'हाथ' कांग्रेस का प्रतीक है और यही देश को एकसाथ रखता है - राहुल

Congress 84th Plenary Session officially starts from today with Rahul Gandhi speech
'हाथ' कांग्रेस का प्रतीक है और यही देश को एकसाथ रखता है - राहुल
'हाथ' कांग्रेस का प्रतीक है और यही देश को एकसाथ रखता है - राहुल

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली । राहुल गांधी की अगुवाई में कांग्रेस का 84वां अधिवेशन शनिवार से दिल्ली के इंदिरा गांधी इनडोर स्टेडियम में शुरू हो गया। अधिवेशन की शुरुआत कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के भाषण के साथ हुई। इस दौरान राहुल ने कहा कि "हाथ का प्रतीक कांग्रेस का प्रतीक है। ये एक प्रतीक है, जो देश को एकसाथ रखता है, हमें रास्ता दिखाता है और यही भारत देश को आगे बढ़ाएगा।" इसके साथ ही राहुल ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि जनता अब केंद्र सरकार की नीतियों से थक चुकी है क्योंकि उन्हें आगे बढ़ने का रास्ता नहीं दिख रहा है। बता दें कि दो दिनों तक चलने वाले कांग्रेस के इस अधिवेशन में 4 महत्वपूर्ण प्रस्तावों को भी पास किया जाएगा।

राहुल गांधी के भाषण की बड़ी बातें : 

- यहां मुझे दो भाषण देने हैं। आज थोड़ा कम बोलूंगा, लेकिन समापन सत्र में ज्यादा बोलूंगा। तब आपको बताऊंगा कि हमें क्या करना है और कैसे हम अपनी पार्टी को दूसरों से अलग बता सकते हैं। 

- कांग्रेस का ये अधिवेशन बदलाव के लिए हो रहा है। मैं सोचता हूं कि युवा पार्टी को आगे ले जा सकते हैं, लेकिन कांग्रेस पुराने लोगों को नहीं भूलती। इसलिए मेरा काम सीनियर नेताओं और युवाओं को साथ जोड़ना है। इसके बिना हम आगे नहीं बढ़ सकते। 

- कांग्रेस ने हमेशा देश को जोड़ने की बात की है, लेकिन आज हिंदुस्तान को बांटा जा रहा है। एक-दूसरे को लड़ाया जा रहा है। आज देश हैरान है कि मौजूदा सरकार में क्या हो रहा है, लेकिन कांग्रेस ही है जो उन्हें रास्ता दिखा सकती है।

- कांग्रेस पार्टी प्यार और भाईचारे का इस्तेमाल करती है जबकि विपक्ष गुस्से का इस्तेमाल करती है। कांग्रेस पार्टी देश के हर व्यक्ति के लिए काम करेगी। 

- आज देश में जो युवा, किसान, मजदूर हैं, वो मोदी सरकार की नीतियों से थक चुके हैं। उन्हें आगे बढ़ने का कोई रास्ता नहीं मिल रहा है, लेकिन हम उनके साथ खड़े हैं। 

- हाथ का प्रतीक कांग्रेस पार्टी का प्रतीक है। ये एक प्रतीक है जो देश को एकसाथ रखता है, हमें रास्ता दिखाता है और यही हाथ भारत को आगे बढ़ाएगा।

 

 

 

 



शुक्रवार को क्या हुआ?

महाधिवेशन से पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में इस विषय पर समिति की बैठक हुई। इसमें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, वरिष्ठ नेता एके एंटनी, जनार्दन द्विवेदी और पार्टी के प्रदेश इकाइयों के अध्यक्ष सहित कई नेताओं ने हिस्सा लिया।

 

 



राहुल की अध्यक्षता में पहला महाअधिवेशन 

पिछले साल निर्वाचित हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में ये पहला अधिवेशन होने जा रहा है। इस अधिवेशन को राहुल गांधी सबसे पहले संबोधित करेंगे और अपने विचार और रणनीति कांग्रेस के सदस्यों को बताएंगे। 17 मार्च को इस अधिवेशन की शुरुआत राहुल गांधी के भाषण से शुरू होगी और इसके बाद दो प्रस्ताव पास किए जाएंगे। आखिरी दिन यानी 18 मार्च को भी दो प्रस्ताव पास किए जाएंगे और शाम 5 बजे राहुल गांधी के भाषण के साथ इस अधिवेशन का समापन होगा।

 



इस अधिवेशन में क्या?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 3 दिन तक चलने वाले कांग्रेस के इस अधिवेशन में AICC और PCC के सीनियर लीडर्स को इनवाइट किया गया है। देशभर से आए कांग्रेसी इस अधिवेशन में पॉलिटिकल, इकोनॉमिक और सोशल विजन पर चर्चा करेंगे। अधिवेशन के लिए एक ड्राफ्टिंग कमेटी बनाई गई है, जिसमें कांग्रेस के कई बड़े सीनियर लीडर्स शामिल हैं। बताया जा रहा है कि इस अधिवेशन को 3 पार्ट्स में बांटा गया है, जिसमें पहला पार्ट NDA सरकार की नाकामी, दूसरे पार्ट में NDA और UPA सरकार की नीतियों की तुलना और तीसरे पार्ट में कांग्रेस पार्टी की फ्यूचर स्ट्रेटजी पर चर्चा की जाएगी। कांग्रेस के 84वें अधिवेशन में एक विजन डॉक्यूमेंट भी पेश किया जाएगा, जो युवाओं, किसानों, महिलाओं और कमजोर समुदायों पर फोकस है। ड्राफ्टिंग कमेटी में शामिल एक कांग्रेस लीडर ने मीडिया को बताया कि "इस विजन डॉक्यूमेंट के जरिए ही पार्टी अपनी दिशा तय करेगी, इसके साथ ही 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों के लिए भी इसमें फोकस किया जाएगा।" इसके साथ ही अधिवेशन में राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर मंजूरी भी दी जाएगी, जिसके बाद उनके पास कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) को पुनर्गठन करने की पॉवर आ जाएगी। बता दें कि राहुल गांधी को दिसंबर में कांग्रेस अध्यक्ष चुना गया था।

सोनिया-मनमोहन करेंगे संबोधित 

महाधिवेशन की शुरुआत पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के भाषण के साथ होगी। इसके बाद दोपहर में सोनिया गांधी भी महाधिवेशन को संबोधित करेंगी। जिसके बाद रविवार को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अपना वक्तव्य देंगे। इसी दिन शाम को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के समापन भाषण के साथ महाधिवेशन खत्म होगा।

 



गठबंधन का ऐलान संभव 

इस अधिवेशन में पारित किए जाने वाला राजनीतिक प्रस्ताव अहम है , क्योंकि इस प्रस्ताव में पार्टी 2019  में होने जा रहे लोकसभा चुनाव के लिये अपनी रणनीति बनाने जा रही है और पहले से पार्टी विपक्षी दलों के समर्थन की वकालत करती रही है, जिसको लेकर माना जा रहा है कि इस अधिवेशन में पार्टी गठबंधन का ऐलान कर सकती है।

क्या है इस अधिवेशन का मकसद?

- साढ़े 7 साल बाद होने वाले कांग्रेस के इस अधिवेशन पार्टी कई अहम मुद्दों पर प्रस्ताव पास करेगी, जिनमें अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारी सबसे बड़ा मुद्दा है।
- इस अधिवेशन में कांग्रेस बीजेपी विरोधी पार्टियों को साथ लाने के लिए महागठबंधन के एजेंडे पर भी काम करेगी, क्योंकि यूपी लोकसभा उपचुनावों में समाजवादी पार्टी की जीत के बाद राहुल गांधी ने कहा था कि कांग्रेस उन सभी पार्टियों के साथ मिलकर चुनाव लड़ना चाहती है जो बीजेपी को हरा सकते हैं। 
- तीन दिन तक चलने वाले इस अधिवेशन में कांग्रेस देश के कई मुद्दों पर चर्चा करेगी, जिनमें खासतौर से पॉलिटिकल, इकोनॉमिकल, इंटरनेशनल अफेयर्स, एग्रीकल्चर, एम्प्लॉयमेंट और गरीबी पर फोकस किया जाएगा। 
- इस अधिवेशन में NDA सरकार की नाकामी और UPA सरकार की अचीवमेंट्स पर बात की जाएगी, ताकि आगे के चुनावों की तैयारी की जा सके। 
- इसके अलावा इस अधिवेशन का मकसद ये भी है कि अगर कांग्रेस पार्टी 2019 में सत्ता में आती है, तो वो क्या करेगी। इसके साथ ही पार्टी अपना विजन डॉक्यूमेंट भी पेश करेगी।

क्यों खास है ये अधिवेशन?

- आमतौर पर अधिवेशन में कांग्रेस के नए अध्यक्ष पर फोकस किया जाता है, लेकिन इस अधिवेशन में पार्टी वर्कर्स पर फोकस किया जाएगा।
- इसमें पार्टी के 1500 से ज्यादा नेता और कई देशों के एंबेसेडर्स को भी बुलाया गया है। 
- इस अधिवेशन में देशभर के कांग्रेसी वर्कर्स को बुलाया गया है। बताया जा रहा है कि ऐसा इसलिए क्योंकि राहुल गांधी चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा वर्कर्स ब्लॉक और डिस्ट्रिक्ट लेवल के हों। 

Created On :   17 March 2018 3:52 AM GMT

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