दहेज लोभी पति को 10 साल की कैद, प्रताड़ना से तंग आकर पत्नी ने की थी आत्महत्या

Court punished accused husband with 10 years rigorous imprisonment
दहेज लोभी पति को 10 साल की कैद, प्रताड़ना से तंग आकर पत्नी ने की थी आत्महत्या
दहेज लोभी पति को 10 साल की कैद, प्रताड़ना से तंग आकर पत्नी ने की थी आत्महत्या

डिजिटल डेस्क, कटनी। बरही तहसील अंतर्गत ग्राम कुआं में पति के द्वारा दहेज के लिए दी जा रही प्रताड़ना से तंग आकर पत्नी के द्वारा आत्महत्या किए जाने के मामले पर फैसला सुनाया है। न्यायालय प्रथम अपर सत्र जस्टिस श्रीमति कविता वर्मा ने आरोपी पति रिंकू उर्फ मुरारी काछी 28 वर्ष को 10 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा से दंडित किया है।

अभियोजन के मुताबिक कुआं निवासी कृष्णाबाई काछी ने पति रिंकू उर्फ मुरारी काछी के द्वारा दहेज में बाइक व अन्य सामान की मांग को लेकर किए जा रहे क्रूरतापूर्ण व्यवहार से तंग आकर 3 सितम्बर 2016 को खन्नाबंजारी स्टेशन के समीप ट्रेन से कटकर आत्महत्या कर ली थी। शिकायत पर पुलिस के द्वारा आरोपी मुरारी काछी के खिलाफ धारा 498 ए, 304 बी के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया था।

दो साल पूर्व हिंदू रीति रिवाज से हुए विवाह के बाद से ही पति मुरारी के द्वारा पत्नी कृष्णा बाई को लगातार प्रताड़ित किया जा रहा था। दहेज में मोटर साइकिल की मांग के साथ पिता के घर से अन्य सामान लेकर आने के लिए मजबूर किया जा रहा था। इस दौरान अनेकों बार महिला के साथ मारपीट भी की गई थी। अभियोजन के द्वारा मामले की विवेचना करने के बाद केस डायरी न्यायालय न्यायिक मजिस्टे्रट प्रथम श्रेणी नीरज पवैया की अदालत में प्रस्तुत की गई थी। जहां से यह प्रकरण पारित उपार्पण के पश्चात प्रथम अपर सत्र जस्टिस न्यायालय में पहुंचा।

प्रथम अपर सत्र जस्टिस श्रीमति कविता वर्मा ने अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य दस्तावेजों के परिसीलन और गवाह तथा अधिवक्ताओं की दलीलों को ध्यान से सुना। इसके बाद आरोपी रिंकु उर्फ मुरारी काछी पिता बिहारी काछी 28 वर्ष को दहेज की मांग को लेकर कृष्णाबाई को आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित किए जाने का मामला दोषसिद्ध पाया। जिसके बाद न्यायालय ने आरोपी मुरारी काछी को धारा 498 के दोषसिद्ध अपराध पर तीन वर्ष के सश्रम कारावास व एक हजार रुपए के अर्थदण्ड तथा धारा 304 बी के दोषसिद्ध अपराध पर 10 वर्ष के सश्रम कारावास और 5  हजार रुपए के अर्थदण्ड की सजा सुनाई। अर्थदण्ड अदायगी के व्यतिक्रम पर क्रमश: तीन माह और 6 माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगताएं जाने के आदेश भी दिए गए है। अभियोजन की ओर से अपर लोकअभियोजक के के पांडे ने पैरवी की।

कोर्ट ने कहा-उदारवादी दृष्टिकोण का समर्थन नहीं
अभियुक्त पति की ओर से बचाव पक्ष के अध्विक्ता ने अभियुक्त का प्रथम अपराध होने का हवाला देते हुए कम से कम दंड से दंडित किए जाने का आग्रह न्यायालय से किया गया। बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने कहा कि अभियुक्त की उम्र अभी 30 वर्ष से कम है। ऐसे में उसे कम से कम सजा से दंडित करने का आग्रह किया। इस पर अपर लोक अभियोजक के के पांडे ने कहा कि समाज में दिन प्रतिदिन नवविवाहिताओं की दहेज मृत्यु संबंधी घटनाएं लगातार बढ़ रही है। इसे देखते हुए अभियुक्त के प्रति उदार दृष्टिकोण अपनाया जाना न्यायोचित नहीं होगा। तथा इसका समाज पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा ।

 

Created On :   17 July 2018 8:19 AM GMT

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