मराठा आरक्षण : हमारे पास सांप छोड़ने की साजिश रचने वाले नेताओं के नाम - पाटील 

Conversation of many big leaders are recorded, planned to leave snake to create stampede
मराठा आरक्षण : हमारे पास सांप छोड़ने की साजिश रचने वाले नेताओं के नाम - पाटील 
मराठा आरक्षण : हमारे पास सांप छोड़ने की साजिश रचने वाले नेताओं के नाम - पाटील 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। फडणवीस सरकार के मराठा चेहरा राज्य के राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटील ने दावा किया है कि वारी में भगदड़ पैदा करने के लिए सांप छोड़ने की योजना बनाने वाले कई बड़े नेताओं की फोन पर बातचीत की रिकार्डिंग हमारे पास है। उन्होंने कहा कि इन नेताओं के खिलाफ कार्रवाई शुरु की गई है। एक मराठी न्यूज चैनल के कार्यक्रम में उन्होंने यह दावा किया। 

गौरतलब है कि मराठा आरक्षण को लेकर मराठा संगठनों की चेतावनी के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने यह कहते हुए आषाढी पूजा में पढ़ंरपुर न जाने का फैसला लिया था कि कुछ लोग स्थिति बिगाड़ने के लिए वारी में सांप छोड़ने की योजना बना रहे हैं। लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मैंने विट्ठल-रुक्मिणी मंदिर में पूजा करने के लिए न जाने का फैसला लिया है। इसके बाद मराठा संगठनों सहित विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री के इस बयान पर एतराज जताया था। 

पाटील ने कहा कि वारी में सांप छोड़कर भगदड़ पैदा करने की योजना थी। इस तरह की साजिश रचने में कई बड़े नेता शामिल थे। इन नेताओं के खिलाफ सरकार ने कार्रवाई शुरु की है। पाटील ने मुख्यमंत्री का बचाव करते हुए कहा कि खुफिया विभाग से मिली जानकारी के अनुसार ही मुख्यमंत्री ने यह बात कही थी। वारकरियों को कोई परेशानी न हो और उनके दौरे के चलते खराब स्थिति पैदा न की जाए इस लिए मुख्यमंत्री ने आषाढी महापूजा में भाग नहीं लेने का फैसला किया था। 

हम ही देंगे आरक्षण  
राजस्व मंत्री पाटील ने कहा कि मराठा आरक्षण हमारा राजनीतिक एजेंडा नहीं है, लेकिन यह हमारा वादा है। हम सरकार में न रहने पर मराठा आरक्षण की मांग करते थे। अब सत्ता में आने के बाद मराठा आरक्षण देंगे। उन्होंने कहा कि मराठा आरक्षण के लिए सरकार कानूनी पहलुओं का अभ्यास कर रही है। हम इसी कार्यकाल में मराठा आरक्षण देंगे। पाटील ने कहा कि इसके पहले की सरकार द्वारा मराठा आरक्षण के लिए जारी अध्यादेश को अदालत ने रद्द कर दिया था। इस मामले की सुनवाई हमारी सरकार आने के पहले पूरी हो चुकी थी। केवल अदालत का फैसला हमारी सरकार आने के बाद आया। अध्यादेश रद्द होने के बाद हमारी सरकार ने कानून भी बनाया। लेकिन अदालत ने उसे भी अस्वीकार कर दिया। 

पाटील ने कहा कि अदालत ने कहा कि कहा कि संविधान के अनुसार आरक्षण दिया जाए। इसके लिए हमने पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किया। पाटील ने कहा कि आघाडी सरकार ने पिछड़ा वर्ग आयोग की बजाय राणे समिति को यह काम सौपा था। राणे समिति के आयोग न होने के कारण उसकी रिपोर्ट पर आधारित आरक्षण कोर्ट में टिक नहीं सका। पिछड़ा वर्ग आयोग का फैसला आने तक ओबीसी आरक्षण के अनुसार जो-जो सहुलियत दी जा सकती है, वह हमने मराठा समाज को दी है। 

स्थानीय कारणों से नई मुंबई में हिंसा
पाटील ने बताया कि मराठा आंदोलन के दौरान नई मुंबई के कलंबोली इलाके में हुई हिंसा स्थानीय वजहों से हुई है। पुलिस का कहना है कि यह हिंसा स्थानीय लोगों और मथाडी कामगारों के बीच हुए संघर्ष का नतीजा था।  
 

Created On :   27 July 2018 3:35 PM GMT

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