डकैतों का कहर: 2 सगे भाइयों समेत 4 ग्रामीणों को मार -मार कर किया घायल

dacoits attacks on 4 villagers including 2 brothers
डकैतों का कहर: 2 सगे भाइयों समेत 4 ग्रामीणों को मार -मार कर किया घायल
डकैतों का कहर: 2 सगे भाइयों समेत 4 ग्रामीणों को मार -मार कर किया घायल

डिजिटल डेस्क सतना। जिले की सीमा से लगे यूपी के चित्रकूट जिले के मारकुंडी थाना क्षेत्र के डोंडा माफी गांव में 21 दिसबंर की रात आधा दर्जन सशस्त्र डकैतों ने पहले जमकर शराब पी, मुर्गे की दावत उड़ाई । चित्रकूट से ब्यूरो रिपोर्ट के मुताबिक शराब-कबाब के बाद शवाब को बेताब इसी दस्यु दल ने नाकाम रहने पर 2 सगे भाइयों समेत 4 ग्रामीणों की इस कदर पिटाई कि  बेकसूरों का पोर-पोर टूट गया। डकैतों की मार से बेदम 3 ग्रामीणों को 24 दिसंबर को यहां के एक निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया है।
1- होश आया तो बंधे थे दोनों हाथ
डकैतों ने 21 दिसबंर की रात तकरीबन 11 बजे डोंडा माफी गांव के बच्चीलाल यादव के घर से की। डकैतों ने पहले दरवाजे पर ठोकर मारकर खुलवाने की कोशिश की। जब बात नहीं बनी तो एक डकैत ने खिडक़ी से बंदूक की नाल अंदर करके   गोली मार देने और कच्चे घर में आग लगा देने की धमकी दी। बच्चीलाल के 22 साल के बेटे राजेश्वर यादव ने बताया कि उसने जैसे ही दरवाजे का हटका खोला ेएक डाकू ने बंदूक की बट उसकी बाईं कनपटी पर जड़ दी। सीने पर एक लात पड़ते ही राजेश्वर बेहोश हो गया। जब उसे होश आया तो उसके दोनों हाथ बंधे थे और लोहे के रॉड से 2 डकैत लगातार पिटाई कर रहे थे।  बचाव  के लिए 55 वर्षीया मां उक्की के साथ भी डकैतों ने मारपीट की। मार से राजेश्वर के पूरे शरीर में चोंट आई है। उसका बायां हाथ भी टूट गया है। डकैतों ने इस घर में तकरीबन 20 मिनट तक तांडव मचाया और पुलिस को खबर करने पर जान से खत्म कर देने की धमकी देकर चले गए।  
2- गहरी नींद में हमला
राजेश्वर यादव पर हमला करने के बाद गैंग रात साढ़े 11 बजे के करीब गांव से बाहर स्थित देवीजी मंदिर पहुंची। डकैतों ने मंदिर के 50 वर्षीय पंडा संता यादव के साथ बेदम मारपीट की और बेहोश संता को  कंटीली झाडिय़ों में फेंक कर  खेत में बनी उस झोपड़ी पर पहुंचे जहां अलाव की आंच में एक ही चारपाई पर 60 वर्षीय शिवप्रसाद यादव और उनके छोटे 58 साल के छोटे भाई कुंज बिहारी सो रहे थे। हथियार बंद डकैतों ने गहरी नींद में सो रहे दोनों भइयों को घेरा और पिटाई शुुरु कर दी। संता यादव की तरह मार से बेहोश हुए शिवप्रसाद को डकैतों ने कड़ाके की ठंड में बेपर्दा करते हुए कंटीली झांडिय़ों में फेंक दिया और कुंज बिहारी यादव को मारते-घसीटते हुए उसके घर तक ले गए। शिवप्रसाद ने बताया कि डकैत उसे मार मार कर घर का दरवाजा खुलवाने के लिए मजबूर कर रहे थे लेकिन उसने भी हिम्मत नहीं हारी। अंतत: नाकाम डकैतों ने मार से बेहोश शिवप्रसाद को भी बेपर्दा किया और पास ही सरसों के खेत में फेंक कर गायब हो गए।
 डर के मारे नहीं गए  इलाहाबाद , आ गए सतना
 पीडि़तों ने बताया कि 22 दिसंबर की सुबह 7 बजे राजेश्वर यादव मारकुंडी थाने पहुंचा। घटनास्थल से थाने की दूरी तकरीबन 5 किलोमीटर है। सुबह 8 बजे पुलिस पहुंची। इसके बाद संता, शिवप्रसाद और कुंजबिहारी की भी तलाश हुई। कोई किसी तो कोई किसी झांड़ी और खेत में मिला। सभी पीडि़तों को लेकर यूपी पुलिस पहले मारकुंडी थाना और फिर मानिकपुर पहुंची। मानिकपुर से इन्हें जिला अस्पताल कर्वी रेफर कर दिया। कर्वी से कुंजबिहारी,राजेश्वर और शिवप्रसाद को इलाहाबाद के लिए रेफर कर दिया गया। पीडि़तों ने बताया कि इलाहाबाद नहीं जा पाने की स्थिति में ये लोग डर के मारे चुपचाप 24 दिसंबर की दोपहर सतना आए और यहां एक प्रायवेट अस्पताल में भर्ती हो गए।  
 

 

Created On :   26 Dec 2017 7:48 AM GMT

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