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दवाओं की ऑनलाइन बिक्री पर मसौदा तैयार, जनवरी के बाद लागू होंगे के नियम
डिजिटल डेस्क, मुंबई। केंद्र सरकार ने बांबे हाईकोर्ट को सूचित किया है कि दवाओं की ऑनलाइन बिक्री के नियमन के लिए तैयार किए गए नियमों को जनवरी के अंत तक अंतिम रुप दे दिया जाएगा। केंद्र सरकार की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता डीपी सिंह ने मुख्य न्यायाधीश नरेश पाटील व न्यायमूर्ति एनजे जामदार की खंडपीठ के सामने कहा कि सरकार ने दवाओं कि ऑनलाइन बिक्री के नियमन के लिए नियमों का मसौदा तैयार कर लिया है।
उन्होंने अदालत को बताया कि इस संबंध में विशेषज्ञों के साथ भी कई बैठके हो चुकी है। केंद्र सरकार जल्द ही ड्रग्स एंड कास्मेटिक कानून के तहत दवाओं की ऑनलाइन बिक्री से जुड़े नियमों को अमल में लाने की दिशा में कारगर कदम उठाएगी। दवाओं की ऑनलाइन बिक्री के नियमन को लेकर मुंबई की प्रोफेसर मयूरी पाटील ने साल 2015 में हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। याचिका में मांग की गई थी कि शेड्यूल्ड एच के तहत आनेवाली दवाओं को डाक्टरों की पर्ची के बिना उपलब्ध कराने पर भी रोक लगाई जाए। याचिका में कहा गया था कि गर्भपात की दवाएं भी ऑनलाइन तरीके से बिना डाक्टर की पर्ची के बेची जा रही है।
याचिका पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने कहा कि याचिका में उठाया गया मुद्दा काफी महत्वपूर्ण है। क्योंकि इसका सीधा संबंध लोगों के स्वास्थ्य है। इसलिए केंद्र व राज्य सरकार सुनिश्चित करे की प्राधिकृत केमिस्ट की दुकान से ही दवाओं की बिक्री हो। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार भी दवाओं की ऑनलाइन बिक्री से जुड़े नियमों को भी लागू करे। इस पर केंद्र सरकार के वकील ने कहा कि हमारे पास नियमों को अंतिम रुप देने के लिए 31 जनवरी तक का समय है। इस बात को जानने के बाद खंडपीठ ने मामले की सुनवाई 4 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी। खंडपीठ ने केंद्र सरकार को मामले की अगली सुनवाई के दौरान इस विषय को लेकर उठाए गए कदमों की जानकारी देने को कहा है।
Created On :   4 Jan 2019 2:59 PM GMT