स्वच्छता का तमगा पाना मुश्किल, जबलपुर स्टेशन के चारों ओर गंदगी का अंबार

Dirt around jabalpur station,its hard to get number one in swachh mission
स्वच्छता का तमगा पाना मुश्किल, जबलपुर स्टेशन के चारों ओर गंदगी का अंबार
स्वच्छता का तमगा पाना मुश्किल, जबलपुर स्टेशन के चारों ओर गंदगी का अंबार

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। स्वच्छता  के मामले में पमरे प्रशासन को सफाई के तमगे की तो दरकार है लेकिन हकीकत यह है कि जबलपुर रेलवे स्टेशन पर चारों ओर गंदगी का अंबार है। दरअसल रेलवे बोर्ड की टीम एक-दो दिन में जबलपुर रेलवे स्टेशन का स्वच्छता सर्वेक्षण करने के लिए आने वाली है, जो सफाई के हालात देखने के लिए स्टेशन को नम्बर या रैंक देगी। वैसे तो अभी तक जबलपुर रेलवे स्टेशन देश के सबसे स्वच्छ रेलवे स्टेशनों की सूची में शुमार है, लेकिन गर्मी के सीजन में ट्रेनों में यात्रियों की ओवरलोडिंग का दौर चलने से ट्रेनों के संचालन के साथ साफ-सफाई का क्रम भी टूटा है, जिसकी वजह से स्टेशन पर सफाई की वो चमक नजर नहीं आ रही है, जिसके लिए जबलपुर रेलवे स्टेशन को अभी तक तारीफ मिलती आई है। इन दिनों स्टेशन के भीतर रेल लाइन पर कचरा नजर आ रहा है, वहीं वेटिंग रूम में भी गंदगी का आलम है, नल टूटे हुए हैं, जिसमें से पानी रिस रहा है। स्टेशन परिसर के ठीक बाजू में गदंगी नजर आती है, जब कभी हवा का झोंका स्टेशन की ओर आता है तो सड़ांध यात्रियोंं को मुंह पर रुमाल रखने को मजबूर कर देती हैं।

प्लेटफॉर्म नं. 1 का वेटिंग रूम यानि सफाई को लेकर लापरवाही

यात्रियों का कहना है कि प्लेटफॉर्म नं. 1 का वेटिंग रूम को देखकर साफ पता चलता है कि सफाई को लेकर हद दर्जे की लापरवाही बरती जा रही है। वॉश रूम के टॉयलेट गंदे रहते हैं, जिसमें से बदबू आती है। नियमित सफाई न होने से कचरा दीवारों से चिपका हुआ नजर आता है। वॉश बेसिन में गुटखा भरा होने से वॉटर सिस्टम चोक हो गया है। अगर दिल्ली से आने वाली टीम वेटिंग रूम की स्वच्छता का जायजा लेने के लिए पहुंच गई, तो पमरे में चल रहे स्वच्छता 
अभियान की पोल खुल सकती है।

रेल लाइन पर फैला कचरा समय से उठाने वाला कोई नहीं

रेलवे स्टेशन पर सबसे अधिक गंदगी रेलवे लाइन के किनारे होती है और पमरे के जबलपुर स्टेशन परन रेल लाइन के किनारे साफ-सफाई के लिए रेल ्रशासन ने काफी मेहनत की है लेकिन हाल के दिनों में सफाई कर्मचरियों की लापरवाही और टाइम-टेबल बिगडऩे की वजह से रेल लाइन पर फैला कचरा समय से नहीं उठ पा रहा है, जिसके कारण कई ट्रेनों के गुजर जाने के बाद भी रेल लाइन पर गंदगी और कचरे का अंबार लगा रहता है। सर्वेक्षण टीम की निगाहों से कुछ छुपने की संभावना नहीं है। यही वजह है िक टीम के आने के पहले साफ-सफाई का काम युद्ध गति से किया जा रहा है लेकिन यात्रियों का कहना है िक सफाई एक दिन नहीं पूरे साल-हमेशा एक जैसी होनी चाहिए, इसमें दिखावे की कोई गुंजाइश न रहे।

इन मापदंडों के अनुसार होगा सर्वेक्षण

- स्टेशन के प्रत्येक स्टॉल में गीला और सूखा कचरा रखने के अलग डस्टबिन है या नहीं।
- वॉटर बूथ साफ-सुथरे और चालू हालत में हों, पानी बाहर न गिरता दिखाई न दे रहा हो।
- स्टेशन पर कहीं भी पार्सल के बंडल बिखरी हालत में नजर तो नहीं आते।
- नालियां साफ-सुथरी हों, चोक न हों, गंदगी नालनी से बाहर बहती दिखाई तो नहीं देती।
- पार्किंग एरिया में वाहन सही जगह पर खड़े हों, ताकि किसी को परेशानी तो
नहीं हो रही।
- सर्कुलेटिंग एरिया में यात्रियों के बैठने के लिए बेंच की व्यवस्था है कि नहीं।
- लगेज स्कैनर सही हालत में है या नहीं, यात्री चैकिंग करवा रहे हैं या नहीं।
 

Created On :   19 Jun 2019 9:16 AM GMT

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