मेक इन इंडिया के तहत सेना को मिलेगी 6.5 लाख असॉल्ट राइफल्स

Defence Ministry come out with RFI for Armys much-needed Assault Rifles
मेक इन इंडिया के तहत सेना को मिलेगी 6.5 लाख असॉल्ट राइफल्स
मेक इन इंडिया के तहत सेना को मिलेगी 6.5 लाख असॉल्ट राइफल्स
हाईलाइट
  • रिक्वेस्ट फॉर इन्फॉर्मेशन के तहत 24 सितंबर तक इन्हें आवेदन करना है।
  • रक्षा मंत्रालय ने इसके लिए शुक्रवार को रिक्वेस्ट फॉर इन्फॉर्मेशन (RFI) जारी किया।
  • सेना को जल्द ही 6.5 लाख नई असॉल्ट राइफल्स मिलने जा रही है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सेना को जल्द ही 6.5 लाख नई असॉल्ट राइफल्स मिलने जा रही है। रक्षा मंत्रालय ने इसके लिए शुक्रवार को रिक्वेस्ट फॉर इन्फॉर्मेशन (RFI) जारी किया। मेक इन इंडिया के तहत इन राइफल्स की खरीदी की जाएगी। ऑर्डिनेंस फैक्टरी बोर्ड के साथ-साथ प्राइवेट कंपनियों की ओर से इन्हें तैयार किया जाएगा। रिक्वेस्ट फॉर इन्फॉर्मेशन के तहत 24 सितंबर तक इसके लिए आवेदन किया जाना है। इस प्रोजक्ट की कॉस्ट करीब 12000 करोड़ रुपए है। डिफेंस मिनिस्ट्री की सेना के पास मोजूद 8 लाख इनसास राइफल्स को असॉल्ट राइफल्स से बदलने की प्लानिंग है।

जो रिक्वेस्ट फॉर इन्फॉर्मेशन जारी किया गया है, वो 7.62x31 स्क्वेयर मिमी कैलिबर असॉल्ट राइफल्स की खरीदी के लिए है। यह राइफल 300 मीटर की रेंज तक मार कर सकने में सक्षम है। इंडियन आर्मी की पैदल सेना को ये राइफल्स दी जाएंगी। इंडियन आर्मी के पास सबसे कठिन हिस्सों में लगभग 400 इकाइयों की पैदल सेना है। असॉल्ट राइफल्स की जरूरतों को पूरा करने के लिए, अंतरराष्ट्रीय बाजार से फास्ट ट्रैक प्रक्रिया के माध्यम से ऐसी राइफलों की 72,400 इकाइयां खरीदी जा रही हैं। सेना ने ब्रिगेडियर की अगुआई में नौ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल पांच देशों में भेजा था ताकि बेहतर से बेहतर ऑप्शन की तलाश की जा सके। सेना का ये प्रतिनिधिमंडल अब वापस आ चुका है और जल्द ही असॉल्ट राइफलों की खरीद प्रक्रिया शुरू होने की उम्मीद है।

इन राइफल्स की खरीद के बाद चीन और पाकिस्तान की सीमा पर तैनात सैनिकों को लंबी दूरी तक मार करने वाली राइफलें मिल सकेंगी। इसके अलावा अन्य सैनिकों को भी इसी क्वॉलिटी की कम रेंज वाली राइफल्स मिलेंगी। हालांकि इस पर सवाल भी उठाए जा रहे हैं। आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने पिछले दिनों कहा था कि 12 लाख की सेना को ये महंगी राइफलें नहीं दी जा सकती हैं क्योंकि बजट का अभाव है।

Created On :   31 Aug 2018 7:20 PM GMT

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