बिजली कर्मियों को भी मिलेगा कानूनी संरक्षण, विधायक के खिलाफ मामला दर्ज कराने वाला अधिकारी निलंबित

District supply officer NR Shelke suspended
बिजली कर्मियों को भी मिलेगा कानूनी संरक्षण, विधायक के खिलाफ मामला दर्ज कराने वाला अधिकारी निलंबित
बिजली कर्मियों को भी मिलेगा कानूनी संरक्षण, विधायक के खिलाफ मामला दर्ज कराने वाला अधिकारी निलंबित

डिजिटल डेस्क, मुंबई। सदन में सवाल पूछे जाने से नाराज होकर राष्ट्रवादी कांग्रेस के विधान परिषद के सदस्य अमरसिंह पंडित और उनके निजी सहायक के खिलाफ मामला दर्ज कराने वाले बीड़ के जिला आपूर्ति अधिकारी एन आर शेलके को निलंबत कर दिया गया है। विधान परिषद में प्रदेश के राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटील ने यह घोषणा की। सदन में विपक्ष के नेता धनंजय मुंडे ने शेलके के निलंबन की मांग की थी।

मुंडे ने कहा कि नागपुर के शीतकालीन सत्र के दौरान सदन में राष्ट्रवादी कांग्रेस के सदस्य सतीश चव्हाण ने शेलके द्वारा भ्रष्टचार किए जाने को लेकर सवाल पूछा था। इस दौरान राष्ट्रवादी कांग्रेस के सदस्य पंडित ने भी इससे जुड़ा सवाल किया था। इससे नाराज होकर शेलके ने पंडित और उनके निजी सचिव के खिलाफ मामला दर्ज करा दिया। मुंडे ने कहा कि शेलके को डेढ़ लाख रुपए के रिश्वत लेने के आरोप में एसीबी ने गिरफ्तार किया है। इस पर पाटील ने कहा कि शेलके को नोटिस देकर पूछा गया था कि आपके खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए? अब वे रिश्वत लेने के मामले में फंस गए हैं। इसलिए सरकार ने शेलके को निलंबित करने का फैसला लिया है। 

बिजली कर्मियों को भी मिलेगा कानूनी संरक्षण
सरकारी कर्मचारियों की तरह अब विद्युत मंडल के उपक्रमों में कार्यरत कर्मचारियों को कानूनी संरक्षण मिलेगा। उर्जा मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने इससे संबंधित विधेयक को गुरुवार को विधान परिषद में पेश किया। जिसे एकमत से पारित कर दिया गया। विद्युत मंडल में कार्यरत कर्मचारी बिजली के खंभे लगाने, बकाया बिजली बिल वसूलने, मीटर रिडिंग करने व बिजली काटने का काम करते है। इस दौरान वे सीधे लोगों के संपर्क में आते है। ड्यूटी के दौरान उन पर हमले के कई मामले सामने आए हैं। इन कर्मचारियों पर झूठे मामले भी दर्ज किए जाने की घटनाएं हुई हैं। इसे देखते हुए यह विधेयक लाया गया है। लिहाजा अब पुलिसवाले  बिजली विभाग प्राधिकृत अधिकारी की मंजूरी के बगैर कर्मचारियों के खिलाफ आरोपपत्र नहीं दायर कर पाएगे है। 

नगराध्यक्ष की स्थिरता वाला विधेयक दोनों सदनों से पारित
इसके अलावा प्रदेश के नगर पालिका और नगर पंचायत के नगराध्यक्षों की स्थिरता सुनिश्चित करने संबंधी विधेयक विधान परिषद में मंजूर हो गया। गुरुवार को सदन में प्रदेश के नगर विकास राज्य मंत्री रणजीत पाटील ने इससे संबंधित महाराष्ट्र नगरपरिषद, नगरपंचायत व औद्योगिक नगरी अधिनियम-1965 संशोधन विधेयक पेश किया। इस पर चर्चा के बाद संशोधन विधेयक को पारित कर दिया गया। इस विधेयक के मंजूर होने से सीधे जनता द्वारा चुने गए नगराध्यक्ष को स्थिरता मिल सकेगा। इससे नगराध्यक्ष के खिलाफ नगर परिषद सदन में पहले ढाई साल तक अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकेगा। यदि किसी नगराध्यक्ष पर अनियमिता और भ्रष्टाचार का आरोप साबित होता है तो उसको पद से हटाने का अधिकार राज्स सरकार के पास होगा। विधेयक में नगराध्यक्षों को वित्तीय अधिकार प्रदान किया गया है। सरकार की विभिन्न योजनाओं को लागू करने की जिम्मेदारी नगर परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी की होगी। विधान सभा में यह विधेयक 7 मार्च को ही मंजूर करा लिया गया था।


 

Created On :   22 March 2018 7:02 PM GMT

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