कर्नाटक में कांग्रेस चाहती है मध्यावधि चुनाव, सिद्धारमैया से नाराज हैं उनके विधायक : भाजपा

Congress wants midterm elections in Karnataka, Siddaramaiah is upset with his MLA: BJP
कर्नाटक में कांग्रेस चाहती है मध्यावधि चुनाव, सिद्धारमैया से नाराज हैं उनके विधायक : भाजपा
कर्नाटक में कांग्रेस चाहती है मध्यावधि चुनाव, सिद्धारमैया से नाराज हैं उनके विधायक : भाजपा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव पी. मुरलीधर राव ने कहा कि कांग्रेस कर्नाटक में मध्यावधि चुनाव चाहती है। जबकि, खुद कांग्रेस के विधायक और राज्य की जनता ऐसा नहीं चाहती। सिद्धारमैया की महत्वाकांक्षा से नाराज होकर आगे और कांग्रेस विधायक पार्टी का साथ छोड़कर भाजपा में आ सकते हैं।

भाजपा महासचिव ने कहा कि पांच दिसंबर को होने जा रहे उपचुनाव में जनता स्थिर सरकार के लिए भाजपा को सभी 15 सीटों पर जीत दिलाएगी। बीएस येदियुरप्पा सरकार जनआकांक्षाओं के अनुरूप काम कर रही है। भाजपा को राज्य में बहुमत के लिए इस उपचुनाव में कम से कम सात सीटों पर जीत जरूरी है। लेकिन मुरलीधर राव सभी सीटें जीतने का दावा करते हैं।

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव पी. मुरलीधर ने आईएएनएस से कहा, कांग्रेस में पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की वजह से गुटबंदी है। सिद्धारमैया मध्यावधि चुनाव चाहते हैं। उनकी महत्वाकांक्षा से कांग्रेस के ही विधायक डरे हुए हैं। क्योंकि पार्टी के विधायक किसी भी सूरत में मध्यावधि चुनाव नहीं चाहते।

क्या कुछ और कांग्रेस विधायक भाजपा में आ सकते हैं, इस सवाल पर मुरलीधर ने कहा, सिद्धारमैया की महत्वाकांक्षा ने जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन सरकार चलने नहीं दिया। अब वह निजी फायदे के लिए सोचते हैं कि फिर से चुनाव हो। सिद्धारमैया के कारण आंतरिक कलह से परेशान होकर अनेक नेताओं ने पार्टी छोड़ दिया। जिसके कारण उपचुनाव हो रहा है। सिद्धारमैया जिस तरह पार्टी में डर का माहौल पैदा कर रहे हैं, उससे कांग्रेस से और नेता पीछा छुड़ा सकते हैं।

पी. मुरलीधर राव ने कहा कि जनता को उपचुनाव में पता है कि कांग्रेस-जेडीएस को वोट देना अस्थिर सरकार को वोट देने जैसा होगा। कांग्रेस राज्य में मध्यावधि चुनाव चाहती है। ऐसे में जनता को लगता है कि भाजपा ही एकमात्र पार्टी है जिसे वोट देने पर वह राज्य को स्थिर सरकार दे पाएगी।

पी. मुरलीधर राव ने इस्तीफा देने वाले 15 अयोग्य विधायकों को टिकट देने के सवाल पर कहा कि वे कांग्रेस, सिद्धारमैया, राहुल गांधी और कुमारस्वामी की राजनीति और नेतृत्व का विरोध कर इस्तीफा दिए थे और सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें चुनाव लड़ने का अधिकार दिया। इस नाते भाजपा ने उन्हें चुनाव मैदान में उतारा है।

बता दें कि 225 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस-जेडीएस के 17 विधायकों के जुलाई में इस्तीफा देने के कारण बहुमत का आंकड़ा कम हो गया था। जिसके बाद जुलाई में भाजपा की येदियुरप्पा सरकार बनी थी। फिलहाल 15 सीटों के उपचुनाव में भाजपा को बहुमत के लिए कम से कम सीत सीटें चाहिए। भाजपा ने कांग्रेस और जेडीएस के इस्तीफा देने वाले विधायकों को ही टिकट दिया है।

 

Created On :   27 Nov 2019 3:00 PM GMT

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