जिपं में दफन हो जाती हैं शिकायतें, 1882 स्कूलों में भगवान भरोसे मध्यान्ह भोजन

Complaints regarding mid day meal doesnt go far than district council
जिपं में दफन हो जाती हैं शिकायतें, 1882 स्कूलों में भगवान भरोसे मध्यान्ह भोजन
जिपं में दफन हो जाती हैं शिकायतें, 1882 स्कूलों में भगवान भरोसे मध्यान्ह भोजन

डिजिटल डेस्क, कटनी। जिले के 1 हजार 882 स्कूलों में मध्यान्ह भोजन का काम भगवान भरोसे ही चल रहा है। बच्चों को मेन्यू के अनुसार तो भोजन अरसे से नहीं मिल रहा है। अब तो निर्धारित मात्रा में दाल, चावल और सब्जी भी समूह नहीं दे रहे हैं। शिक्षण सत्र चालू हुए एक माह बीत चुका है और विभाग को लोग करीब आधा दर्जन शिकायत कर चुके हैं। स्थानीय स्तर पर जब समस्या का सामाधान नहीं मिला, तो शिकायकर्ताओं ने सीएम हेल्पलाईन का दरवाजा भी खटखटाया। 

जिला शिक्षा केन्द्र से पहुंचने वाले जांच प्रतिवेदन और अभिभावकों, जनप्रतिनिधियों की शिकायतें जिला पंचायत में दफन हो जाती हैं। इस तरह की शिकायतों से भले ही स्कूलों में मध्यान्ह भोजन की चाल न बदली हो, लेकिन जिला पंचायत में बैठे अधिकारियों की चाल बदल गई है। अब बच्चों और अभिभावकों की मजबूरी है कि स्कूल में जिस तरह से उन्हें मध्यान्ह भोजन परोसा जाए, वे उसी से संतुष्ट रहें।

मेन्यू के साथ समझौता
शिकायतों की कार्यवाई से बचने के लिए स्वसहायता समूह पहले ही मेन्यू और बच्चों को दिए जा रहे निर्धारित मात्रा से समझौता कर लेते हैं। ताकि किसी भी तरह से शिकायत होने पर वे इसकी भरपाई कर सकें। शासन के निर्धारित मात्रा के अनुसार प्राइमरी में मध्यान्ह भोजन से बच्चों को 600 कैलोरी उपलब्ध कराना है। जिसमे से 100 ग्राम अनाज से 450 कैलोरी और दाल, सब्जी से 150 कैलोरी ऊर्जा उपलब्ध कराना है। इसी तरह से माध्यमिक स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे को मध्यान्ह भोजन के माध्यम से 900 कैलोरी ऊर्जा उपलब्ध कराना है। जिसमें 700 कैलोरी 150 ग्राम अनाज जिसमें चावल या गेंहू शामिल है। बचा हुआ 200 ग्राम कैलोरी मध्यान्ह भोजन में दाल, चावल या फिर अन्य खाद्य पदार्थ से करनी है।

हेल्पलाईन भी बेवस
शिकायकर्ताओं  के साथ सीएम हेल्पलाईन भी बेवस दिखाई दे रही है। अभी तक इसमें 42 शिकायतें विभाग को प्राप्त हुई हैं। जिसमें से कई शिकायतों का निराकरण इस तरह से किया गया है कि आज भी शिकायकर्ता न्याय के लिए प्रदेश के मुखिया का मुंह ताक रहा है। इसके बावजूद शिकायत का निराकरण करते हुए जिम्मेदारों ने खानापूर्ति का काम कर लिया है।

शिकायत क्रमांक 4343166 में समूह के सदस्य ने भोजन की राशि नहीं मिलने की शिकायत की थी। शिकायत के बाद राशि दिलाई गई। इसी तरह से की शिकायत 4401087 में की गई थी। शिकायत क्रमांक 5921899 में बंजारी निवासी रुकमणी बाई ने समूह के माध्यम से स्कूल में मध्यान्ह भोजन का फिर से जिम्मा दिए जाने की मांग की गई। जिसमें जांच में पता चला कि रुकमणी बाई के समूह को उपस्थित बच्चों के हिसाब से अधिक अनाज और राशि दिया जा चुका है। जिसके बाद वसूली के निर्देश जारी हुए।

यह है वर्तमान व्यवस्था
चालू शिक्षण सत्र में 1 हजार 882 स्कूलों में 1 लाख 39 हजार 348 बच्चे रजिस्टर्ड हैं। जिसमें से करीब 13 सौ समूह और सौ से अधिक शाला प्रबंधनसमितियों के द्वारा मध्यान्ह भोजन का संचालन किया जा रहा है। कटनी नगर निगम के स्कूलों में मध्यान्ह भोजन का काम केन्द्रीयकृत किचनशेड के माध्यम से एनजीओ द्वारा मध्यान्ह भोजन भोजन वितरण किया जाता है। जिसमें साठ फीसदी स्कूलों को गैस कनेक्शन दिए जा चुके  हैं। स्कूलों में मध्यान्ह भोजन बनाने के लिए रसोईयां भी तैनात हैं। जिन्हें एक हजार रुपए प्रति माह के दर से मानदेय दिया जाता है।

इनका कहना है
मध्यान्ह भोजन में मिली शिकायतों पर क्या कार्यवाही हुई, यह मीटिंग के बाद ही बताया जा सकता है। मैं मीटिंग में हुं।
- ज्ञानेन्द्र सिंह परिहार,पीओ (एमडीएम) जिला पंचायत, कटनी

Created On :   4 Aug 2018 8:45 AM GMT

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