रूप में  इस ऐतिहासिक क्षण का मैं हिस्सेदार रहा। 

शिव प्रतिमा पर माल्यार्पण 

शुक्रवार को विधानमंडल के दोनों सदनों में मराठा आरक्षण विधेयक पेश करने पहुंचे मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने विधेयक पेश करने से पहले विधानभवन परिसर में स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। उनके साथ केसरिया पगड़ी बांधे भाजपा के मंत्री और विधायक भी मौजूद थे। उसी समय युवा सेना नेता आदित्य ठाकरे का विधानभवन परिसर में आगमन हुआ तो उनकी आगवानी के लिए शिवसेना विधायक गेट की तरफ लपके। 

प्रदेश भाजपा कार्यालय में जश्न

मराठा आरक्षण विधेयक मंजूर होने के बाद  प्रदेश भाजपा कार्यालय में जश्न मनाया गया। भाजपा के मराठा नेता व शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े ने कहा कि आज महाराष्ट्र के इतिहास का आनंद दिवस है। मराठा समाज को 16 फीसदी आरक्षण भाजपा-शिवसेना सरकार ने दिया है। उन्होंने विश्वास जताया कि यह आरक्षण अदालत में भी टिक सकेगा। इस मौके पर विधानसभा में भाजपा के मुख्य सचेतक राज पुरोहित, प्रदेश प्रवक्ता केशव उपाध्ये, कोषाध्यक्ष शायना एन सी, महिला मोर्चा अध्यक्ष माधवी नाईक, कार्यालय मंत्री मुकुंद कुलकर्णी आदि उपस्थित थे।

विधायक गोटे के नाम से पत्र पर बवाल 

विधान परिषद में सदन के सदस्यों के बीच भाजपा के विधायक अनिल गोटे के नाम से एक पत्र वितरित करने के बाद हंगामा मच गया। गुरुवार को दोपहर में भाजपा के विधान परिषद सदस्य सुजीत सिंह ठाकुर ने कहा कि सदन के सदस्यों को अचानक एक पत्र मिला है। यह पत्र सदन में किसकी अनुमति से बांटा गया है। इसकी जानकारी दी जानी चाहिए। ठाकुर ने कहा कि मैंने पत्र बांटने वाले कर्मचारी से पूछा तो उसने बताया कि मुझे राष्ट्रवादी कांग्रेस के सदस्य रामराव वडकुते ने पत्र बांटने को कहा था। इसके जवाब में वडकुते ने कहा कि संबंधित पत्र से मेरा कोई संबंध नहीं है। इस बीच कांग्रेस शरद रणपीसे ने कहा कि सदन में सदस्यों को वितरित किया गया पत्र भाजपा के विधानसभा सदस्य गोटे का है। गोटे ने धुलिया में भाजपा नेताओं के आपसी झगड़े को पत्र के माध्यम से सदन में ला दिया है। भाजपा उनसे निपटे। विपक्ष के सदस्यों पर आरोप नहीं लगाए। इसके बाद सभापति रामराजे निंबालकर ने कहा कि मैं संबंधित पत्र की सत्यता जाचने जांचने के बाद सदन को जानकारी दूंगा। बता दें कि गोटे ने भाजपा के तीन मंत्रियों पर अपनी हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया है। 
 

Created On :   29 Nov 2018 3:27 PM GMT

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