अनोखी टेक्नलाॅजी, शुद्ध 'घी' से किया गया इस मंदिर का निर्माण

Construction of this temple with unique technology and pure ghee
अनोखी टेक्नलाॅजी, शुद्ध 'घी' से किया गया इस मंदिर का निर्माण
अनोखी टेक्नलाॅजी, शुद्ध 'घी' से किया गया इस मंदिर का निर्माण

डिजिटल डेस्क, बीकानेर। ऐसा कहा जाता है कि प्राचीन काल में सीमेंट की बजाए चावल के माढ़ का इस्तेमाल किया जाता था, मंदिर या स्मारक बनाने के लिए। चीन की दीवार से जुडे़ हुए ऐसे तथ्य भी सामने आए हैं, लेकिन आज हम आपको जिस मंदिर की ओर लेकर जा रहे हैं उसे बनाने के लिए शुद्ध घी का इस्तेमाल किया गया। निर्माण कार्य की इस अनोखी पद्धति की वजह से ये खासा फेमस है...

जैन तीर्थंकर को समर्पित
यह मंदिर पांचवे जैन तीर्थंकर सुमति नाथ को समर्पित है और भांडा शाह मंदिर के नाम से ज्यादा प्रचलित है। इसे बीकानेर शहर राव बीका द्वारा बसाया गया था। इस पुराने शहर की दीवारों के बीच है बड़ा बाजार है। इस बाज़ार में भांडा शाह नामक व्यापारी ने 1468 में एक जैन मंदिर बनवाना शुरू करवाया और इसे 1541 में भांडा शाह की पुत्री ने पूरा कराया था। 

40,000 किलो घी का इस्तेमाल
इस मंदिर को बनाने के लिए बालू पत्थर और सफेद संगमरमर का इस्तेमाल किया गया है। इसके निर्माण को लेकर मान्यता है कि कि मंदिर के निर्माण में पानी की जगह 40,000 किलो शुद्ध घी का इस्तेमाल किया गया था।

इसे बनाने में लंबा समय लगा। ऐसा भी कहा जाता है कि मंदिर की मजबूती को ध्यान रखते ही इस तकनीक का इस्तेमाल किया गया था।

Created On :   14 Aug 2017 3:44 AM GMT

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