स्वास्तिक बनाते समय ना करें ये गलतियां, बढ़ सकती हैं परेशानियां
डिजिटल डेस्क । हिन्दू धर्म में ॐ और स्वास्तिक को अत्याधिक शुभ और पवित्र माना गया है। पूजा , हवन या फिर कोई अन्य शुभ कार्य, ‘ॐ’ और ‘स्वास्तिक के निशान के बिना उन्हें पूर्णता प्राप्त नहीं होती। जहां ॐ के भीतर ब्रह्मांड की समस्त शक्तियां समाई हैं वहीं स्वास्तिक विघ्नहर्ता श्रीगणेश का प्रतीक चिह्न है।
- आरंभ
यही वजह है कि किसी नए कार्य की शुरुआत जैसे गृह प्रवेश, विवाह आदि से संबंधित पूजा या हवन में स्वास्तिक का निशान बनाया जाता है। हिन्दू शास्त्रों के अनुसार पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ स्वास्तिक के निशान की पूजा की जाए तो वह व्यक्ति की मनोकामना अवश्य पूर्ण करता है।
- वास्तुदोष
स्वास्तिक का निशान अगर घर के मुख्य द्वार पर बनाया जाए तो यह वास्तुदोष को कम या समाप्त करता है, इसके अलावा यह घर के अन्दर सकारात्मक और दैवीय शक्तियों के प्रवेश को भी आकर्षित करता है, लेकिन साथ ही साथ कुछ स्वास्तिक बनाने से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण नियमों का भी उल्लेख मिलता है।
ध्यान देने योग्य बातें
स्वास्तिक बनाते समय क्या गलतियां नहीं करनी चाहिए, आइए जानें।
- स्वास्तिक का निशान
स्वास्तिक का निशान कभी भी उल्टा नहीं बनाना चाहिए, जबकि बहुत से लोग यह गलती कर बैठते हैं। आपको बता दें, मंदिरों में उलटा स्वास्तिक बनाया जाता है, इसके अलावा किसी विशिष्ट मनोकामना पूर्ति के लिए भी उलटा स्वास्तिक बनता है।
- टेढ़ा निशान
स्वास्तिक का निशान कभी भी टेढ़ा नहीं होना चाहिए, इसे एकदम सीधा और साफ बनाया जाना चाहिए। अन्यथा जिस मनोकामना की पूर्ति के लिए आप यह निशान बना रहे हैं,तो वह मनोरथ पूर्ण नहीं हो पाएगी।
- जगह का ध्यान
घर या किसी अन्य स्थान पर, जहां भी आपने स्वास्तिक का निशान बनाना हो, एक बात का ध्यान अवश्य रखें कि वो जगह एकदम साफ-सुथरी और पवित्र होनी चाहिए।
- हल्दी का स्वास्तिक
अगर विवाहित जीवन में आ रही परेशानियों से मुक्ति पाने हेतु आप पूजा करवा रहे हैं तो उसमें हल्दी का स्वास्तिक बनाया जाता है। अन्य किसी भी पूजा या हवन में कुमकुम या रोली से ही स्वास्तिक का निशान बनाया जाता है।
Created On :   22 April 2018 5:10 AM GMT