अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में फिर गिरावट, भारत में नहीं हुआ बदलाव

Crude oil prices fall again in international market, learn Prices
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में फिर गिरावट, भारत में नहीं हुआ बदलाव
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में फिर गिरावट, भारत में नहीं हुआ बदलाव
हाईलाइट
  • पेट्रोल और डीजल की कीमत में कमी का कारण कच्चे तेल में गिरावट
  • भारत में छठवें दिन थमा पेट्रोल- डीजल कीमतों की गिरावट का सिलसिला
  • भारत में बुधवार को तेल कंपनियों ने कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पेट्रोल और डीजल के दामों में पिछले 6 दिनों से लगातार गिरावट देखी गई है, लेकिन कीमतों में गिरावट का यह सिलसिला बुधवार को थम गया। दरअसल तेल कंपनियों ने इस दिन पेट्रोल और डीजल के दाम में कोई बदलाव नहीं किया। हालांकि ​बीते ​6 दिनों में देश की राजधानी दिल्ली में पेट्रोल की कीमत में 63 पैसे प्रति लीटर की कमी हुई, जबकि डीजल के दाम में उपभोक्ताओं को 1.13 पैसे प्रति लीटर की राहत मिली। 

देश में पेट्रोल और डीजल की कीमत में आई कमी का कारण अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दामों में कमी आना है। बता दें कि बीते 6 दिनों में अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल 13.65 प्रतिशत आया है। हालां​कि इस दौरान भारत में पेट्रोल सिर्फ 0.90 और डीजल 1.72 प्रतिशत सस्ता हुआ। 

वर्तमान में ये स्थिति
बात करें वर्तमान की तो इंडियन ऑयल की वेबसाइट के अनुसार, दिल्ली, कोलकता, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल के दाम पूर्ववत क्रमश: 71.23 रुपए, 73.47 रुपए, 76.91 रुपए और 74.01 रुपए प्रति लीटर रहे।  डीजल के दाम भी चारों महानगरों में यथावत क्रमश: 65.56 रुपए, 67.48 रुपए, 68.76 रुपए और 69.36 रुपए प्रति लीटर रहे। 

कच्चे तेल के भाव में फिर नरमी
दूसरी ओर अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के भाव में फिर नरमी आई है। ऐसे में आने वाले दिनों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में गिरावट की उम्‍मीद की जा रही है। बता दें कि अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज पर बेंचमार्क कच्चा तेल ब्रेंट क्रूड के अगस्त डिलीवरी अनुबंध में बुधवार को पिछले सत्र के मुकाबले 0.37 फीसदी की कमजोरी के साथ 61.74 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था।   

संयोग से फिर बने वहीं हालात
इसे संयोग ही कहेंगे कि एनडीए के सत्ता में आते ही पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार गिरावट हो रही है। यही हालात वर्ष 2014 में भी बने थे। जब एनडीए की सरकार बनी थी। उस समय कच्चे तेल के दाम 20 जून को 114.81 डॉलर प्रति बैरल पर थे जो 23 जनवरी 2015 तक गिरकर 48.79 डॉलर प्रति बैरल हो गए थे। दामों में गिरावट को लेकर प्रधानमंत्री ने कहा था कि मैं किस्मत वाला हूं।  

होगा ये प्रभाव
माना जा रहा है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल जितना सस्ता होगा, भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए उतना ही फायदा होगा। देश को पेट्रोल और डीजल की जरूरत को पूरा करने के लिए अधिकतर तेल विदेशों से आयात करना पड़ता है और विदेशों से तेल आया करने के लिए विदेशी मुद्रा खर्च करनी पड़ती है, तेल अगर महंगा होगा तो ज्यादा विदेशी मुद्रा खर्च होगी और इससे देश के खजाने पर बोझ पड़ेगा और इसका असर अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है।

Created On :   5 Jun 2019 11:49 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story