बिना एंट्रेंस टेस्ट दिए ही बनने जा रहे थे डाक्टर, DCI ने किए BDS के 32 छात्रों के एडमिशन निरस्त

DCI canceled the admission of about 32 students of the BDS degree
बिना एंट्रेंस टेस्ट दिए ही बनने जा रहे थे डाक्टर, DCI ने किए BDS के 32 छात्रों के एडमिशन निरस्त
बिना एंट्रेंस टेस्ट दिए ही बनने जा रहे थे डाक्टर, DCI ने किए BDS के 32 छात्रों के एडमिशन निरस्त

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। प्रदेश के पांच निजी डेंटल कालेजों ने शैक्षणिक सत्र 2018-19 के लिए नीट की प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले जिन छात्रों को डायरेक्ट एडमिशन दिया है, उनको अब कालेज से बाहर होना पड़ेगा। नेशनल एलिजिबिल्टी कम एंट्रेंस टेस्ट(नीट) की बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी की परीक्षा पास करने वाले ऐसे 32 छात्रों को चिन्हित किया गया है। डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया (डीसीआई) ने जांच पड़ताल के बाद इन कालेजों को संबंधित छात्रों को बाहर करने का पत्र लिखा है। इस संबंध में मेडिकल यूनिवर्सिटी ने डीसीआई के पत्र के पालन में सभी छात्रों का नामांकन रद्द करते हुए संबंधित कालेजों से छात्रों की संशोधित सूची मांगी है। जानकारी के अनुसार डीसीआई ने संभवत: पहली बार नियमों के पालन में इस तरह का सख्त कदम उठाया है।

इस संबंध में सभी डेंटल कालेजों की एडमिशन प्रक्रिया की वेरीफिकेशन रिपोर्ट में कुछ छात्रों द्वारा काउंसलिंग प्रक्रिया में शामिल नहीं होने की जानकारी सामने आई। इस संबंध में और पड़ताल करने के बाद यह इन 32 छात्रों को ऑनलाइन काउंसलिंग में हिस्सा लिए बगैर तथा डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन के अलॉटमेंट के बिना ही कालेजों ने एडमिशन दे दिया जोकि पूरी तरह से गलत है। एक छात्र तो ऐसा चिन्हित हुए जिसको नीट परीक्षा दिए बिना ही भोपाल के निजी डेंटल कालेज ने प्रवेश दे दिया।

इन कालेजों ने दिए एडमिशन
सेंट्रल काउंसलिंग के बिना जिन डेंटल कालेजों ने छात्रों को प्रवेश दिए उनमें अधिकांश भोपाल के हैं। इनमें ऋषिराज डेंटल कालेज भोपाल के 19, मानसरोवर डेंटल कालेज के 7 जिसमें एक ऐसा भी छात्र है, जिसने नीट परीक्षा ही नहीं दी, मार्डन डेंटल कालेज भोपाल के 2 तथा हितकारिणी डेंटल कालेज जबलपुर के 3 छात्र ऐसे हैं, जिनको नियम के खिलाफ एडमिशन दिया गया।

आगे क्या
इस संबंध में मेडिकल यूनिवर्सिटी ने काउंसिल के पत्र के आधार पर सभी छात्रों के एनरोलमेंट रद्द कर कालेजों को एडमिशन निरस्त करने पत्र लिया है। जानकारों का कहना है कि कालेजों द्वारा जानबूझकर निर्धारित प्रक्रिया से विपरीत जिन छात्रों को प्रवेश दिया उनका एक साल तो खराब हो ही गया। अब उन्हें फिर से नीट की प्रक्रिया से गुजरना होगा।

इनका कहना है
डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया का पत्र मिला है जिसमें कुछ कालेजों ने नियम का पालन न करते हुए डायरेक्ट एडमिशन दिए हैं। इन एडमिशन को रद्द कर दिया गया है, कालेजों के खिलाफ भी कार्यवाई पर विचार किया जा रहा है।
डॉ. आरएस शर्मा, कुलपति मेडिकल यूनिवर्सिटी

 

Created On :   16 Jan 2019 12:55 PM GMT

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