सदन की सम्पत्ति नष्ट करने पर विधायक के वेतन से वसूला जायेगा हर्जाना

Damage to the property of the house will be recovered from the salary of the legislator
सदन की सम्पत्ति नष्ट करने पर विधायक के वेतन से वसूला जायेगा हर्जाना
सदन की सम्पत्ति नष्ट करने पर विधायक के वेतन से वसूला जायेगा हर्जाना

संजय प्रकाश शर्मा/भोपाल। स्पीकर सीतासरन शर्मा ने मप्र विधानसभा के प्रक्रिया तथा कार्य संचालन संबंधी नियमावली में बदलाव कर दिया है। अब यदि कोई विधायक विधानसभा यानि सदन की सम्पत्ति को नष्ट करता है या क्षति पहुंचाता है तो उसका हर्जाना विधायक के वेतन से वसूला जायेगा।

इसी प्रकार, जब स्पीकर अथवा आसंदी द्वारा विधानसभा की बैठक में किसी वाक्यांश अथवा शब्द को असंसदीय ठहराया जाये तो विधायक को तत्काल अपने शब्द वापस लेने होंगे तथा कोई वाद-विवाद नहीं करना होगा। इसके अतिरिक्त जब कोई विधायक विधानसभा की बैठक में अपने भाषण में किसी दूसरे विधायक की आलोचना करता है तब उस विधायक को संबंधित विधायक के आलोचना के उत्तर देने के समय सदन में उपस्थित रहना होगा। ऐसे समय आलोचना करने वाला विधायक यदि अनुपस्थित रहता है तो यह संसदीय शिष्टाचार का उल्लंघन माना जायेगा।

अब विधायक ये सवाल नहीं कर सकेंगे
नये संशोधन के अनुसार, विधायकों द्वारा अब राज्य सरकार से चार मामलों में सवाल नहीं पूछ पायेंगे और राज्य सरकार भी इन सवालों के जवाब नहीं देगी। ये चार मामले हैं : एक, विधायक राज्य शासन द्वारा गठित किसी समिति की ऐसी कार्यवाही के बारे में नहीं पूछ सकेंगे जो समिति के प्रतिवेदन द्वारा विधानसभा के सामने न रखी गई हो या समिति के समक्ष विचाराधीन हो। दो, राज्य सरकार से ऐसे मामलों के संबंध में जानकारी नहीं मांगी जायेगी जिससे विखण्डनवादी और अलगाववादी प्रवृत्तियों को प्रोत्साहन मिलता हो एवं देश की एकता तथा अखण्डता प्रभावित होती हो। तीन, सवाल ऐसे विषयों से संबंधित नहीं होंगे जिसमें राज्यपाल, मुख्यमंत्री एवं संवैधानिक प्राधिकारियों सदृश्य अतिविशिष्ट व्यक्तियों की सुरक्षा अमले संबंधी जानकारी चाही गई हो। चार, साम्प्रदायिक दंगों, संवेदनशील घटनाओं अथवा गोपनीय स्वरुप की ऐसी गतिविधियों की जानकारी नहीं मांगी जायेगी जिनको प्रकट न करने का संवैधानिक, संविहित या परम्परिक दायित्व हो।


अशासकीय संकल्प देने की अवधि बढ़ी
नियमों में एक नया संशोधन कर विधायकों द्वारा विधानसभा में दिये जाने वाले अशासकीय संकल्पों की सूचना देने की अवधि में भी वृध्दि कर दी गई है। पहले हर विधात्र के प्रथम शुक्रवार के पन्द्रह दिन पहले अशासकीय संकल्प देने की सूचना देने का प्रावधान था। इससे कई विधायक पहले स्पताह में अनुपस्थित रहने के कारण यह सूचना नहीं दे पाते थे। अब सत्र की अवधि समाप्त होने के अंतिम दिन के पूर्व पन्द्रह दिन पूर्व यह सूचना विधानसभा सचिवालय को देने का प्रावधान कर दिया गया है।


विश्वास मत का नया प्रावधान किया
नियमावली में अब तक विधानसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव रखे जाने का ही प्रावधान था और विश्वास मत रखने के प्रस्ताव का कोई उपबंध नहीं था। लेकिन अब संशोधन के जरिये इसका भी नियमों में प्रावधान कर दिया गया है। देश की कई राज्य विधानसभाओं में इसका प्रावधान किया गया है तथा अब मप्र विधानसभा में इसका प्रावधान कर दिया गया है।   

‘‘मप्र विधानसभा के प्रक्रिया तथा कार्य संचालन संबंधी नियमावली में समय के हिसाब से संशोधन किया गया है। इसके लिये सभी विधायकों से सात दिन पहले राय मांगी गई थी तथा किसी के द्वारा राय न देने पर अब इन्हें लागू कर दिया गया है।’’
पीएन विश्वकर्मा अपर सचिव मप्र विधानसभा

 

 

Created On :   18 March 2018 11:23 AM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story