कश्मीर के लिए अलग संविधान देश की संप्रभुता से समझौता करने जैसा- डोभाल

Different constitution for Kashmir like compromising the countrys sovereignty - Doval
कश्मीर के लिए अलग संविधान देश की संप्रभुता से समझौता करने जैसा- डोभाल
कश्मीर के लिए अलग संविधान देश की संप्रभुता से समझौता करने जैसा- डोभाल
हाईलाइट
  • एक राज्य के लिए अलग संविधान का होना देश की संप्रभुता से समझौता करने जैसा है।
  • संविधान में जम्मू-कश्मीर के लिए एक अलग संविधान का जिक्र नहीं होना चाहिए।
  • सरदार पटेल का योगदान राज्यों के विलय से कहीं अधिक।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने भारत के पहले उप-प्रधानमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल पर लिखी एक किताब के विमोचन समारोह के दौरान कहा कि संविधान में जम्मू-कश्मीर के लिए एक अलग संविधान का जिक्र नहीं होना चाहिए। देश के संविधान में किसी एक राज्य के लिए अलग संविधान का होना देश की संप्रभुता से समझौता करने जैसा है।

सुको अनुच्छेद 35-ए पर कर रहा है सुनवाई
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल का यह बयान उस समय सामने आया है जब सुप्रीम कोर्ट संविधान के विवादित अनुच्छेद 35-ए की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है। इस विवादित अनुच्छेद के अनुसार जम्मू-कश्मीर में स्थायी तौर पर रह रहे लोगों को खास अधिकार और विशेषाधिकार मिले हैं। वहीं इन अधिकारों को लेकर यहां अस्थायी रूप से रह रहे लोगों को आपत्ति है।

 

 

Created On :   5 Sep 2018 7:12 AM GMT

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