अगर हाथेलियों में हैं ये योग, तो आपको सफल होने से कोई रोक नहीं पाएगा

dharm: different sign in our palms tells about present and future
अगर हाथेलियों में हैं ये योग, तो आपको सफल होने से कोई रोक नहीं पाएगा
अगर हाथेलियों में हैं ये योग, तो आपको सफल होने से कोई रोक नहीं पाएगा

डिजिटल डेस्क । जब कोई जातक अच्छा करने जाता हैं और उसके साथ बुरा होने लगता है। नौकरी में सफलता नहीं मिल पाती है। व्यापार करने जाता है तो उसमें भी घाटा हो जाता है या कुछ ना कुछ शारीरिक कष्ट बना रहता है तो जातक पूजा-पाठ, देवी- देवता की पूजन और बार-बार अपनी कुंडली का अध्ययन करवाता है, लेकिन हम आपको ये बता दें कि कुण्डली की तरह ही आपके हाथ में भी कई ऐसे योग होते हैं जिन्हैं देखकर आप खुद अपने अच्छे-बुरे समय का अनुमान कर सकते हैं। आपके  हाथ में सिर्फ रेखाएं ही नहीं, हाथ की बनावट भी बहुत महत्वपूर्ण होती है। आपके हाथ में रेखाएं, ग्रहों के पर्वत, उनमें उभार कितना है, रेखाओं पर उपस्थित त्रिकोण, कट, बिंदु, चतुर्भुज, नक्षत्र या अन्य कोई चिन्ह देखकर भविष्य या भाग्य का अनुमान लगाया जाता है। 

 

जैसे :-  जीवन में उन्नति कितनी है, धन की स्थिति कैसी है, नौकरी में प्रमोशन मिलेगा या नहीं, विवाह होगा और होगा तो कैसा, संतान का सुख है या नहीं, और स्वास्थ्य कैसा रहेगा जैसी बातों को सहज जिज्ञासावश हर जातक के मन में प्रश्न होता है। आप अपना हाथ देखकर इन सब बातों का सटीक अनुमान लगा सकते हैं। आइए कुछ ऐसे ही योग पर चर्चा करें जो आप अपना हाथ देखकर स्वयं पता कर सकते हैं। किस योग का क्या अर्थ है और उनका फल कब तक प्राप्त होगा ? यह हस्तरेखा और उन पर उपस्थित चिन्ह को देखकर पता कर सकते हैं। 

 

तड़ित योग :-

चंद्र पर्वत से कोई पतली रेखा जब गुरु पर्वत की ओर जाती हो और कनिष्ठिका अंगुली, अनामिका अंगुली के लगभग बराबर हो तब तड़ित योग बनता है। तड़ित योग वाले व्यक्ति अपना जीवनयापन राजा के समान करते हैं। उसे परिवार और समाज में पूरा यश-मान-सम्मान प्राप्त होता है। वे समाज के प्रतिष्ठित व्यक्ति होते हैं। जिन लोगों के भी हाथों में तडि़त योग होता है वे अधिकतम अपने परिश्रम से ही आगे बढ़ने वाले होते हैं। यदि किसी व्यापारी के हाथ में यह योग हो तो वह दुनिया का सबसे अमीर व्यक्ति भी बन सकता है। हस्तरेखा शास्त्र में तड़ित योग की कुछ अन्य स्थितियां भी बताई गई हैं।


जैसे:- 

1. हाथ की समस्त अंगुलियां पतली और लंबी हों तथा नुकीली हों और तर्जनी अंगुली के तीसरे पोर में तिल हो तो। 
2. कनिष्ठिका अंगुली का झुकाव अनामिका अंगुली की ओर हो तथा सभी पर्वत पूर्ण मजबूत स्थिति में हों तो। 
3. चंद्र पर्वत से कोई रेखा निकलकर सूर्य पर्वत तक पहुंचे और वो रेखा सीढ़ीदार भी हो तो।

 

गजलक्ष्मी योग:-

जब दोनों हाथों में भाग्य रेखा मणिबंध स्थान से प्रारंभ होकर सीधी शनि पर्वत पर जा कर रुकती हो और साथ में सूर्य पर्वत भी पूर्ण रूप से विकसित हो, पूर्ण लालिमा लिए हुए हो और उस पर सूर्य रेखा भी कटी-फटी ना हो, या पतली हो पर स्पष्ट रूप से दिखती हो। साथ ही मस्तिष्क रेखा, हृदय रेखा एवं जीवन रेखा स्पष्ट दिखती हो तो इसे गजलक्ष्मी योग कहा जाता है। 

 

जिस जातक के हाथ में यह योग बनता है वह जातक साधारण परिवार में जन्म लेकर भी अपने शुभ कर्मों के द्वारा अपना उच्च स्तरीय जीवनयापन करता है। उस जातक के जीवन में मान-सम्मान की कोई कमी नहीं होती और वह समस्त ऐश्यर्व, सुख को भोगता है।

 

ऐसे व्यक्ति समुद्र पार व्यापार करते हैं और यदि नौकरीपेशा हैं तो उच्च पदों पर सहजता से पहुंच जाते हैं। उनके जीवन में कोई अभाव नहीं रहता और सुंदर और कर्मठ जीवनसाथी का साथ प्राप्त होता है। 

 

बुधादित्य योग:- 

जिस प्रकार जन्म कुंडली में सूर्य और बुध मिलकर बुधादित्य योग बनाते हैं उसी प्रकार हस्तरेखा में भी सूर्य और बुध की शुभ युति से बुधादित्य योग का निर्माण होता है। आपकी हथेली में बुध और सूर्य पर्वत पास-पास होते हैं। और कहीं ये दोनों पर्वत एक-दूसरे से जुड़ जाएं, इनके दोनों के बीच में कोई दरार या खालीपन न रहे और देखने में एक ही पर्वत लगता हो तो और साथ ही बुध और सूर्य रेखा को कोई रेखा न काटती हो तो बुधादित्य योग बनता है। 

जिस किसी भी जातक के हाथ में ऐसा योग देखा जाता है वे बहुत ही कुशल वक्ता, चतुर, बुद्धिमान और परिस्थितियों के अनुसार स्वयं को ढालने वाले होते हैं। वे अपने तर्कों से बड़े-बड़ों को परास्त कर देते हैं। यूं कहें कि वो बिना शस्त्र के ही समस्त बाधा या युद्धों में विजयी होते हैं। आर्थिक उन्नति के सारे मार्ग इनके लिए सदा खुले ही रहते हैं। 

 

शुभकर्तरी योग:- 

जिस किसी जातक की हथेली के बीच का भाग दबा हुआ या गहरा हो। सूर्य पर्वत और गुरु पर्वत अच्छे और मजबूत होकर उभरे हुए हों। भाग्य रेखा शनि पर्वत के मूल को स्पर्श करती हो तो जातक के हाथ में शुभकर्तरी योग बनता है। जिस किसी भी जातक के हाथ में यह योग बनता है वह तेजस्वी,आकर्षक और चुंबकीय व्यक्तित्व का धनी होता है। उसके आसपास ऐश्वर्य और भौतिक जीवन की सुख-सुविधाएं स्वयं चल कर आती हैं। वह एक से अधिक साधनों से आय प्राप्त करता है तथा अपने पूर्वजों से मिली संपत्ति में वृद्धि करने वाला भी होता है। शारीरिक रूप से वह जातक आकर्षक दिखता है। विपरीत लिंग के लोगों की इनके जीवन में भरमार होती है। लेकिन कभी-कभी ये जातक घमंडी हो जाता है। 

 

राजनेता योग:- 

जब मध्यमा अंगुली का अग्र भाग नुकीला हो साथ में सूर्य रेखा विकसित हो और लंबी भी हो। उस पर कोई नक्षत्र, कट या तिल का चिन्न न हो। गुरु पर्वत और शनि पर्वत भी बली और लाल हों तो ऐसे जातक के हाथ में राजनेता योग बनता है। जिस किसी जातक के हाथ में ये योग बनता है वे एक बहुत ही सफल राजनेता बनते हैं। उनका राजनीतिक भाग्य तेज गति से शिखर तक ले जाता है और राज्य मंत्री,मंत्री,केन्द्रीय मंत्री या प्रधानमंत्री के पद तक पहुंच सकता हैं। ऐसे लोगों की लोकप्रियता का आभामंडल आयु बढ़ने के साथ-साथ बढ़ता जाता है। ऐसे लोग सदाचारी, सत्यभाषी और ईमानदार होते हैं। 

 

भाग्य योग:- 

हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार जो रेखा मणिबंध क्षेत्र से निकलकर शनि पर्वत तक सीधी जाती है वही भाग्य रेखा मानी जाती है, लेकिन भाग्य योग का निर्माण तब ही होता है जब कोई गहरी, पतली और लालिमा लिए हुए भाग्य रेखा शनि पर्वत से निकलकर गुरु पर्वत के मूल पर समाप्त होती है और जहां पर रेखा समाप्त होती है वहां पर एक सफेद बिंदु भी हो तो भाग्य योग का निर्माण होता है। 

प्रसिद्ध अंतर्राष्ट्रीय स्तर के हस्तरेखाविद कीरो ने भाग्य योग की कुछ अन्य स्थितियां भी बताई हैं। कीरो के अनुसार, जिस जातक के हाँथ में गहरी भाग्य रेखा जब सूर्य पर्वत पर पहुंचती हो। और भाग्य रेखा गुरु पर्वत से प्रारंभ होती हो। दोनों हाथों में स्पष्ट और लंबी भाग्य रेखाएं हों। या भाग्य रेखा चंद्र पर्वत से प्रारंभ होती हो तो भाग्य योग बनता है। जिनके हाथ में यह योग बनता है वह जातक अपने जीवन में अपार धन अर्जित करता है। उसकी ख्याति चारों दिशाओं में प्रकाशित होती है, वह अनेक भवन और वाहन का स्वामी हो जाता है। वह पत्नी के सहयोग से जीवन में शिखर तक पहुंच जाता है। 

 

हंस योग :-

जब किसी जातक की तर्जनी अंगुली अनामिका से लंबी हो और गुरु पर्वत भी पूर्ण रूप से विकसित तथा लालिमा लिए हुए हो, उस पर कट के चिन्ह के अतिरिक्त अन्य कोई चिन्ह न हो तो उसके हाँथ में हंस योग का निर्माण होता है। जिस किसी जातक के हाथ में ऐसा संयोग देखा जाता है वह व्यक्ति अधिक लंबा भरपूर डीलडौल वाला आकर्षक, एवं सुंदर शरीर वाला होता है और ऐसे योग वाली स्त्रियों के आकर्षण प्रभाव से हर आदमी सम्मोहित रहता है। इस प्रकार का योग अधिकतर अभिनेता-अभिनेत्री, चित्रकार, लेखक, मॉडल या बहुत बड़े सफल व्यापारी के हाथों में यह योग देखा जाता है। हंस योग वाला व्यक्ति मधुरभाषी और सभी के साथ श्रेष्ठ व्यवहार करने वाला होता है। यह योग गुरु के प्रभाव से बनता है और यह पंचमहापुरुष योग में से एक होता है इसलिए ऐसा व्यक्ति सफल न्यायाधीश भी हो जाता है। 

Created On :   26 Sep 2018 7:52 AM GMT

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