ग्रहणकाल के बाद करें ये कार्य, दूर होंगी नकारात्मक शक्तियां

ग्रहणकाल के बाद करें ये कार्य, दूर होंगी नकारात्मक शक्तियां

 

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ग्रहणकाल धार्मिक दृष्टिकोण से उत्तम नही माना गया है। फिर चाहे वह सूर्य ग्र्रहण हो या चंद्रग्रहण। इस काजल में अनेक ऐसे कार्य हैं जिन्हें करना वर्जित माना गया है। 31 जनवरी को साल का पहला चंद्रग्रहण है। इस अति दुर्लभ खगोलिय घटना के दौरान किन कार्यों को ना करें इसके बारे में हम आपको बता चुके हैं, किंतु ऐसे कौन से कार्य हैं जिनको ग्रहण के बाद किया जाना चाहिए। यहां हम आपको यही बताने जा रहे हैं। 

 

नही होता दुष्प्रभाव 

ऐसा माना जाता है कि ग्रहण काल में नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। अतः इस दौरान भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए। साथ ही नकारात्मकता को दूर करने के लिए घर में ही रहकर मंत्रोच्चार करना उत्तम बताया गया है। इससे घर का वातावरण सकारात्मक होता है और ग्रहण का दुष्प्रभाव नही होता। 

-अपने आराध्य देव का ध्यान लगाते हुए ईश्वर की आराधना करें। मन में बुरे विचारों को गलती से भी ना पनपने दें। ब्रम्हचर्य का पालन करें। यदि एेसा हाेता है ताे आप नकारात्कता से प्रभावित हाे सकते हैं।

-यदि आपकी राशि में शनि की साढ़ेसाती है या फिर अढैया का प्रभाव है तो शनि मंत्र और हनुमान चालीसा का पाठ करें। 

-ग्रहण के दुष्प्रभव से बचने के लिए सामान्य रूप से हनुमान चालीसा का पाठ उत्तम बताया गया है। यह रक्षा कवच का काम करता है।

-मांगलिक दोष से पीड़ित जातक सुंदरकांड का पाठ करते हैं तो निश्चित ही इसके सकारात्मक परिणाम मिलेंगे। 

-क्याेंकि ग्रहण का काल सूतक काल माना गया है अतः ग्रहण के बाद पवित्र नदी में स्नान के बाद आटा, चावल, काला तिल, उड़द की दाल का दान करना भी श्रेष्ठ बताया गया है। 

-पवित्र नदियाें के जल से भगवान काे भी स्नान कराकर उनका पूजन करें। एेसा करने से जीवन के अनेक कष्टाें का अंत होता है आैर घर परिवार में सुख शांति बनी रहती है।

Created On :   23 Jan 2018 4:24 AM GMT

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