फिरौती के लिए मासूम भाई की हत्या करने वाले दो आरोपियों को उम्रकैद

Court sentenced life time imprisonment for the accused of kidnapping and murder
फिरौती के लिए मासूम भाई की हत्या करने वाले दो आरोपियों को उम्रकैद
फिरौती के लिए मासूम भाई की हत्या करने वाले दो आरोपियों को उम्रकैद

डिजिटल डेस्क, छतरपुर। रुपयों की लालच में आकर अपने ही सगे मामा के मासूम लड़के का फिरौती के लिए अपहरण कर निर्मम हत्या करने के मामले में कोर्ट ने फैसला दिया है। चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश नोरिन निगम की कोर्ट ने मामले के दो आरोपियो को दोषी ठहराकर उम्रकैद के साथ 10-10 हजार रुपए के जुर्माना की सजा सुनाई है। एडवोकेट लखन राजपूत ने बताया कि 14 फरवरी 2017 को पुरानी बस्ती खजुराहो निवासी सुरेंद्र लखेरा ने थाना खजुराहो में सूचना दर्ज कराई कि उसका 7 साल का बेटा संस्कार गुम हो गया है। पुलिस ने नाबालिग बच्चा गुम होने से अपराध दर्ज किया और 17 फरवरी को संस्कार का शव मिलने पर विवेचक निरीक्षक केजी शुक्ला ने शक के आधार पर संजीव उर्फ संजू लखेरा निवासी बल्देवगढ़ और प्रेमचंद्र लखेरा निवासी सीताराम कॉलौनी छतरपुर से पूछताछ की गई।

संजीवन ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि वह किराने का सामान फेरी लगाकर बेचता है। उसके चचेरे मामा प्रेमचंद्र लखेरे ने उससे कहा था कि उसे दो लाख रुपए की उधारी देना है। रुपयों की व्यवस्था करो, तब संजीव ने प्रेमचंद्र से कहा कि उसके सगे मामा सुरेंद्र लखेरे खजुराहो में रहते है उनके पास काफ रुपए हैं। सुरेंद्र के लड़के का अपहरण कर रुपए वसूल लेगें। प्रेमचंद्र भी इस बात पर राजी हो गया। 

सगे मामा के बेटे का किया अपहरण
योजना के मुताबिक दोनों 14 फरवरी 2017 को सुबह करीब 11 बजे मोटरसाइकिल में बैठकर छतरपुर से खजुराहो रवाना हुए। खजुराहो में गांधी चौराहा की पुलिया में बैठकर सुरेंद्र के 7 वर्षीय लड़के संस्कार का स्कूल से छुट्टी होने का इंतजार करते रहे। संस्कार जैसे ही स्कूल से बाहर आया तो उसे बस्ती चौराहा में रोक लिया और कहा चलो घूम कर आते हैं।

दोनों ने संस्कार को मोटरसाइकिल में बीच में बैठाकर राजनगर बाईपास रोड से छतरपुर लेकर आए। छतरपुर में संस्कार को चाट खिलाकर नौगांव ले गए। नौगांव से वापिस छतरपुर आते समय धमौरा गांव के पुल के पास खड़े हो गए। तभी संजीव के मोबाइल पर मैसेज आया कि खजुराहो से एक लड़के का अपहरण हो गया है, पुलिस तलाश कर रही है। संजीव ने यह बात प्रेमचंद्र को बताई दोनों पुलिस का नाम सुनकर डर गए। दोनों आपस में बात करने लगे यदि संस्कार को जिंदा छोड़ा तो वह पुलिस को सब कुछ बता देगा। पुल के पास स्थित मंदिर के पीछे बने कुआं में संजीव और प्रेमचंद्र ने संस्कार को स्कूल बेग सहित जिंदा कुआं में फेंककर मार डाला। दोनों मोटरसाइकिल से छतरपुर आ गए।

जघन्य सनसनी खेज मामले में किया चिंहित
पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर घटना में प्रयुक्त मोटरसाइकिल और मोबाइल जब्त किए। तत्कालीन एसपी ललित शाक्यवार ने वारदात की गंभीरता को देखते हुए मामले को जघन्य सनसनी खेज मामले में सामिल कर चिंहित किया। एएसपी नीरज पांडे, एडीपीओ केके गौतम ने लगातार इस मामले की समीक्षा और मॉनीटरिंग करते रहे।

न्यायाधीश नोरिन निगम की  कोर्ट ने सुनाई सजा
अभियोजन की ओर से डीपीओ एसके चतुर्वेदी ने पैरवी करते हुए मामले के सभी सबूत और गवाह कोर्ट के सामने पेश किए। चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश नोरिन निगम की अदालत ने फैसला सुनाते हुए आरोपी संजीव और प्रेमचंद्र लखेरे को बच्चे का अपहरण कर हत्या करने के आरोप का दोषी करार दिया। कोर्ट ने दोनों आरोपियो को आईपीसी की धारा 363 में 7-7 साल की कठोर कैद 5-5 हजार रुपए का जुर्माना और धारा 302 में आजीवन कारावास के साथ 5-5 हजार रुपए के जुर्माना की सजा सुनाई।
 

Created On :   8 Sep 2018 8:55 AM GMT

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