डॉक्टर बनने का सपने दिखा कर 3 विद्यार्थियों से ठग लिए 40 लाख

Demonstrate dreams to become a doctor 40 lakhs cheat with 3 students
डॉक्टर बनने का सपने दिखा कर 3 विद्यार्थियों से ठग लिए 40 लाख
डॉक्टर बनने का सपने दिखा कर 3 विद्यार्थियों से ठग लिए 40 लाख

डिजिटल डेस्क, नागपुर। एमबीबीएस और बीएएमएस में  प्रवेश दिलाने के नाम पर छात्रा समेत तीन विद्यार्थियों से 40 लाख रुपए ठगे जाने का मामला उजागर हुआ है। इस मामले में गिरोह सक्रिय होना बताया जा रहा है, जो विद्यार्थियों को डॉक्टर बनने का सपना दिखा कर उनसे रुपए ठगने का काम कर रहा है। इसमें स्वास्थ्य विभाग का कर्मचारी भी लिप्त बताया गया है। मानकापुर और गिट्टीखदान थाने में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी समेत 7 लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है। गिट्टीखदान के मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, शेष फरार आरोपियों की तलाश जारी है। 

पिता के मित्र ने ही ठगा 

धोखाधड़ी का दूसरा मामला मानकापुर थानांतर्गत का है। गोखले ले-आउट निवासी अरुण खोडे (53) स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत है। उसी विभाग में सचिन ज्ञानेश्वर अरबट (36) मूलत: वरुड़ अमरावती िजला, वर्तमान में नागपुर विश्वकर्मा नगर निवासी भी है। दोनों एक ही विभाग में कार्यरत होने से अरुण की पुत्री नीकिता (20) को अमरावती के राजेंद्र गोडे आयुर्वेदिक महाविद्यालय में प्रवेश दिलाने की बात कही थी। सचिन भी अमरावती जिले का ही निवासी होने इस महाविद्यालय में जान-पहचान होने से नीकिता को बीएएमएस में प्रवेश दिलाने की हामी भरी थी। इसके लिए 15 लाख रुपए का खर्चा बताया गया था। इसमें से 4 लाख रुपए सचिन को दिए गए हैं। रुपए लेने के बाद वह प्रवेश दिलाने की बात को लेकर टालमटोल जवाब देने लगा था। संदेह होने से अरुण ने रुपए वापस मांगे, लेकिन सचिन रुपए भी वापस करने के लिए तैयार नहीं था। यह प्रकरण भी दर्ज किया गया है। जांच जारी है। 

बच्चों के भविष्य के लिए दिए थे रुपए

आरोपी सुमित सुशील तिवारी (28) जाफर नगर, निखिल लोखंडे (24) भंडारा, सुजीत तिवारी, मोहित और सिंह नामक व्यक्ति हैं। वर्ष 2018 में आरोपियों ने नरखेड़ निवासी विनोद लोखंडे (56) नामक व्यक्ति के पुत्र शांतनु और बेले नामक व्यक्ति की पुत्री को प्रवेश पूर्व दी जाने वाली नीट 2018 की परीक्षा के बाद इंदिरा गांधी वैद्यकीय महाविद्यालय में प्रवेश दिलाने की हामी भरी थी। इसके लिए कहा गया कि लाखों रुपए खर्च करने पड़ेंगे। लोखंडे और बेले अपने बच्चों के सुनहरे भविष्य के लिए लाखों रुपए देने के लिए तैयार हो गए। 

फर्जी लिस्ट में दिखाया नाम

आरोपी धोखाधड़ी में इतने माहिर हैं कि उन्होंने मेडिकल के नाम से जिन विद्यार्थियों को प्रवेश मिला है, उनकी फर्जी सूची संबंधितों को वाट्सएप और ई-मेल की। इस सूची में लोखंडे के पुत्र शांतनु और बेले की पुत्री का नाम था, लेकिन जब मेडिकल द्वारा जारी की गई सूची में दोनों विद्यार्थियों के नाम नहीं मिले, तब इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। 

एक भी विद्यार्थी को नहीं मिला प्रवेश

13 अगस्त 2018 से 25 अप्रैल 2019 के बीच में आरोपियों ने जिन बच्चों को मेडिकल में प्रवेश दिलाना था, उनके शैक्षणिक दस्तावेज भी ले लिए। प्रवेश दिलाने के नाम पर कई बार मेयो अस्पताल परिसर और फ्रेंडस कॉलोनी परिसर के होटल जाेशी फरसाण में बैठकों का दौर चला। इस बीच डीडी, चेक और नकद के रूप में कुल 36 लाख रुपए किस्तों में आरोपियों ने प्रवेश दिलाने के नाम पर ले लिए, मगर अभी तक एक भी विद्यार्थी को प्रवेश नहीं दिलाया गया है। निखिल पॉली का विद्यार्थी है, जबकी सुमित पॉली की पढ़ाई कर चुका है। घटित प्रकरण से और भी विद्यार्थियों को ठगे जाने का संदेह है। प्रकरण दर्ज कर सुमित और निखिल को िगरफ्तार िकया गया है, शेष आरोपियों की तलाश जारी है। 

 

Created On :   28 April 2019 12:01 PM GMT

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