दिवाली से पहले किसानों की कर्जमाफी संभव नहीं, पवार का राज्य सरकार पर निशाना

Debt relief for farmers is not possible before Diwali : Ajit Pawar
दिवाली से पहले किसानों की कर्जमाफी संभव नहीं, पवार का राज्य सरकार पर निशाना
दिवाली से पहले किसानों की कर्जमाफी संभव नहीं, पवार का राज्य सरकार पर निशाना

डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर। राज्य की तिजोरी पर फिलहाल साढ़े चार लाख करोड़ रुपए का कर्ज है। इससे स्पष्ट होता है कि सरकार का दिवालिया निकल चुका है। ऐसे में यह सरकार दिवाली के पहले किसानों के कर्ज की राशि उनके खाते में जमा नहीं करा सकती। सरकार पर इस तरह के आरोप राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री राकांपा के वरिष्ठ नेता अजीत पवार ने लगाए। राकांपा की संगठनात्मक स्थिति की समीक्षा करने के लिए चंद्रपुर पहुंचे नेता अजित पवार कार्यक्रम के बाद पत्र-परिषद में बोल रहे थे। उनके साथ प्रदेशाध्यक्ष सुनील तटकरे और महिला इकाई की अध्यक्ष चित्रा वाघ भी थीं। 

राज्य सरकार पर साधा निशाना
पवार ने राज्य सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सरकार कानून, सुव्यवस्था, किसानों व मजदूरों की समस्या, महंगाई, पेट्रोल-डीजल की कीमतें जैसी समस्याओं का निराकरण करने में विफल साबित हुई है। नोटबंदी व जीएसटी के चलते नागरिक और व्यापारी त्रस्त हुए हैं। सरकार किसानों का कर्जमाफ करने के बजाए  जटिल शर्तें लगाकर उनका मजाक बना रही है। रेलवे में बुनियादी सुविधाएं देने की बजाए जापन की विफलता बनी बुलेट ट्रेन भारत में लाकर राज्य सरकार की विफलता के सबूत नांदेड़ महापालिका के नतीजों ने दे दिए हैं। विकास के नाम पर उन्होंने सरकार पर देश का पैसा बर्बाद करने का आरोप लगाया। पवार ने सरकार की विफलताओं को राज्य की जनता के समक्ष लाने के लिए राकांपा को मजबूत करने की दृष्टि से राज्य के हर जिले में जाकर वे प्रदेशाध्यक्ष और राज्य इकाई के साथ कार्यकर्ताओं से चर्चा कर उन्हें बल देने का कार्य कर रहे हैं। 

रिपोर्ट में सिंचाई का जिक्र नहीं : तटकरे
राकांपा के प्रदेशाध्यक्ष सुनील तटकरे ने बताया कि गठबंधन सरकार के कार्यकाल में बढ़ी सिंचाई सुविधा को दिखाने पर सरकार की किरकिरी होगी। युति सरकार की जलयुक्त शिवार योजना में भारी भ्रष्टाचार के चलते सिंचाई में वृद्धि नहीं हुई है और सरकार ने अपनी विफलता को छिपाने के लिए पिछले तीन वर्षों से अपने आर्थिक समीक्षा रिपोर्ट में सिंचाई के आंकड़ों का कहीं भी जिक्र ही नहीं किया है।

कचरा डिपो के स्थान पर मेडिकल कॉलेज गलत
नेता पवार ने बताया कि चंद्रपुर जिले के केंद्र और राज्य सरकार में शामिल दोनों मंत्री विकास को लेकर विफल साबित हो रहे हैं। मेडिकल कॉलेज की बिल्डिंग कचरा डिपो की जगह पर बनाने के निर्णय को उन्होंने गलत करार दिया। चंद्रपुर एशिया का सबसे प्रदूषित शहर बना है। दोनों मंत्री शहर का प्रदूषण कम करने में भी काफी फेल हुए हैं।

Created On :   16 Oct 2017 2:48 AM GMT

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