29 वर्षों के बाद भारतीय सेना को मिलेगी नई गन, सेटेलाइट से लोकेशन लेकर करेगी फायर

Dhanush Artillery gun: Indian Army will get new guns after 29 years
29 वर्षों के बाद भारतीय सेना को मिलेगी नई गन, सेटेलाइट से लोकेशन लेकर करेगी फायर
29 वर्षों के बाद भारतीय सेना को मिलेगी नई गन, सेटेलाइट से लोकेशन लेकर करेगी फायर

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। 29 वर्षों के बाद भारतीय सेना को नई गनों का साथ मिलने जा रहा है। 8 अप्रैल को धनुष सैन्य बेड़े में शामिल होगी। इस दौरान आयुध निर्माणी बोर्ड, सेना तथा जीसीएफ के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहेंगे। फ्लेगिंग सेरेमरी सुबह तकरीबन 10 बजे जीसीएफ में होगी। जानकारों का कहना है कि 1990 में बोफोर्स के बाद अब जाकर कोई बड़ी गन सेना को सौंपी जा सकेगी।

जानकारी के अनुसार देश की सबसे बड़ी आर्टीलरी गन धनुष के वैसे तो ढोरों खूबियां हैं। जानकारों का कहना है कि वर्ष 2012 से जब धनुष प्रोजेक्ट पर काम शुरु किया गया, जब से दर्जनों अत्याधुनिक तकनीकों को जोड़ा जा चुका है। हाल ही में अपग्रेडेड कंम्युनिकेशन सिस्टम लगाया गया है। धनुष सेलेलाइट के जरिए न केवल दुश्मन के ठिकानों की पोजीशन हासिल कर सकती है, बल्कि खुद गोले लोड कर फायर करने में भी सक्षम है।

गौरतलब है कि 90 के दशक में भारत सरकार ने स्वीडन से करीब 410 बोफोर्स तोप का सौदा किया था। इस पर विवाद भी हुआ था। काफी समय तक तोप की खरीदी नहीं हुई। वर्तमान में सेना के पास 250 से अधिक बोफोर्स तोप हैं, जो वर्तमान परिस्थितियों के मुताबिक खरी नहीं उतरती हैं।

यह है खासियत
- 03 फायर प्रति मिनट में डेढ़ घंटे तक लगातार दागने में सक्षम
- 155 एमएम बैरल से 38 किमी दूरी तक निशाना साधने में सक्षम
- 12 फायर प्रति मिनट करने की क्षमता भी हासिल।
- 46.5 किलोग्राम का गोला किया जा सकता है फायर।

6 गनें सौंपी जाएगी

जीसीएफ में तकरीबन एक दर्जन से ज्यादा तोपे तैयार हो चुकी हैं। सोमवार को एक साथ छह तोपें सेना को सौंपी जाएगी। इस दौरान सकेट्री डिफेंस प्रोडक्शन डॉ अजय कुमार मुख्यातिथि होंगे। वहीं डायरेक्टर जनरल ऑटीलरी लेफ्टीनेंट जनरल पीके श्रीवास्तव, ले. जनरल आरएस सलारिया, वेस्टर्न कमांड के कंट्रोलर जनरल मनमीत सिंह, ओएफबी से मेंमर हरि मोहन सहित अन्य अधिकारी शामिल होंगे।

114 तोप का नया ऑर्डर
जीसीएफ को नए वित्तीय वर्ष के लिए 114 गनों का बल्क प्रोडक्शन आर्डर हाल ही में हासिल हुआ है। इसके बाद से उत्पादन की रफ्तार भी बढ़ा दी गई है। 38 किमी. दूरी तक निशाना साधने वाली इस एकमात्र गन की तैनाती पाकिस्तान और चायना से लगी सरहद पर की जाएगी।

4599 राउण्ड फायर
धनुष की शुरुआत के साथ जुलाई 2016 से जून 2018 तक धनुष के कई ट्रायल किए गए। इसके अलावा नवंबर 2012 से अब तक कुल 4599 राउण्ड फायर किए जा चुके हैं। सेना ने इसे निम्न एवं उच्च तापमान में परखा है। देश में पांच जगहों पर हुए परीक्षण में फायरिंग के परिणाम सकारात्मक आए हैं।

Created On :   7 April 2019 4:09 PM GMT

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