मध्यप्रदेश की जड़ी-बूटियों से क्रिकेटर सनथ जयसूर्या का इलाज शुरू

Cricketer sanath jayasurya treatment start from mps herbal medicines
मध्यप्रदेश की जड़ी-बूटियों से क्रिकेटर सनथ जयसूर्या का इलाज शुरू
मध्यप्रदेश की जड़ी-बूटियों से क्रिकेटर सनथ जयसूर्या का इलाज शुरू

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। मध्यप्रदेश की जड़ी-बूटियों से श्रीलंका क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और 1996 वर्ल्ड कप के हीरो सनथ जयसूर्या का इलाज शुरू हो गया है। विश्वस्तरीय स्टार क्रिकेटर सनथ जयसूर्या घुटनों के दर्द से काफी परेशान हैं। उनका ये इलाज आयुर्वेदाचार्य डॉ. प्रकाश इंडियन टाटा कर रहे हैं। श्रीलंका से जारी की गई तस्वीरों में डॉ. टाटा जयसूर्या का इलाज करते नजर आ रहे हैं।

जानकारी के अनुसार सनथ जयसूर्या का इलाज जिन जड़ी-बूटियों से किया जा रहा है, वे मध्यप्रदेश के पातालकोट में मिलती हैं। यहां पातालकोट से जड़ी-बूटियां ले जाकर जयसूर्या का इलाज किया जा रहा है। बता दें कि जयसूर्या पिछले कुछ समय से ""नी इंज्यूरी"" से जूझ रहे हैं। काफी इलाज कराने के बाद भी ठीक नहीं हुए तो उन्हें भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन ने आयुर्वेद की शरण में जाने की सलाह दी। साथ ही अजहरुद्दीन ने छिंदवाड़ा के आयुर्वेदाचार्य डॉ. प्रकाश इंडियन टाटा से उनकी बात करवाई थी।

 

 

छिंदवाड़ा के हैं प्रकाश टाटा
छिंदवाड़ा के जुन्नारदेव निवासी डॉ. प्रकाश इंडियन टाटा आयुर्वेद के बड़े जानकार माने जाते हैं। बॉलीवुड सहित देश की नामचीन हस्तियों का इलाज आयुर्वेद के जरिए वे करते रहे हैं। कई हस्तियां उन्हें अपना आध्यात्मिक गुरु भी मानती है। उन्हें उत्कृष्ट कार्य के लिए कई जाने-माने अवॉर्ड मिले हैं। कुछ समय तक जयसूर्या की बीमारी को समझने के बाद डॉ. प्रकाश टाटा को उनका इलाज पातालकोट की जड़ी-बूटियों में मिला।

जड़ी बूटियों का भंडार है पातालकोट में
पातालकोट घाटी विभिन्न जड़ी-बूटियों से भरी हुई है। यहां औषधीय गुण वाली कई ज्ञात और अज्ञात दुर्लभ जड़ी बूटियों का भंडार है। 89 वर्गमीटर में फैला पातालकोट 1700 फुट की गहराई में है। यहां की जटिलताओं का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां सूर्य की किरण ही दोपहर में पहुंचती है। तकरीबन 500 वर्षों से भारिया जनजाति के लोग यहां निवास करते हैं।

गौरतलब है कि लंबे समय से घुटनों में दर्द की वजह से श्रीलंका के पूर्व मास्टर ब्लास्टर जयसूर्या चलने फिरने में असमर्थ थे। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में भी इलाज कराया है, उसके बाद भी ठीक नहीं हुए तो उन्होंने छिंदवाड़ा के आयुर्वेदाचार्य डॉ. टाटा को श्रीलंका बुलाया था, जो पातालकोट की दुर्लभ जड़ी-बूटियों से जयसूर्या का इलाज कर रहे हैं। डॉ. टाटा ने बताया कि इस इलाज का असर भी दिखने लगा है। सनथ जयसूर्या अब चलने फिरने लगे हैं।

Created On :   13 Feb 2018 6:01 PM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story