डोप टेस्ट में फेल हुए अमरिंदर के MLA, यूरिन में पाए गए नशीली दवा के अंश

Congress MLA failed in dope test, benzodiazepine found in urine
डोप टेस्ट में फेल हुए अमरिंदर के MLA, यूरिन में पाए गए नशीली दवा के अंश
डोप टेस्ट में फेल हुए अमरिंदर के MLA, यूरिन में पाए गए नशीली दवा के अंश
हाईलाइट
  • उनके यूरीन सैंपल में नशीली दवा बेंजोडाइजेपिन के अंश पाए गए हैं।
  • कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार ने सभी सरकारी कर्मचारियों का डोप टेस्ट अनिवार्य करवाया है।
  • पंजाब लंबे समय से नशे की गिरफ्त में हैं।
  • करतारपुर के कांग्रेस विधायक सुरिंदर सिंह चौधरी डोप टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए हैं।

डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। पंजाब लंबे समय से नशे की गिरफ्त में हैं। राज्य के युवा नशे के शिकार होते जा रहे हैं। इस समस्या से जूझ रहे पंजाब को निजात दिलाने के लिए कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार ने सभी सरकारी कर्मचारियों का डोप टेस्ट अनिवार्य करवाया है। हालांकि इस डोप टेस्ट में खुद उनकी ही पार्टी के एक एमएलए फेल हो गए हैं। करतारपुर के कांग्रेस विधायक सुरिंदर सिंह चौधरी डोप टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए हैं। उनके यूरीन सैंपल में नशीली दवा बेंजोडाइजेपिन के अंश पाए गए हैं।

 
यह नशीली दवा डिप्रेशन व नींद की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए इस्तेमाल होती है। वहीं, विधायक का कहना है कि उन्होंने माइंड रिलेक्स करने वाली दवा ली है। उनके पास डॉक्टर की प्रिस्क्रिप्शन है। वैसे यह पहला मौका है जब किसी नेता का डोप टेस्ट पॉजिटिव पाया गया हो। इसके पहले विधायक बावा हैनरी, रजिंदर बेरी, सांसद चौधरी संतोख सिंह, विपक्ष के नेता सुखपाल सिंह खैहरा डोप टेस्ट करवा चुके हैं। 

 

नेताओं में डोप टेस्ट कराने की होड़


सीएम सीएम अमरिंदर सिंह ने नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्स्टेंस (एनडीपीएस) कानून, 1985 में संशोधन के जरिए ड्रग की तस्करी करने के लिए मौत की सजा के प्रवधान की सिफारिश करने का फैसला लिया था। राज्य में मादक पदार्थों की लत से लोगों को बचाने के लिए उन्होंने सरकारी कर्मचारियों का भी साल में एक बार डोप टेस्ट अनिवार्य कर दिया है। इस नियम के बाद अब नेताओं में भी डोप टेस्ट कराने की होड़ लगी हुई है। बता दें कि सरकारी कर्मचारियों को लेकर सीएम ने साफ कहा कि किसी भी कर्मचारी का डोप टेस्ट पॉजिटिव निकला तो उसे बर्खास्त नहीं किया जाएगा। बल्कि, पहचान गुप्त रखते हुए उसका इलाज करवाया जाएगा।


 

राज्य सरकार द्वारा नशा विरोधी मुहिम को लेकर एक कैबिनेट सब-कमेटी की मीटिंग भी हुई। इस मीटिंग में सीएम ने मुख्य सचिव को मुलाजिमों का डोप टेस्ट करवाने की प्रक्रिया तैयार करने की हिदायत दी। सीएम ने कहा कि एसएचओ निर्धारित समय में अपने इलाकों में पड़ने वाले गांवों से नशे की समस्या दूर करने के लिए जवाबदेह होंगे। सीएम ने नशे से संबंधित बकाया मामलों में और तेजी लाने के निर्देश भी दिए हैं। इसके साथ ही कहा है कि एसडीएम, डीएसपी भी अपने इलाकों को नशा मुक्त करने के लिए जिम्मेदार होंगे। वहीं नशे के आदी जो लोग अस्पतालों में इलाज का खर्च नहीं उठा सकते, उनके इलाज का खर्च सरकार उठाएगी।

Created On :   11 July 2018 12:25 PM GMT

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