मेधा पाटकर ने साधा केंद्र पर निशाना, बोलीं- विकास के नाम पर बनाया जा रहा मूर्ख

Development shown is just matter of Make fool to public- patkar
मेधा पाटकर ने साधा केंद्र पर निशाना, बोलीं- विकास के नाम पर बनाया जा रहा मूर्ख
मेधा पाटकर ने साधा केंद्र पर निशाना, बोलीं- विकास के नाम पर बनाया जा रहा मूर्ख

डिजिटल डेस्क, पुणे। नर्मदा बचाओ आंदोलन की वरिष्ठ कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने शनिवार को सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आज दिखाया जानेवाला विकास महज जनता को मूर्ख बनाने का प्रकार है लेकिन चित्र कुछ अलग ही है। उन्होंने अखिल भारतीय समाजवादी महिला सम्मेलन’ में कहा कि आज दिखाया जानेवाला विकास महज जनता को मूर्ख बनाया जा रहा है। विकास के नाम पर किसानों की नाल जमीन से तोड़ने की कोशिश की जा रही है और इस प्रकार के विकास के परिणाम सब से ज्यादा महिलाअों को भुगतने पड़ रहे हैं। फिर भी वे संघर्ष कर ही हैं।

केंद्र सरकार पर साधा निशाना
मेधा पाटकर ने कहा कि संघर्ष से महिलाओं की ताकत अधिक मजबूत हो रही है। महिलाओं के बगैर कोई भी संघर्ष और परिवर्तन नहीं हो सकता। वरिष्ठ समाजवादी नेता भाई वैद्य ने केंद्र सहित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाते कहा कि मोदी दंगों में शामिल थे। जिसके बदले उन्हें पद देकर नवाजा गया। इस दौरान कई विचाकरों ने अपने विचार रखे, सभी ने महिलाओं से जुड़ी परेशानियों और समस्याओं को सामने रखा। आपको बता दें कि मेधा पाटकर शुरूआत से ही सरदार सरोवर बांध को शुरू करने पर लगातार विरोध करतीं आई हैं और उन्होंने इसके लिए अपने सहयोगियों के साथ मध्य प्रदेश के छोटा बड़दा गांव के घाट पर जल सत्याग्रह भी किया था। उनके साथ कई गांव वाले भी जल सत्याग्रह कर रहे थे। उनका आरोप था कि बेहतर पुनर्वास किए बिना सरदार सरोवर बांध की ऊंचाई बढ़ाने से बड़ी संख्या में लोग विस्थापित होंगे। लेकिन इन सबके बाद भी मोदी सरकार ने सरदार सरोवर बांध का उद्धाटन किया था।

समाज में बदलनी चाहिए पुरूषों की मानसिकता
वरिष्ठ कार्यकर्ता पुष्पा भावे ने कहा कि जब महिलाओं पर अत्याचार होते हैं, तब महिलाओं को खुद में बदलाव लाना चाहिए, ऐसा कहा जाता है, लेकिन पुरूष की दृष्टि और मानसिकता बदलनी चाहिए ऐसा कोई नहीं कहता। कोई इसपर बात नहीं करता। स्त्री पुरूष समानता की बातें करते हुए समाज की कई समस्याओं को नजर अंदाज किया जा रहा है। महिलाओं पर अत्याचार करनेवालों को फांसी देने से अपराध कम नहीं होंगे। पुरूषों की मानसिकता भी बदलनी चाहिए। समारोह में सामाजिक कार्यकर्ता सुनिति, रझिया पटेल, डॉ. मनीषा गुप्ते भी उपस्थित थीं।    

Created On :   3 Dec 2017 11:45 AM GMT

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