शीतकालिन सत्र को लेकर असमंजस, अधिवेशन की तैयारियों को लेकर परेशान हैं उपराजधानी के अधिकारी  

Confusion on winter session, Disturbing officials for preparation
शीतकालिन सत्र को लेकर असमंजस, अधिवेशन की तैयारियों को लेकर परेशान हैं उपराजधानी के अधिकारी  
शीतकालिन सत्र को लेकर असमंजस, अधिवेशन की तैयारियों को लेकर परेशान हैं उपराजधानी के अधिकारी  

डिजिटल डेस्क, मुंबई। हर साल राज्य की उप राजधानी नागपुर में होने महाराष्ट्र विधानसभा के शीतकालीन सत्र का समय समीप आ गया है पर राज्य में राष्ट्रपति शासन के चलते सत्र को लेकर उहापोह की स्थिति हैं। राज्य में नई सरकार बनने को लेकर शुरू कवायद के बीच नागपुर के अधिकारी इस बात को लेकर परेशान हैं कि यदि अचानक नागपुर में शीतकालीन सत्र के आयोजन का आदेश हुआ तो इतने कम समय मे तैयारियां कैसे होंगी? विधानमंडल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गत दिनों संभावित शीतकालीन सत्र की तैयारियों को लेकर नागपुर के अधिकारियों से चर्चा हुई। चर्चा के दौरान नागपुर के अधिकारियों ने अपनी परेशानी बया की है।

हर साल दिसंबर के पहले सप्ताह से नागपुर में विधानमंडल के शीतकालीन सत्र का आयोजन होता है। इसके लिए महीनों पहले तैयारी शुरू हो जाती है। एक पखवाड़े के लिए पूरी सरकार राजधानी मुंबई से उपराजधानी नागपुर शिफ्ट करने के लिए विभिन्न विभागों की फ़ाइल आदि दर्जनों ट्रको में भर कर नागपुर भेजा जाता है। अधिवेशन के दैरान नागपुर में मिनी मंत्रालय कार्यरत किया जाते हैं। ये सारी तैयारियां कई महीने पहले शुरू हो जाती हैं। पर इस बार विधानसभा चुनाव परिणाम के करीब एक माह बाद भी राज्य में किसी की सरकार नहीं बन सकी है। 

इस बीच राज्य में सरकार बनाने के लिए शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन आकार लेता नज़र आ रहा है। ऐसे में सरकार बनने के बाद नागपुर में शीतकालिन सत्र के लिए बहुत कम समय मिलेगा। विधानभवन के एक अधिकारी के अनुसार सरकार बनने पर विधायकों के शपथ ग्रहण और सदन में बहुमत साबित करने के लिए मुंबई में विधानसभा का अल्पकालिक सत्र आयोजित करना पड़ेगा। इसके बाद नागपुर के शीतसत्र का बारी आएगी।

2018 में नागपुर में नहीं हुआ था शीतसत्र 

55 साल बाद 2018 में राज्य की तत्कालिन फडणवीस सरकार ने शीतकालिन सत्र नागपुर की बजाय मुंबई में आयोजित किया था। बाद में विधानमंडल का मानसून सत्र जुलाई महिने में नागपुर में आयोजित किया गया था। महाराष्ट्र विधान मंडल का शीतकालीन सत्र राज्य की उपराजधानी नागपुर में दिसंबर में होता रहा है। 1963 के बाद पहली बार मुंबई में शीतकालीन सत्र हुआ था। 1963 में 9 दिसंबर से 20 दिसंबर तक मुंबई में शीतकालीन सत्र चला था। अब देखना होगा कि राज्य की नई सरकार फडणवीस सरकार के फैसले को बदलते हुए फिर से नागपुर में शीतकालिन सत्र का आयोजन करती है अथवा मुंबई में ही शीतकालिन सत्र चलाने का निर्णय लेते है?

Created On :   21 Nov 2019 12:27 PM GMT

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