रूफटाप सौर ऊर्जा के लिए नेट मीटरिंग का सहारा ले रहे कंज्यूमर

Consumers resorting to net metering for rooftop solar energy
रूफटाप सौर ऊर्जा के लिए नेट मीटरिंग का सहारा ले रहे कंज्यूमर
रूफटाप सौर ऊर्जा के लिए नेट मीटरिंग का सहारा ले रहे कंज्यूमर

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  प्रदेश में रूफटाप सौर ऊर्जा बनाने का चलन बढ़ा है। इससे उपभोक्ताओं को तो लाभ हो ही रहा है, साथ ही प्रदेश को लोडशेडिंग मुक्त रखने में भी सहायता मिल रही है। इसके लिए उपभोक्ता नेट मीटरिंग का सहारा ले रहे हैं। इसे बढ़ावा देने के लिए मेढा तथा महावितरण समन्वय के साथ कार्य कर रहे हैं। मेढा कागजी कार्रवाई तथा महावितरण साध्यता व बिलिंग का कार्य संभाल रही है। मार्च अंत तक इस पर सरकार 30 प्रतिशत सब्सिडी दे रही थी। वर्तमान में यह अस्थायी रूप से बंद की गई है। मेढा के महाप्रबंधक सारंग महाजन के अनुसार शीघ्र ही सब्सिडी की कागजी कार्रवाई पूरी हो जाएगी। उसके बाद सब्सिडी पुन: शुरू होगी। उनके अनुसार अभी नागपुर परिमंडल में 50 मेगावाॅट से अधिक की क्षमता नेटमीटरिंग रूफटाप से स्थापित की जा चुकी है। जानकारी के अनुसार लघुदाब कनेक्शन में यदि मार्च तक के आंकड़े देखें तो महाराष्ट्र में सबसे अधिक रूफटाप सौर ऊर्जा से नागपुर परिक्षेत्र में ही महावितरण को अतिरिक्त बिजली मिल रही है। यहां 4187 रुफटाप से 23 लाख 1310 यूनिट बिजली महावितरण को दे रहे हैं। इसमें भी नागपुर परिमंडल सबसे आगे है। यहां 2565 उपभोक्ता 14 लाख 5 हजार 645 अतिरिक्त यूनिट महावितरण को दे रहे हैं। यह संख्या प्रदेश में पुणे के बाद सबसे बड़ी है। पुणे में 2076 उपभोक्ता 14 लाख 54 हजार 981 यूनिट बिजली का महावितरण को भेज रहे हैं।

इधर यूनिवर्सिटी में सोलर पैनल का प्रस्ताव अटका

यूनिवर्सिटी के परीक्षा भवन और एलआईटी परिसर की इमारतों पर सोलर पैनल लगाने का प्रस्ताव इन दिनों ठंडे बस्ते में है। कुछ महीनों पूर्व यूनिवर्सिटी की मैनेजमेंट काउंसिल की बैठक में 32 लाख रुपए की लागत से यह सोलर पैनल लगाने का निर्णय हुआ था। जानकारी के अनुसार परीक्षा विभाग में सोलर पैनल लगाने के लिए तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक डॉ. नीरज खटी ने प्रस्ताव तैयार करके विवि को सौंपा था, लेकिन उनके पदभार त्यागने के बाद ये इस दिशा में बात आगे नहीं बढ़ सकी है। नागपुर यूनिवर्सिटी में हाईटेंशन और लो टेंशन कैटेगरी की बिजली आपूर्ति होती है। नागपुर यूनिवर्सिटी अपने सभी इमारतों के लिए कुल मिलाकर 24 लाख से अधिक का बिजली का बिल प्रतिमाह अदा करता है।

उम्मीद की जा रही थी कि परीक्षा विभाग और एलआईटी में सोलर पैनल लगाने से यूनिवर्सिटी का यह खर्च काफी हद तक कम हो जाएगा। लेकिन यूनिवर्सिटी  की इस बहुप्रत्याशित योजना पर एक विवाद है।  जानकारी के अनुसार यूनिवर्सिटी  ने राज्य सरकार की सोलर सब्सिडी स्कीम में मुफ्त में यह सेट-अप लगाने की जगह, अपने जनरल फंड से इसका खर्चा करने की तैयारी की है। जबकि मैनेजमेंट काउंसिल सदस्य विष्णु चांगदे व अन्य ने इसे सरकारी सब्सिडी से लगाने की मांग की थी। इसके लिए यूनिवर्सिटी  को ऊर्जा मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले और डिस्ट्रिक्ट प्लानिंग एंड डेवलपमेंड काउंसिल (डीपीडीसी) के साथ समन्वय स्थापित करना था। बावनकुले ने नागपुर विवि से इस दिशा में एक प्रस्ताव भेजने को कहा था। लेकिन नागपुर यूनिवर्सिटी  के अधिकारियों को लगा कि उन्होंने इस दिशा में डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) मांगा है, ऐसे में यूनिवर्सिटी  की ओर से ही यह प्रस्ताव लंबित रह गया।

Created On :   20 July 2019 10:01 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story