धार के पूर्व विधायक के खिलाफ मानहानि प्रकरण की सुनवाई पर रोक

Defamation case against former dhar mla velsingh bhuria high court
धार के पूर्व विधायक के खिलाफ मानहानि प्रकरण की सुनवाई पर रोक
धार के पूर्व विधायक के खिलाफ मानहानि प्रकरण की सुनवाई पर रोक

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। हाईकोर्ट के जस्टिस जेपी गुप्ता की एकल पीठ ने धार जिले के भाजपा के पूर्व विधायक वेल सिंह भूरिया के खिलाफ चल रहे आपराधिक मानहानि के प्रकरण की सुनवाई पर रोक लगा दी है। यह प्रकरण भोपाल में सांसद और विधायकों के मामलों के विचारण के लिए गठित की गई स्पेशल कोर्ट में विचाराधीन था। एकल पीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब-तलब किया है। 

आपराधिक मानहानि का परिवाद दायर किया

पूर्व विधायक वेल सिंह भूरिया की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि उनके खिलाफ स्पेशल कोर्ट में धार निवासी नरेन्द्र सिंह मंडलोई ने आपराधिक मानहानि का परिवाद दायर किया है। परिवाद में कहा गया कि मई 2018 में धार में असंगठित तेंदूपत्ता संग्राहक सम्मेलन का आयोजन किया गया था। सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उपस्स्थित थे। सम्मेलन में धार के तत्कालीन विधाायक वेल सिंह भूरिया ने परिवादी के परिवार पर राजा बख्तावर सिंह की हत्या का आरोप लगाया। इसके साथ ही उन्होंने माधवराव सिंधिया के परिवार को महात्मा गांधी की हत्या का आरोपी कहा। इस मामले में भोपाल की स्पेशल कोर्ट में आपराधिक मानहानि का प्रकरण दायर किया गया। अधिवक्ता असीम त्रिवेदी, सुधाकर मणि पटेल और आनंद शुक्ला ने तर्क दिया कि मानहानि के संबंध में दंड प्रक्रिया संहिता में अभियोजन की विशिष्ट प्रक्रिया का प्रावधान है। जिसमें केवल पीडि़त व्यक्ति ही अभियोजन प्रांरभ कर सकता है। परिवाद पत्र में स्पष्ट आरोप भी होना चाहिए। परिवादी ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि याचिकाकर्ता के कथन से उसकी किस प्रकार मानहानि हुई है। प्रांरभिक सुनवाई के बाद एकल पीठ ने पूर्व विधायक के खिलाफ चल रहे मानहानि के प्रकरण की सुनवाई पर रोक लगा दी है।

हथकरघा निगम के प्रबंधक को 60 वर्ष में सेवानिवृत्त करने पर नोटिस

हाईकोर्ट ने संत रविदास हस्तशिल्प-हथकरघा विकास निगम भोपाल के प्रबंधक को 60 वर्ष में सेवानिवृत्त किए जाने पर राज्य शासन और हस्तशिल्प-हथकरघा विकास निगम को नोटिस जारी किया है। जस्टिस विशाल धगट की एकल पीठ ने अनावेदकों से चार सप्ताह में जवाब-तलब किया है। संत रविदास हस्तशिल्प-हथकरघा विकास निगम के प्रबंधक केएन मिश्रा की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार ने 31 मार्च 2018 को कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु 60 से बढ़ाकर 62 वर्ष कर दी थी। इसके बाद निगम और मंडलों में भी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु 62 वर्ष कर दी गई। अधिवक्ता भूपेन्द्र कुमार शुक्ला ने तर्क दिया कि सेवानिवृत्ति आयु 62 वर्ष होने के बाद भी याचिकाकर्ता को 60 वर्ष में सेवानिवृत्त किया जा रहा है। प्रांरभिक सुनवाई के बाद एकल पीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब देने का निर्देश दिया है।
 

Created On :   23 Aug 2019 7:41 AM GMT

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