दिवाली पर ऐसे करें महालक्ष्मी पूजा, जानिए मुहूर्त एवं विधि

dharm: What is the shubh muhurt of Diwali or Mahalakshmi Pooja?
दिवाली पर ऐसे करें महालक्ष्मी पूजा, जानिए मुहूर्त एवं विधि
दिवाली पर ऐसे करें महालक्ष्मी पूजा, जानिए मुहूर्त एवं विधि

डिजिटल डेस्क। दिवाली हिंदुओं का एक मुख्य और सबसे बड़ा त्यौहार है। इस साल दिवाली 7 नवंबर 2018 को मनाई जा रही है। वैसे तो पुराणिक काल से दिवाली भगवान श्री राम के अयोध्या में लौटने की प्रसन्नता में मनाई जाती है और दिवाली के दिन माता लक्ष्मी जी की पूजा का विशेष विधान होता है। दिवाली की पूजा किस प्रकार करें और क्या विधि है पूजा की? यहां पढ़ें...

स्कंद पुराण के अनुसार कार्तिक मास की अमावस्या के दिन प्रात: काल स्नान आदि से निवृत्त होकर सभी देवताओं की पूजा निम्न विधि से करनी चाहिए। इस दिन संभव हो पाए तो दिन में भोजन नहीं करें मात्र फलाहार ही करें। घर में संध्या के समय पूजा घर में लक्ष्मी और गणेश जी की नई प्रतिमा को एक चौकी पर स्वास्तिक बनाकर तथा चावल के साथ स्थापित करें। प्रतिमा के सामने एक जल से भरा हुआ एक कलश स्थापित करें। इसके बाद प्रतिमा के समक्ष बैठकर अपने सीधे हाथ में जल लेकर शुद्धि मंत्र का उच्चारण करते हुए उसे प्रतिमा, पूजा सामग्री और परिवार के सभी सदस्यों और पुन: घर में और अपने ऊपर छिड़कें। 

 

पूजा के लिए आवश्यक साम्रग्री

महालक्ष्मी की पूजा या दिवाली  की पूजा के लिए रोली, चावल, पान-सुपारी, लौंग, इलायची, धूप, कपूर, घी या तेल से भरे हुए दीपक, कलावा, नारियल, गंगाजल, गुड़, फल, फूल, मिठाई, दूर्वा, चंदन, घी, पंचामृत, मेवे, खील, बताशे, चौकी, कलश, फूलों की माला, शंख, लक्ष्मी व गणेश जी की प्रतिमा, थाली, चांदी का सिक्का, 11 जलते हुये दीप आदि वस्तुएं पूजा के लिए एकत्र कर लेना चाहिए। सभी छोटे दीप को घर के चौखट, खिड़कियों व छतों पर जलते हुये रखें और एक बड़े दीपक को रात पर जलता हुआ घर के पूजा स्थान पर रखें। 

 

लक्ष्मी मंत्र 

लक्ष्मी जी की पूजा के समय निम्न मंत्र का लगातार उच्चारण करते रहना चाहिए: 
ऊं श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नम: ॥ 

 

दिवाली पूजा मुहूर्त

दिवाली  के दिन प्रदोषकाल अर्थार्त गौधुली बैला में माता लक्ष्मी जी की पूजा होती है। मान्यता है कि इस समय लक्ष्मी जी की पूजा करने से मनुष्य को कभी दरिद्रता का सामना नहीं करना पड़ता। इस साल दिवाली  पूजा का शुभ मुहूर्त- शाम 05:57 से लेकर रात को 07: 53 तक दुकान, ऑफिस या प्रतिस्ठान ने रात्रि 8:00 बजे से रात्रि 10:14 बजे तक एवं महानिशा काल में पूजा मुहूर्त: रात्रि 11:38 से लेकर रात को 12:31 तक है। 

Created On :   5 Nov 2018 4:23 AM GMT

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