CM के गांव में भी हुआ अवैध खनन, निकालेंगे प्रदेश परिक्रमा यात्रा:दिग्विजय

Congress leader digvijay singh hold a press confrence in indore
CM के गांव में भी हुआ अवैध खनन, निकालेंगे प्रदेश परिक्रमा यात्रा:दिग्विजय
CM के गांव में भी हुआ अवैध खनन, निकालेंगे प्रदेश परिक्रमा यात्रा:दिग्विजय

डिजिटल डेस्क, इंदौर। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने नर्मदा यात्रा समाप्त करने के बाद प्रदेश में बढ़ रहे रेत खनन के मामलों पर शिवराज सरकार को अपने निशाने पर लिया है। उन्होंने बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि CM के  पैतृक गांव जैत भी अवैध खनन माफियाओं के चंगुल से नहीं बच सका है। उन्होंने अवैध खनन के बारे में बताते हुए कहा कि रेत माफियाओं ने जैत में खनन के दौरान इतने बड़े-बड़े गड्ढे कर दिए हैं जिसमें दो हाथी आराम से खड़े हो सकते हैं। लीज न होने के बावजूद उनके गांव में 50-50 फीट के गढ्ढे अवैध खुदाई के कारण हो गए हैं। दिग्विजय सिंह ने ये बातें हाल ही में पूरी हुई अपनी नर्मदा यात्रा की समाप्ति पर इंदौर में आयोजित किए गए एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कही। उन्होंने कहा कि जबलपुर में 48 खदानों में अवैध उत्खनन हो रहा है। 

मुख्यमंत्री की सहमति के बिना नहीं हो सकता अवैध खनन 
दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि, "बिना मुख्यमंत्री की सहमति के राज्य में अवैध उत्खनन हो ही नही सकता। अवैध रेत उत्खनन के मामले में पकड़े गए वाहन मुख्यमंत्री की शह पर ही छोड़े गए है। सरकार की तरफ से जहां सरदार पटेल की प्रतिमा बनाने में 4,000 करोड़ रूपए खर्च किए जा रहे हैं, वहीं अगर यह पैसा नर्मदा परिक्रमा कर रहे यात्रियों की सुविधा पर खर्च कर दिया जाए तो अधिक उचित होगा।" उन्होंने नर्मदा नदी में बढ़ रहे प्रदूषण पर कहा कि, आज जो नर्मदा के हालात हैं, उसे देख कर मन में दर्द होता है। 80 किलोमीटर तक तो नर्मदा का पानी पीने लायक नहीं है। नदी में बढ़ते प्रदूषण के कारण हिल्सा मछली का कारोबार भी प्रभावित हुआ है। 

नर्मदा यात्रा के बाद निकालेंगे प्रदेश यात्रा 
कांग्रेस नेता ने राजनीति से जुड़े सवालों पर बोलते हुए कहा कि दिग्विजय 1 और 2 में फर्क है। वे पहले न्यूज़ चैनलों को बाईट देते थे पर अब नही देंगे। उन्होंने कहा कि टीवी चैनलों पर होने वाली डिबेट चर्चा का स्तर गिरता जा रहा है। उन्होंने केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा कि वे दमखम से राजनीति करेंगे और पकौड़े नहीं बेचेंगे। नर्मदा परिक्रमा के प्रदेश परिक्रमा की योजना बना रहे दिग्विजय सिंह ने बताया कि नर्मदा परिक्रमा के बाद वे अब प्रदेश की परिक्रमा कर सरकार के प्रति जनता की नाराजगी को समेटेंगे। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनवाने के लिए सब को एक जुट करने के लिए यह यात्रा करेंगे। पत्नी अमृता सिंह के राजनीति में आने से जुड़े सवालों पर उन्होंने कहा कि, "वे राजनीति में आएंगी या नहीं ये बात वे खुद ही बता देंगी। 

1800 किलोमीटर में मिले मात्र 3 पौधे 
देश में चल रही नोटों की किल्लत परमुख्मंत्री शिवराज सिंह के बयान पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि, "2000 के नोट- शिवराज की चिंता हैं। अगर किसी प्रांत का सीएम ऐसा आरोप लगाए तो उसके बारे में हम क्या कह सकते हैं। नोटों की कमी होने पर आरोप हम पर लगाना हास्यास्पद है। दिग्विजय सिंह ने बताया कि नर्मदा यात्रा के दौरान उन्हें राज्य भर में प्रदेश सरकार द्वारा 6 करोड़ पेड़ लगवाने के दावों का सच पता चला। उन्होंने बताया कि 1800 किलोमीटर में उन्हें मात्र तीन पेड़ देखने को मिले। प्रदेश सरकार द्वारा कराए गए वृक्षारोपण में मात्र 60 हजार से एक लाख पौधे ही लगाए गए हैं, इस कार्यक्रम के दौरान पेड़ लगाने में भारी पैमाने पर भ्रष्टाचार किया गया है। व्यापम घोटालों पर बात करते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि सात सालों तक CM के नाक के नीचे सब कुछ हुआ है। इस दौरान जिन लोगों ने पैसा लिया वे लोग आज तक कटघरे में नहीं पहुंचाए गए हैं। 

नर्मदा की स्थिति देखकर आंखों में आ गए आंसू 
दिग्विजय सिंह ने बताया कि नर्मदा नदी के उद्गम स्थल अमरकंटक में झीरन से पानी आना बंद हो गया है। उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि नर्मदा कंट्रोल अथॉरिटी (एनसीए) को नर्मदा का न्यूनतम प्रवाह सुनिश्चत करने की आवश्यकता है।  एनसीए द्वारा नर्मदा परिक्रमा यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए छोटे पुल बनाए जाने की जरूरत है. उन्होंने बताया कि परिक्रमा के दौरान खनन माफिया उन्हें देखकर अपनी मशीनें छिपा लिया करते थे। शिवराज सरकार के कामकाज से किसान बहुत नाराज हैं, आदिवासियों के गांव के गांव खाली हो रहे हैं। सबसे ज्यादा चिंता का विषय नर्मदा नदी का मशीनों से किया जा रहा मनमाना दोहन है। नर्मदा की स्थिति को देखकर उनके आंखों में आंसू आ गए। उन्होंने कहा कि मैं हमेशा से ही धार्मिक रहा हूं, और मुझे ये संस्कार मेरी मां से मिले हैं। मुझे अपनी धार्मिकता को प्रमाणित करने के लिए किसी प्रमाणपत्र की आवश्यकता नहीं है। 

अनुभव जानना है तो खुद परिक्रमा करो 
दिग्विजय ने अपनी नर्मदा यात्रा के बारे में बताते हुए कहा कि जगद्गुरू शंकराचार्य ने उनसे कहा था कि परिक्रमा करो साथ ही उनकी पत्नी अमृतासिंह ने भी साथ देने पर सहमति दी थी। बता दें कि पिछले दिनों नौ अप्रैल को दिग्विजय सिंह ने छह माह लंबी नर्मदा यात्रा समाप्‍त की है। इस दौरान उन्होंने करीब 3300 किमी की पदयात्रा की है। इसको धार्मिक यात्रा बताने वाले दिग्विजय सिंह ने इसके लिए बाकायदा कांग्रेस महासचिव के पद से छुट्टी ली थी। उन्होंने बताया कि परिक्रमा शुरू करने से पहले उनसे कई लोगों ने कहा कि वे इस यात्रा को गाड़ी से पूरा करें जिसे उन्होंने नकार दिया। उन्होंने इस यात्रा पर चलने के लिए किसी को निमंत्रण नहीं दिया। उन्होंने यात्रा के अनुभव पर पूछे गए सावल पर कहा कि, अनुभव जानना है तो खुद परिक्रमा कर लो।  

साझा किये नर्मदा यात्रा के अनुभव बताया इतिहास 
कांग्रेस नेता ने कहा कि, "हर वर्ग समाज के लोग परिक्रमा मे साथ रहे। कई सारे मुझसे भी बुजुर्ग व्यक्तियों ने इस यात्रा में मेरा साथ दिया। यात्रा के पहले 10-12 दिन नर्मदा जी परीक्षा लेती हैं।" उन्होंने नर्मदा नदी के बारे में बताते हुए कहा कि, "नर्मदा के दर्शन मात्र से पुण्य मिलता है। नर्मदा नदी गंगा से भी पुरानी है, हाल ही में 25,000 साल पुराने अवशेष नर्मदा के तट पर मिले हैं। किसी भी धर्म का कोई भी ऐसा संत या ऋषि नहीं है जिसने नर्मदा तट पर तपस्या ना की हो। कई सारे विलक्षण संत आज भी नर्मदा तट पर रहते हैं। उन्होंने कहा कि नर्मदा को सबसे पुरातन नदियों की श्रेणी में रखा जाता है। उन्होंने नर्मदा परिक्रमा के अनुभव साझा करते हुए कहा कि, "नर्मदा किनारे रहने वालो मे अदभुत सहयोग की भावना है। उनके घर मे अगर दो रोटी है तो वे एक रोटी परिक्रमा वालों को खिलाते हैं। 

Created On :   17 April 2018 1:01 PM GMT

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