भ्रष्टाचार के आरोपी लेखाधिकारी की सेवाएं हुई समाप्त, किया था लाखों का गोलमाल

Damoh : Services of corruption accounting officer ended today
भ्रष्टाचार के आरोपी लेखाधिकारी की सेवाएं हुई समाप्त, किया था लाखों का गोलमाल
भ्रष्टाचार के आरोपी लेखाधिकारी की सेवाएं हुई समाप्त, किया था लाखों का गोलमाल

डिजिटल डेस्क, दमोह। स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत दमोह जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत बलारपुर में वर्ष 2016 में बनाए गए 40 व्यक्तिगत शौचालय के भुगतान में भ्रष्टाचार के मामले में अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी मध्य प्रदेश राज्य रोजगार गारंटी परिषद भोपाल के आदेश के उपरांत कलेक्टर द्वारा जिला पंचायत के भ्रष्ट लेखाधिकारी अवधेश गौतम की सेवाएं समाप्त कर दी हैं। कलेक्टर द्वारा दिए गए आदेश में वर्ष 19-20 से उनकी संविदा अवधि ना बढ़ाने का आदेश दिया गया है।

मुख्य कार्यपालन अधिकारी मनरेगा भोपाल ने दिए थे निर्देश
इस संबंध में अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी मध्य प्रदेश राज्य रोजगार गारंटी परिषद भोपाल द्वारा 12 अप्रैल 19 को पत्र भेजकर मुख्य कार्यपालन अधिकारी राज्य स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण सतपुड़ा भवन भोपाल के द्वारा ग्राम पंचायत बलारपुर में शौचालय निर्माण के भुगतान के मामले में कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया था। इसी के तारतम्य जिला कार्यक्रम समन्वयक एवं कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत दमोह के द्वारा प्रस्तुत की गई कार्यवाही पर आदेश जारी किया।

क्या था मामला
ग्राम पंचायत बलारपुर में 2016 में 40 व्यक्तिगत शौचालय बनाए गए थे। इनके लिए बाहुबली मैटेरियल सप्लायर्स एवं सिद्ध बाबा मैटेरियल सप्लायर्स द्वारा प्रथक प्रथक 20- 20 शौचालयों के लिए मैटेरियल सप्लाई किया था इस मैटेरियल सप्लाई के लिए बाहुबली द्वारा 22 मई 2016 को 20 शौचालयों के लिए 2लाख 4 हजार  720 का बिल पेश किया था, वहीं 20 शौचालयों के मैटेरियल सप्लाई के लिए सिद्ध बाबा मैटेरियल सप्लायर्स द्वारा 2 लाख 4  हजार  716 का बिल पेश किया गया था।

बदल दिए गए थे बिल
जिला पंचायत में दोनों सप्लायर्स ने अपने अपने बिल प्रस्तुत किए थे, लेकिन जिला पंचायत के लेखाधिकारी अवधेश गौतम तत्कालीन जिला समन्वयक दीपमाला सिकरवार व लेखापाल अंशुल जैन ने मिलीभगत गड़बड़झाला करते हुए बाहुबली सप्लायर्स को पूरे 40 शौचालयों के मैटेरियल सप्लाई का 4 लाख 9 हजार 420 का भुगतान कर दिया था। बाहुबली को पूरा पैसा मिल सके इसके लिए इन चारों ने बाहुबली सप्लायर्स से बिना तारीख के फर्जी बिल जनरेट करा कर और उसे सिद्र बाबा मैटेरियल द्वारा 26 अप्रैल 16 को प्रस्तुत किए गए मूल सप्लाई बिल से बदल दिया गया था।

कलेक्टर ने दिए थे जांच के निर्देश
इस मामले को लेकर दैनिक भास्कर ने अनेक बार इस मुद्दे को उठाया था। जिस पर कलेक्टर डॉ श्रीनिवास शर्मा ने तत्कालीन सीईओ अशोक ओहरी को निर्देश देने पर उनके द्वारा सहायक पेंशन अधिकारी सौरभ सेलट को जांच के निर्देश दिए थे। जिस पर जांच किए जाने पर यह पाया गया था कि इस प्रकरण में कूट रचना किस स्तर पर हुई और मामले में दोषी अधिकारी कर्मचारी ब लाभ लेने वाले वेंडर के विरुद्ध कार्यवाही प्रस्तावित की थी।

अधिकारियों ने  जांच रिपोर्ट को नकारा था 
इस मामले की पहली जांच रिपोर्ट तत्कालीन सीईओ एच एस मीणा ने जांच रिपोर्ट से सहमत ना होते हुए पुन: जांच स्पष्ट रूप से करने के लिए 25 अक्टूबर 17 को पुन: निर्देश जारी किए थे। जिस पर सौरभ सेलट ने स्पष्ट रूप से जिला पंचायत के लेखाधिकारी अवधेश गौतम जिला समन्वयक दीपमाला सिकरवार लेखापाल अंशुल जैन तथा बाहुबली मैटेरियल के वेंडर के विरुद्ध शासकीय अभिलेखों में हेराफेरी कर भुगतान प्राप्त करने अमानत में खयानत सिद्ध होती है और यह कृत उनके द्वारा जानबूझकर किया गया सिद्ध किया गया था, लेकिन इसके बाद भी जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एच एस मीणा, प्रभारी सीईओ आनंद कोपरिया ,डीएस रणवा ने इस पर किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की थी,जबकि भोपाल से लगातार ही इस मामले में कार्यवाही के निर्देश दिए जा रहे थे कि मनरेगा परिषद ने स्पष्ट रूप से कलेक्टर को ही कार्यवाही करने के लिए निर्देशित कर दिया  था।

कलेक्टर ने की सेवाएं समाप्त 
इस मामले में कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने पूर्व में भी तत्कालीन सीईओ डीएस रणवा को कार्यवाही के निर्देश दिए थे, लेकिन उनके द्वारा भी दोषी अधिकारी कर्मचारियों को बचाने के लिए गोलमोल पत्र लिखते हुए भोपाल भेज दिया था। उस पत्र पर भी भोपाल में फिर चेतावनी देते हुए कार्यवाही के निर्देश दिए थे। इस पर वर्तमान मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ गिरीश मिश्रा द्वारा तत्काल ही कार्रवाई करते हुए कलेक्टर नीरज कुमार सिंह को कार्यवाही प्रस्तावित की जिस पर कलेक्टर ने दोषी अधिकारी की संविदा अवधि समाप्त करने के निर्देश दे दिए।

इनका कहना है 
इस संबंध में जांच रिपोर्ट के आधार पर सीईओ जिला पंचायत द्वारा प्रस्तावित  कार्यवाही पर लेखा अधिकारी की संविदा अवधि समाप्त कर दी गई है और अब उसे नहीं बढ़ाया जाएगा।
नीरज कुमार सिंह  कलेक्टर दमोह

Created On :   26 April 2019 7:46 AM GMT

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