किसानों के मुद्दे पर सड़क से संसद तक आक्रामक होगी कांग्रेस, सरकार के आश्वासन से संतुष्ट नहीं किसान

Congress will be aggressive from road to parliament on farmers issue
किसानों के मुद्दे पर सड़क से संसद तक आक्रामक होगी कांग्रेस, सरकार के आश्वासन से संतुष्ट नहीं किसान
किसानों के मुद्दे पर सड़क से संसद तक आक्रामक होगी कांग्रेस, सरकार के आश्वासन से संतुष्ट नहीं किसान

डिजिटल डेस्क, वर्धा। दिल्ली में प्रदर्शनकारी किसानों पर लाठीचार्ज का मामला कांग्रेस के लिए बड़ा मुद्दा बन गया है। मंगलवार को सेवाग्राम में कांग्रेस की कार्यसमिति की बैठक में किसानों के मुद्दे पर प्रस्ताव पारित किया गया। महात्मा गांधी के साथ ही लालबहादुर शास्त्री की भी जयंती थी। लिहाजा कांग्रेस ने शास्त्री के जय जवान जय किसान के नारे को आगे बढ़ाते हुए युवा व किसानों को चुनाव रणनीति का हिस्सा बनाने का निर्णय लिया। अब कांग्रेस किसानों को राहत और युवाओं को रोजगार दिलाने के आव्हान के साथ सड़क पर आक्रामक होगी।

सरकार के आश्वासन से संतुष्ट नहीं हुए किसान
उधर दिल्ली में सरकार के साथ किसानों की बातचीत अटक गई है। सरकार ने किसानों की 11 मांगों में से सात मांगे तो मान ली है, परंतु चार पर बात अटक गई।  ऐसे में भारतीय किसान यूनियन ने दिल्ली बोर्डर से नहीं हटने और वहीं रातभर डेरा डालने का फैसला किया है। किसानों की इस फैसले के बाद सरकार की मुश्किल बढ़ गई है। किसान नेताओं की मंगलवार को गृह मंत्री राजनाथ सिंह के साथ अहम बैठक हुई। इस बैठक में किसानों की कुल 11 मांगों में से सात मांगों पर सहमति बनने की खबर है। इसके बाद केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत दिल्ली बोर्डर पर आंदोलनरत किसान संघ के नेताओं से मिले और उन्होने सहमति वाली मांगे माने जाने का एलान किया। शेखावत ने कहा कि किसानों की मांग पूरी करने के लिए एक समिति भी बनेगी। उन्होने कहा कि हम एनजीटी के इस आदेश को लेकर अदालत में जाएंगे कि 10 साल पुराने ट्रैक्टरों और वाहनों पर पाबंदी लगनी चाहिए। इसके बाद  किसान पुराना ट्रैक्टर चला सकेंगे। सरकार ने खेेती को नरेगा से जोड़ने का भी वादा किया है। 

भाकियू के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने सरकार की इस घोषणा को नाकाफी बताते हुए कहा कि हम सरकार के आश्वासन से संतुष्ट नहीं हैं। लिहाजा किसानों का प्रदर्शन जारी रहेगा। दरअसल किसानों की प्रमुख मांगों में कर्जमाफी और स्वामीनाथन समिति की रिपोर्ट लागू करना भी है, लेकिन सरकार ने इन दोनों प्रमुख मांगों पर ठोस आश्वासन नहीं दिया है। किसान इस बात से भी नाराज हैं कि सरकार ने उन्हें दिल्ली जाने नहीं दिया और पुलिस ने उनके साथ हिंसा की। आंदोलनरत किसानों का समर्थन देने रालोद प्रमुख चौ अजित सिंह दिल्ली बोर्डर पहुंचे तो कांग्रेस, आम आदमी पार्टी सहित दूसरे दलों का भी उन्हें साथ मिला है। इसके पहले किसानों को दिल्ली पहुंचने से रोकने के लिए सरकार ने पुलिस की जबर्दस्त घेराबंदी कर रखी थी। सभी रास्तों को बंद कर दिए गए हैं तो किसानों ने पुलिस की बैरिकेड तोड़िकर आगे बढ़ने की कोशिश की। इस दौरान पुलिस ने पानी की बौछार की और आंसू गैस के गोले छोड़े, जिससे कई किसान घायल हो गए।

Created On :   2 Oct 2018 4:11 PM GMT

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