मोदी-ट्रंप ने की फोन पर बात, मालदीव संकट पर जताई चिंता

Donald Trump and PM Modi talk over Phone, Discuss on Maldives Crisis
मोदी-ट्रंप ने की फोन पर बात, मालदीव संकट पर जताई चिंता
मोदी-ट्रंप ने की फोन पर बात, मालदीव संकट पर जताई चिंता

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मालदीव में जारी राजनीतिक संकट के मसले पर अमेरिकी प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन पर बात की है। दोनों नेताओं के बीच मालदीव संकट के अलावा अफगानिस्तान पॉलिसी, इंडो-पैसिफिक रीजन में सिक्युरिटी और नॉर्थ कोरिया के न्यूक्लियर प्रोग्राम को लेकर भी चर्चा हुई। इस बात की जानकारी व्हाइट हाउस ने दी। व्हाइट हाउस के मुताबिक, दोनों नेताओं ने मालदीव संकट पर गहरी चिंता जताई है। 

मालदीव संकट पर जताई चिंता

व्हाइट हाउस की तरफ से जारी बयान में बताया गया है कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को फोन पर बात की। दोनों नेताओं ने मालदीव संकट के अलावा अफगानिस्तान पॉलिसी, इंडो-पैसिफिक रीजन में सिक्युरिटी और नॉर्थ कोरिया के न्यूक्लियर प्रोग्राम को लेकर भी चर्चा हुई। व्हाइट हाउस ने बताया कि "दोनों नेताओं ने मालदीव में चल रहे राजनीतिक संकट को लेकर चिंता जताई है। दोनों नेताओं का मानना है कि मालदीव में कानून और लोकतांत्रिक व्यवस्था लागू होना चाहिए।" इसके साथ व्हाइट हाउस ने ये भी कहा कि दोनों नेताओं ने साथ मिलकर इंडो-पैसिफिक रीजन में सिक्युरिटी और सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की।

 

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                                                           मालदीव के प्रेसिडेंट अब्दुल्ला यामीन

5 फरवरी से मालदीव में इमरजेंसी

5 फरवरी को मालदीव के प्रेसिडेंट अब्दुल्ला यामीन ने 15 दिन के लिए इमरजेंसी का एलान कर दिया है। प्रेसिडेंट ऑफिस की तरफ से जारी बयान में कहा गया था कि "मालदीव के अनुच्छेद 253 के तहत अगले 15 दिनों के लिए राष्ट्रपति अब्दुल्ला यमीन अब्दुल गयूम ने इमरजेंसी का एलान कर दिया है। इस दौरान कुछ अधिकार सीमित रहेंगे, लेकिन सामान्य हलचल, सेवाएं और व्यापार इससे बेअसर रहेंगे।" बयान में आगे कहा गया है, "मालदीव सरकार यह भरोसा दिलाती है कि देश के सभी नागरिकों और यहां रह रहे विदेशियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।"

मालदीव के एक्स प्रेसिडेंट ने भारत से मांगी मदद

मालदीव में गहराते राजनीतिक संकट के बीच एक्स प्रेसिडेंट मोहम्मद नशीद ने भारत से मदद मांगी है। नशीद ने कहा है कि साल 1988 में जिस तरह भारत ने मालदीव संकट सुलझाया था। ठीक उसी तरह इस बार भी भारत को हस्तक्षेप कर समाधान निकालना चाहिए। नशीद ने ट्वीट किया, "विवाद को आतंरिक तौर पर हल करने की बात कहना विद्रोह की आग भड़का सकता है। मालदीव की जनता ने साल 1988 में राजनीतिक संकट के दौरान भारत की सकारात्मक भूमिका को देखा है। भारत ने उस समय संकट हल किया और चले गए। भारत ने यहां कब्जा जमाने का नहीं सोचा। वह कब्जा जमाने वाला नहीं, आजादी दिलाने वाला देश है। इसलिए आज एक बार फिर मालदीव अपने संकट को हल करने के लिए भारत की ओर देख रहा है।"

 

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                                                                                    मोहम्मद नशीद

एक्स प्रेसिडेंट और चीफ जस्टिस हुए गिरफ्तार

मालदीव में इमरजेंसी लगने के बाद एक्स प्रेसिडेंटमौमून अब्दुल गयूम और चीफ जस्टिस अब्दुल्ला सईद को गिरफ्तार कर लिया गया है। इनके अलावा सुप्रीम कोर्ट के दो जजों को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। गयूम मालदीव के 30 साल राष्ट्रपति रहे हैं और 2008 में देश में लोकतंत्र आने के बाद तक राष्ट्रपति रहे। इसके बाद हुए चुनावों में मोहम्मद नशीद डेमोक्रेटिक तरीके से चुने गए देश के पहले राष्ट्रपति बने। वहीं चीफ जस्टिस अब्दुल्ला सईद ने ही राष्ट्रपति यामीन को गिरफ्तार करने और राजनैतिक कैदियों को रिहा करने का आदेश दिया था। बता दें कि राष्ट्रपति यामीन, मौमून अब्दुल गयूम के सौतेले भाई हैं।

मालदीव की सुप्रीम कोर्ट ने क्या आदेश दिया था? 

शुक्रवार को मालदीव की सुप्रीम कोर्ट ने एक्स प्रेसिडेंटमोहम्मद नशीद पर चल रहे केस को असंवैधानिक करार दिया था और कैद किए गए 9 सांसदों को रिहा करने का आदेश दिया था। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस अब्दुल्ला सईद ने 12 सांसदों को बहाल करने का आदेश भी दिया था। इसके अलावा चीफ जस्टिस सईद ने राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन के खिलाफ महाभियोग चलाने और उन्हें गिरफ्तार करने को भी कहा था।

सुप्रीम कोर्ट का कोई आदेश न मानें : सरकार

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अटॉर्नी जनरल मोहम्मद अनिल ने कहा कि राष्ट्रपति की गिरफ्तारी गैरकानूनी है। उन्होंने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सुप्रीम कोर्ट चाहता है कि राष्ट्रपति सत्ता में न रहें। उन्होंने कहा कि "हमें ऐसी जानकारियां मिली हैं कि देश की सुरक्षा को खतरा हो सकता है। यदि सुप्रीम कोर्ट राष्ट्रपति को गिरफ्तार करने का आदेश देता है तो ये असंवैधानिक और गैरकानूनी होगा। इसलिए मैंने पुलिस और सेना से कहा है कि वो सुप्रीम कोर्ट के किसी भी असंवैधानिक आदेश को न मानें।"

अब्दुल्ला यामीन के आते ही लोकतंत्र खतरे में

जानकारी के मुताबिक, मालदीव में 2008 में डेमोक्रेसी आई थी और मोहम्मद नशीद डेमोक्रेटिक तरीके से चुने गए देश के पहले राष्ट्रपति हैं, लेकिन साल 2013 में राष्ट्रपति यामीन की सत्ता में आने के बाद से ही वहां विपक्षियों को जेल में डाला जाने लगा, बोलने की आजादी छीन ली गई और ज्यूडीशियरी पर भी खतरा पैदा हो गया। 2015 में यामीन ने नशीद को आतंकवाद विरोधी कानून के तहत सत्ता से हटा दिया था। उन्हें 13 साल की सजा सुनाई गई थी, जिसके बाद ब्रिटेन ने उन्हें राजनीतिक शरण दी थी।

Created On :   9 Feb 2018 2:58 AM GMT

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