भंडारा-गोंदिया प्रस्तावित उपचुनावों पर कोर्ट ने लगाई रोक

court ordered to stop Bhandara-Gondiya proposed bypolls
भंडारा-गोंदिया प्रस्तावित उपचुनावों पर कोर्ट ने लगाई रोक
भंडारा-गोंदिया प्रस्तावित उपचुनावों पर कोर्ट ने लगाई रोक

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने भंडारा-गोंदिया संसदीय क्षेत्र में प्रस्तावित उपचुनावों पर फिलहाल रोक लगाई है। कोर्ट ने चुनाव आयोग को अगले आदेश तक चुनावी कार्यक्रम जाहिर ना करने को कहा है। दरअसल कोर्ट में चुनाव का विरोध करते हुए एक जनहित याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ता प्रमोद गुडधे ने यह याचिका दायर की थी। जिसमें उन्होंने हाईकोर्ट से चुनाव ना होने देने की प्रार्थना की है। याचिकाकर्ता के अनुसार सांसद नाना पटोले के इस्तीफा देने के बाद यहां दोबारा चुनाव की तैयारी की जा रही है। आगामी अप्रैल में यहां उपचुनाव प्रस्तावित है। पुराने चुनाव के खर्च के आधार पर अंदाजा लगाया जा सकता है कि इसमें करीब 8 से 9 करोड़ रुपए का खर्च होगा। लेकिन इस चुनाव में विजेता प्रत्याशी को सिर्फ 7 या 8 महिने का कार्यकाल मिलेगा, इसके बाद दोबारा 2019 में चुनाव होंगे। ऐसे में 7-8 महिने के लिए इतनी बड़ी राशि खर्च करना सही नहीं है। याचिकाकर्ता की ओर से एड.अनिल किल्लोर ने पक्ष रखा। मामले में एक सप्ताह बाद सुनवाई होगी।

चुनाव में खर्च हो रही है बड़ी रकम 
याचिकाकर्ता के अनुसार गोंदिया भंडारा लोकसभा क्षेत्र में 10 अप्रैल 2014 को सांसद के चुनाव हुए थे। 16 मई 2014 को हुई मतगणना में भाजपा के प्रत्याशी नाना पटोले को विजयी घोषित किया गया। इस चुनाव में 5 मार्च से 28 मई 2014 तक आचार संहिता लागू थी। इस चुनाव में कुल 6 करोड़ 28 लाख 86 हजार रुपए का कुल खर्च हुआ था। लेकिन 8 दिसंबर 2017 को नाना पटोले ने अपने सांसद पद से इस्तीफा दे दिया। 14 दिसंबर को उनका इस्तीफा मंजूर हुआ। नाना पटोले के सांसद के रूप में इस्तीफा देने के बाद यहां दोबारा चुनाव होने है। दोबारा चुनावों के मद्देनजर सरकार यहां बड़ी रकम खर्च की जा रही है। बड़ी रकम खर्च करने के बावजूद नए सांसद को मिलने वाली कार्यावधि पर काफी कम होगी इसलिए इस पर ध्यान देना भी जरूरी है।  

Created On :   22 March 2018 11:54 AM GMT

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