जबलपुर : इंस्पेक्टर के घर डकैती के लिए ट्रेन से आए थे अपराधी!

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जबलपुर : इंस्पेक्टर के घर डकैती के लिए ट्रेन से आए थे अपराधी!
जबलपुर : इंस्पेक्टर के घर डकैती के लिए ट्रेन से आए थे अपराधी!

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। जबलपुर से 30 किमी दूर गोसलपुर में एएसआई गोविंद सिंह राजपूत के मकान में बर्बर तरीके से डकैती डालने वाले डकैत ट्रेन से घटना स्थल तक पहुंचे थे। एएसआई गोविंद सिंह का मकान रेलवे ट्रैक के पास है, समीप ही गोसलपुर स्टेशन है। रात 2 बजे के करीब पैसेंजर ट्रेन भी गोसलपुर स्टेशन में रुकी थी, लिहाजा अनुमान लगाया जा रहा है कि डकैत ट्रेन से आए थे। इस संबंध में पुलिस ने जीआरपी-आरपीएफ से भी मदद मांगी है।

कटघरे में है पुलिस
एएसआई गोविंद सिंह राजपूूत के घर हुई डकैती की वारदात के बाद ग्रामीणों में पुलिस के खिलाफ भारी आक्रोश व्याप्त है। ग्रामीणों का आरोप है कि दिन भर पुलिस हैलमेट और वाहन चैकिंग के नाम पर अवैध वसूली के लिए लोगों को परेशान करती रहती है लेकिन ऐसे मौकों पर वह समय पर नहीं पहुंच पाती। ग्रामीणों के अनुसार गोसलपुर स्टेशन के पास कई डेरे वाले रहते हैैं, जिनमें महाराष्ट्र और दूसरे प्रदेशों के लोग रहते हैं। कई चोरी और नकबजनी की वारदातों के बाद लोगों ने डेरे वालों पर संदेह जताया, लेकिन पुलिस ने आज तक किसी से भी पूछताछ नहीं की।

कई डकैतियां आज भी अनसुलझी
विगत दो-तीन सालों के भीतर जिले में हुईं कई बड़ी डकैतियों की वारदातें आज तक अनसुलझी हैं। संजीवनी नगर में वकील और ओमती थाना क्षेत्र के नेपियर टाउन में डेढ़ वर्ष पूर्व बार संचालक रामअवतार गुप्ता और 6 माह पूर्व प्रतिष्ठित उद्योगपति केके अग्रवाल के घर में 80 लाख की डकैती आज भी अनसुलझी हैं। एएसआई राजपूत के घर में जिस तरीके से डकैतों ने धावा बोला, ठीक वैसे ही रामअवतार गुप्ता और श्री अग्रवाल के घरों में वारदात को अंजाम दिया गया था। दोनों घटनाओं में डकैत रेलवे ट्रेक के रास्ते आए थे। इन वारदातों में भी आरोपी कैपरी और टी-शर्ट के साथ खतरनाक हथियारों व औजारों से लैसे थे।

क्या है वारदात
रविवार की रात करीब ढाई बजे आधा दर्जन हथियारबंद डकैतों ने धावा बोल कर करीब आधे घंटे तक उत्पात मचाया। डकैतों ने पहले एएसआई के बड़े बेटे को कमरे में बंद किया और फिर उसकी पत्नी राजेश्वरी व छोटे पुत्र अंकित के कमरे में पहुंचकर कम्बल खींचकर  दोनों को जगाया। एक बदमाश ने राजेश्वरी का मंगलसूत्र तोड़ा फिर उनके नाक-कान के जेवरों को नोंचना शुरू कर दिया। अंकित ने विरोध किया तो सभी बदमाश उस पर टूट पड़े, बुरी तरह पीटने के बाद एक ने गले में चाकू और दूसरे ने मुंह में कट्टा अड़ा दिया। एक बदमाश ने राजेश्वरी से आलमारी की चाबियां मांगी, राजेश्वरी ने मना किया तो दो बदमाश उन्हें पीटने लगे और आलमारी तोड़कर सामान निकालना शुरू कर दिया। करीब आधा घंटे तक तांडव मचाने के बाद डकैत दरवाजे बाहर से बंद करके उसी रास्ते से भाग निकले।

घटना के दौरान अंकित और राजेश्वरी ने कई बार रोहित को आवाजें लगाईं, लेकिन जवाब न मिलने पर उन्हें अनहोनी की आशंका हुई, डकैतों के जाते ही दोनों रोहित के कमरे में पहुंचे, कमरा बाहर से बंद था और कुंदे में साड़ी की बड़ी गठान बंधी हुई थी। अंकित ने दरवाजा खोलकर रोहित को आवाजें लगाईं तो वह गहरी नींद में बाहर निकला, रोहित को सुरक्षित देखकर अंिकत और राजेश्वरी को राहत मिली, लेकिन मां-भाई को लहूलुहान देखकर रोहित बेहोश हो गया। उसे गहरा सदमा लग गया था, इसी बीच अंकित ने व रिश्तेदारों ने डायल 100 पर पुलिस को सूचना दी, लेकिन पुलिस आधा घंटे बाद पहुंची, सबसे पहले तीनों घायलों को एम्बुलेंस से मेट्रो अस्पताल ले जाकर भर्ती कराया गया। रोहित अब ठीक है, अंकित भी ठीक है, लेकिन राजेश्वरी की हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है।

Created On :   13 Nov 2018 1:47 PM GMT

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