दाउद की बोलती बंद ! 3 साल से भारतीय खुफिया एजेंसियों ने नहीं सुनी आवाज

Dawoods speech has been closed for three years, intelligence agencies are eager to hear their voice (IANS Exclusive)
दाउद की बोलती बंद ! 3 साल से भारतीय खुफिया एजेंसियों ने नहीं सुनी आवाज
दाउद की बोलती बंद ! 3 साल से भारतीय खुफिया एजेंसियों ने नहीं सुनी आवाज

डिजिटल डेस्क, दिल्ली भारत के मोस्ट वांटेड डॉन दाउद इब्राहिम की बोलती बीते तीन साल से बंद है, मतलब सतर्कता बरतते हुए वह फोन पर बात नहीं कर रहा है, ऐसे में खुफिया एजेंसियां उसकी आवाज सुनने को तरस रही हैं। दाउद की आखिरी फोन कॉल में दिल्ली पुलिस ने नवंबर-दिसम्बर 2016 में सेंध लगाई थी। 

दिल्ली पुलिस ने दाउद के फोन कॉल में सेंध लगाकर उसकी 15 मिनट की रिकॉर्डिंग की। इसे दिल्ली पुलिस के जासूसों ने कराची स्थित नंबर के जरिये केंद्रीय एजेंसियों के सहयोग से रिकॉर्ड किया था। सूत्रों ने बताया कि दक्षिण एशिया के सबसे कुख्यात अपराधी गिरोह डी-कंपनी का बॉस अपने एक सहयोगी से बात कर रहा था, हालांकि इस सहयोगी की पहचान नहीं हो पाई। दिल्ली पुलिस के एक आईपीएस अधिकारी ने बताया, ‘बातचीत के दौरान लगा कि उसने शराब पी रखी थी क्योंकि उसकी आवाज थोड़ी लड़खड़ा रही थी। कुल मिलाकर बातचीत निजी थी और अंडरवर्ल्ड की किसी गतिविधि या योजना का जिक्र नहीं हुआ था।’

1994 से दाउद का पीछा कर रहे नीरज कुमार
अधिकारी ने बताया कि बाद में इस मसले को लेकर उच्चस्तरीय बातचीत हुई जिसमें इंटेलीजेंस ब्यूरो (आईबी) और रिसर्च ऐंड अनैलेसिस विंग (रॉ) के शीर्ष अधिकारी शामिल थे। हालांकि रॉ के पास दाउद की फोन पर बातचीत में सेंधमारी करने के कई वाकये हैं जिनमें तत्कालीन दिल्ली पुलिस आयुक्त नीरज कुमार द्वारा जून 2013 में रिकॉर्ड की गई अंडरवर्ल्ड की सबसे चर्चित बातचीत है। दाउद का 1994 से पीछा कर रहे नीरज कुमार ने कहा, ‘स्पॉट फिक्सिंग मामले की जांच के दौरान हमने दाउद की आवाज सुनी। इस मामले में आईपीएल के कई क्रिकेटरों को आरोपी बनाया गया था।’ नीरज कुमार ने दाउद के सहयोगी दिवंगत इकबाल मिर्ची के खिलाफ मामले की भी जांच की थी। कुमार ने कहा, ‘मैं दाउद की बातचीत की 2016 की रिकॉर्डिंग पर टिप्पणी नहीं कर सकता, लेकिन दिल्ली पुलिस की विभिन्न इकाइयां डॉन के साथ-साथ डी-कंपनी के सहयोगियों के कॉल्स में सेंधमारी करने में सक्षम हैं।’

उगाही के कॉल्‍स में भी आई कमी
सूत्रों ने बताया कि मध्य-पूर्व और यूरोप में डी-कंपनी के घृणित कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल द्वारा दिखाई गई सक्रियता के बाद दाउद और उसके भाई अनीस इब्राहिम सेलफोन का इस्तेमाल करने से बच रहे हैं। यहां तक कि दाउद के करीबी छोटा शकील द्वारा मुंबई के प्रभावशाली उद्योगपतियों को धमकाकर उगाही करने के लिए किए जाने वाले फोन कॉल्स में भी काफी कमी आई है। दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, ‘शायद वह फोन का इस्तेमाल करने से बच रहा है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि डॉन ने कराची से अपना अड्डा बदल लिया है। हमारे पास यह साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत है कि दाउद और उसके गिरोह के करीबी सदस्य अभी तक पाकिस्तान से अपनी योजना को अंजाम दे रहे हैं।’

दाउद को दिल की बीमारी!
इससे पहले 2014-15 में भारतीय एजेंसियों ने लगातार टेलिफोन पर दाउद की बातचीत का पता लगाया जहां वह दुबई में जमीन के सौदे के सिलसिले में अपने सहयोगी जावेद और एक अन्य जानकार से बातचीत कर रहा था। सूत्रों ने बताया कि दाउद कराची के अपने फोन नंबर से दुबई स्थित अपने सहयोगियों से बातचीत कर रहा था। दाउद का फोन टैप करने में भारतीय एजेंसियों की मदद पश्चिमी देशों की एजेंसियों ने की थी जो बाद में मीडिया के एक वर्ग के पास लीक हो गई। इससे कयास लगाया जाने लगा कि भारत का मोस्टवांटेड बीमार चल रहा है। कहा गया कि वह दिल की बीमारी से पीड़ित है और कराची के अस्पताल में भर्ती है, लेकिन उसके भाई अनीस इब्राहिम ने इस बात से साफ इनकार कर दिया था। दरअसल, अंडरवर्ल्ड डॉन रेडियो साइलेंस बनाए हुए है जिससे भारत की खुफिया एजेंसियां हैरान हैं। एजेंसियों को दाउद का पाकिस्तान के कुख्यात सी विंग आईएसआई के साथ रणनीतिक गठजोड़ की पूरी जानकारी है।

 

Created On :   2 Dec 2019 6:30 PM GMT

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