मप्र में साहूकारों से लिया गया आदिवासियों का कर्ज माफ : कमलनाथ
स्थानीय पोलो ग्राउंड में शुक्रवार को आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आदिवासियों द्वारा कर्ज के लिए जमीन, जेवरात गिरवी रखने का जिक्र करते हुए कहा, साहूकारों का आदिवासी विकासखंडों के आदिवासियों पर 15 अगस्त तक के जो कर्ज हैं, अब उसे लौटाना नहीं पड़ेगा। वे कर्ज माफ किए जाएंगे। अब जो भी व्यक्ति कर्ज देना चाहता है, उसे साहूकारी का लायसेंस लेना होगा। यह लाभ उन आदिवासी परिवारों को मिलेगा, जो अनुसूचित क्षेत्र में निवासरत है। साथ ही जेवरात और जमीन को वापस दिलाने के प्रयास भी होंगे।
उन्होंने आगे कहा, आदिवासियों को अगर बगैर लायसेंसधारी साहूकार ने कर्ज दिया तो वह गैर कानूनी होगा। आदिवासी परिवार में जन्म लेने पर 50 कुंटल अनाज मिलेगा और मृत्यु पर 100 किलोग्राम अनाज दिया जाएगा। भोजन के लिए बर्तन भी उपलब्ध कराए जाएंगे।
ज्ञात हो कि राज्य के 19 जिलों के 89 विकासखंड अधिसूचित क्षेत्र हैं, जहां आदिवासी निवास करते हैं।
कमलनाथ ने कहा, इन अधिसूचित क्षेत्र के आदिवासियों को कर्ज लेने की जरूरत न पड़े, इसके लिए उन्हें डेबिट कार्ड दिए जाएंगे, जिसके जरिए वे जरूरत पड़ने पर 10 हजार रुपये तक की राशि हासिल कर सकेंगे। आदिवासियों को किसी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए हाट-बाजारों में एटीएम व्यवस्था भी की जाएगी।
इस मौके पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जनजातीय कार्य विभाग का नाम बदलने का भी एलान किया। अब इस विभाग का नाम आदिवासी विकास विभाग होगा।
उन्होंने आगे कहा, आदिवासी महापुरुषों शंकर शाह और रघुनाथ शाह की याद में जबलपुर में संग्रहालय व स्मारक बनाएंगे। वनग्राम की परंपरा खत्म कर राजस्व ग्राम कहलाएंगे।
इस मौके पर राज्य सरकार के मंत्री ओमकार सिंह मरकाम, सुखदेव पांसे, क्षेत्रीय सांसद नकुलनाथ सहित अनेक नेता मौजूद रहे।
--आईएएनएस
Created On :   9 Aug 2019 12:00 PM GMT