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लोणार सरोवर विकास पर कोर्ट सख्त, एक सप्ताह में जगह खाली करने के आदेश
डिजिटल डेस्क, नागपुर । बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में बुधवार बुलढाणा जिला स्थित लोणार सरोवर पर केंद्रित जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान यह सामने आया कि सरोवर विकास कार्यों के लिए सरकार ने पुनर्वसन का इंतजाम किए हैं, मगर झोपड़पट्टी में रहने वाले 200 से अधिक लोग जगह छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं। इस पर हाईकोर्ट ने नगर परिषद के मुख्य अधिकारियों को नोटिस जारी कर 8 दिन में जगह खाली करने के आदेश जारी करने को कहा। कोर्ट ने चेतावनी दी है कि ऐसा न करने पर प्रशासन बल प्रयाेग का सहारा लेगा। कोर्ट ने क्षेत्र के एसपी को इस प्रक्रिया पर नजर रखने को कहा है।
सरकार ने गठित की समिति
लोणार सरोवर के संवर्धन और विकास कार्यों के लिए कीर्ति निपाणकर ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की थी, जिसके बाद उच्च न्यायालय ने एक समिति गठित की थी। संवर्धन, दूषित जल की प्रोसेसिंग जैसे अन्य मुद्दों पर समिति ने विकास कार्यों की स्थिति बताई थी। याचिकाकर्ता ने दलील दी है कि लोणार सरोवर के सवंर्धन के संबंध में केवल चर्चा शुरू है, वास्तव में कार्य नहीं किए जा रहे हैं। इधर, नगर परिषद का दावा है कि उन्होंने सरोवर में गंदा पानी जाने से रोकने के लिए उपाय किए हैं, लेकिन इसकी सफलता के लिए निरंतर नजर बनाए रखने की जरूरत है। इसी याचिका में पुनर्वसन का मुद्दा भी उठाया गया था। याचिकाकर्ता की ओर से एड.आनंद परचुरे ने पक्ष रखा।
लोणार शहर की ये है विशेषता
लोनार महाराष्ट्र राज्य के विदर्भ क्षेत्र के बुलढाणाा जिले में स्थित है। यह शहर मुंबई से 550 किमी. की दूरी पर बसा हुआ है, और औरंगाबाद से 160 किमी. की दूरी पर है। यह समुद्र स्तर से 1850 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। लोनार दुनिया के तीसरे सबसे बड़े क्रेटर के कारण विख्यात है जो आज से 52,000 (35000) साल पहले ही निर्मित हो गया था। इस झील का व्यास 4000 (6000) फीट का और गहराई 450 (500) फीट की है।
Created On :   22 March 2018 7:44 AM GMT