मेघालय : 15 मजदूरों को बचाने खदान में उतरे डाइवर, तलहटी तक पहुंचे बिना लौटे वापस

मेघालय : 15 मजदूरों को बचाने खदान में उतरे डाइवर, तलहटी तक पहुंचे बिना लौटे वापस
हाईलाइट
  • गहराई ज्यादा होने और पानी ठंडा होने के कारण डाइवर्स पानी की तलहटी तक नहीं पहुंच सके।
  • मेघालय में पूर्वी जयंतिया हिल्स जिले की अवैध खदान में 18 दिनों से 15 मजदूर फंसे हुए है।
  • रविवार को भी एनडीआरएफ और नेवी की टीमें खदान में जाने के लिए नीचे उतरी।

डिजिटल डेस्क, शिलॉन्ग। मेघालय में पूर्वी जयंतिया हिल्स जिले की अवैध खदान में 18 दिनों से 15 मजदूर फंसे हुए है। इन्हें बाहर निकालने के लिए नौसेना-वायुसेना, एनडीआरएफ और ओडिशा फायर डिपार्टमेंट की टीमें जुटी हई है, लेकिन उन्हें अब तक कामयाबी नहीं मिल पाई है। रविवार को भी एनडीआरएफ और नेवी की टीमें खदान में जाने के लिए नीचे उतरी, लेकिन गहराई ज्यादा होने और पानी ठंडा होने के कारण डाइवर्स पानी की तलहटी तक नहीं पहुंच सके।

एनडीआरएफ के असिस्टेंट कमांडर ने बताया कि रविवार को टीम पानी के स्तर का पता लगाने के लिए 370 फीट गहरी खदान में उतरी थी। उन्होंने कहा, पानी काफी गहरा और ठंडा है। इस कारण रेस्क्यू ऑपरेशन चलाना काफी मुश्किल साबित हो रहा है। डाइवर्स करीब 70 फीट नीचे तक पानी में गए थे, लेकिन इसके बावजूद वह जमीन तक नहीं पहुंच पाए। अब सोमवार को नेवी की टीम उपकरणों के साथ नीचे उतरेगी। उम्मीद है कि इसके बेहतर परिणाम आएंगे। खदान के पास सुरक्षा एजेंसियों के करीब 200 जवान तैनात हैं। इसमें नौसेना, वायुसेना, ओडिशा फायर डिपार्टमेंट, किर्लोस्कर और कोल इंडिया के अलावा एनडीआरएफ और एसडीआरएफ है।

बता दें कि 370 फीट गहरी इस अवैध खदान 13 दिसंबर को मजदूर उतरे थे। कुछ देर बाद अचानक पास बहने वाली लैटीन नदी का पानी इस खदान में भर गया। हालांकि पानी भरने से पहले पांच मजदूर तो बाहर निकल आए लेकिन बाकी मजदूर यहां फंसे रहे गए। असम के चिरांग जिले के साहिब अली बताते है कि वह उन पांच लोगों में से एक है जो पास की एक नदी के पानी आने से ठीक पहले खदान से बाहर आने में कामयाब रहे थे।

साहिब अली ने कहा "मैं कोयले से भरी गाड़ी को खींचते हुए खदान के अंदर करीब 5 से 6 फीट अंदर था। कुछ अज्ञात कारणों से, मैं खदान के अंदर एक हवा महसूस कर सकता था जो असामान्य था। उन्होंने कहा, "यह पानी में घुसने की आवाज थी। मैं बड़ी मुश्किल से इसे गड्ढे से बाहर निकला।" साहिब का कहना है, "खदान में फंसे मजदूरों के जिंदा होने की कोई उम्मीद नहीं है। कोई भी आदमी आखिर कितना समय तक पानी के अंदर सांस ले सकता है।"

इस मामले में कोयला खदान के मालिक जरीन उर्फ कृप चुलेट को नरवन गांव से गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं अवैध कोयला खदान के प्रबंधक सहित और लोगों की तलाश की जा रही है। एनजीटी ने इस खदान में खनन पर रोक भी लगाई हुई है, लेकिन इसके बावजूद यहां पर अवैध तरीके से खनन का काम जारी थी। इस खदान को रैट होल भी कहा जाता है। 

Created On :   30 Dec 2018 6:25 PM GMT

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