झोलाछाप डॉक्टर ने ले ली 11 वर्षीय मासूम की जान, आक्रोशित परिजनों ने किया हंगामा

Doctor killed 11 year old innocent, angry family created uproar
झोलाछाप डॉक्टर ने ले ली 11 वर्षीय मासूम की जान, आक्रोशित परिजनों ने किया हंगामा
झोलाछाप डॉक्टर ने ले ली 11 वर्षीय मासूम की जान, आक्रोशित परिजनों ने किया हंगामा

डिजिटल डेस्क,पन्ना। झोलाछाप डॉक्टर ने एक 11 वर्षीय मासूम की जान ले ली। झोलाछाप डॉक्टर द्वारा लगाया गया इंजेक्शन और दी गई दवा खाने के बाद मासूम की घर में मौत हो गई। आक्रोशित अभिभावकों ने नारेबाजी करते हुए जमकर प्रदर्शन किया और आरोपी चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। पुलिस ने आरोपी चिकित्सक के खिलाफ मामला दर्ज करते हुए जांच में लिया है।

यह है पूरा मामला

धाम मोहल्ला निवासी गोविंद प्रजापति का 11 वर्षीय पुत्र अपने परिजनो के साथ ननिहाल ग्राम उड़की गया हुआ था। सुबह 6 बजे पेट में मामूली सा दर्द उठने पर 11 वर्षीय बालक वीरेन्द्र प्रजापति को उपचार कराने के लिये उड़की ग्राम में संचालित दिवाकर बंगाली की क्लीनिक पर लेकर पहुंचे, जहां पर झोलाछाप चिकित्सक दिवाकर बंगाली द्वारा एक इंजेक्शन मौके पर लगाया गया एवं चार टेबलेट दी गयी, जिसके बाद बच्चो को लेकर घर पहुंचे जहां पर झोलाछाप चिकित्सक के अनुसार एक टेबलेट और खिला दी इसके बाद हंसता खेलता मासूम बालक कोमा में चलाया गया, जिसके बाद पीडि़त परिजन आनन-फानन में लेकर बालक को उपचार कराने हेतु जिला चिकित्सालय पन्ना लेकर पहुंचे जहां पर शिशु रोग चिकित्सक डॉ.पी.के.गुप्ता द्वारा बालक को बेहोशी हालत में भर्ती किया गया, लेकिन भर्ती होने के उपरांत ही बालक ने दम तोड़ दिया।

परिजनों ने लगाए गंभीर आरोप

परिजनो द्वारा आरोप लगाया गया है कि जो उड़की में क्लीनिक संचालक दिवाकर द्वारा इंजेक्शन लगाया गया है वह बिना जांच के इंजेक्शन दिया गया है जिसके जहर फैलने से बालक कोमा में चला गया था और मासूम बालक की दुखद मौत हो गयी। पीडि़त परिजनों ने जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन से मृत हुये बालक के शव के पोस्टमार्टम कराये जाने की मांग की, जिसके उपरांत मृत बालक के शव को पोस्टमार्टम हेतु शव विच्छेदन ग्रह भिजवाया गया है एवं घटना की सूचना जिला अस्पताल प्रशासन द्वारा थाना कोतवाली को भेजी गयी घटना पर थाना कोतवाली पुलिस ने मर्ग कायम कर घटना से संबंधित जांच कार्यवाही शुरू कर दी है।

10वीं-12वीं पास चला रहे दुकान

जिले में गांव-गांव में 10वीं-12वीं पास व्यक्तियो द्वारा अवैधानिक रूप से अपनी-अपनी दुकानें दवा करने के लिये सजा रखी है और बिना किसी जांच पड़ताल के पीडि़त लोगों को गलत दवाये वितरित कर दी जाती है जिससे दवाओं का साईडईफेक्ट होने के चलते कई लोगो की असमय मृत्यु हो जाती है। जिला प्रशासन को चाहिये कि गांव-गांव संचालित हो रही क्लीनिको की जांच पड़ताल की जाये एवं दोषियो पर सख्त कार्यवाही की जाये ताकि गरीबो को इसका खामियाजा न उठाना पड़े।

इनका कहना है

बीएमओ को भेज रहा हूं इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करायी जायेगी और दोषी के ऊपर कड़ी कार्यवाही की जायेगी। डॉ.एल.के.तिवारी सीएमएचओ पन्ना

Created On :   26 Aug 2019 5:25 PM GMT

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