विडंबना - 47 करोड़ रुपए लैप्स, किसानों को खाते में आई राहत भी नहीं दे पाया प्रशासन

Drought and hailstorm ruined the farmers in tikamgarh mp
विडंबना - 47 करोड़ रुपए लैप्स, किसानों को खाते में आई राहत भी नहीं दे पाया प्रशासन
विडंबना - 47 करोड़ रुपए लैप्स, किसानों को खाते में आई राहत भी नहीं दे पाया प्रशासन

डिजिटल डेस्क  टीकमगढ़ । पहले सूखा फिर ओलावृष्टि ने किसानों को बर्बाद कर दिया। उम्मीद भी किससे करें, राहत देने के लिए मिली राशि भी सरकारी तंत्र पीडि़तों तक नहीं पहुंचा पाया और 47 करोड़ रुपए लैप्स हो गए। शासन-प्रशासन किसानों का हितैषी होने का लाख दावा करे, लेकिन तीन माह में किसानों को राहत राशि न मिलने में अफसरों की लापरवाही साफ जाहिर हो रही है। पैसों के अभाव में राहत राशि वितरण ठप हो गया है। खाते में आई राशि गंवाने के बाद जिम्मेदार अब नए वित्तीय वर्ष के बजट बाट जोह रहे हैं। पहले सूखा के कारण खरीफ फसलें खेतों में सूख गईं। रबी सीजन में ओलावृष्टि ने अन्नदाता की उम्मीदें जमींदोज कर दीं। अब प्रशासन की शिथिल गतिविधियां किसानों पर सितम ढा रही है। क्षेत्र के किसान अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए जिस राहत राशि के लिए टकटकी लगाए बैठे हैं। उसकी प्रक्रिया ही फिलहाल अटक गई है। वित्तीय वर्ष में वितरण न हो पाने के कारण 47 करोड़ रुपए की किसानों की राहत राशि लैप्स हो गई है। जिसमें सूखा राहत के 46.37 करोड़ रुपए और ओलावृष्टि की क्षतिपूर्ति के 99 लाख 81 हजार रुपए शामिल हैं। इसलिए किसानों को अभी राहत के लिए और अधिक इंतजार करना पड़ सकता है। प्रशासन भी अब वित्तीय वर्ष 2018-19 का बजट आने के इंतजार में है।
3 माह में नहीं बांट पाए 161 करोड़ रुपए
बीते कई सालों से सूखे का दंश झेल रहे क्षेत्र के किसानों की माली हालत बेहद नाजुक हो गई है। इस साल बहुत कम बारिश ने अन्नदाता की आफत और बढ़ा दी है। जिले में खरीफ की फसलें सूखे की भेंट चढ़ गई थीं। गंभीर सूखाग्रस्त घोषित टीकमगढ़ जिले के किसानों को फसलों के नुकसान की भरपाई के लिए 161 करोड़ रुपए दिसंबर 2017 में जिला प्रशासन को दिए थे, लेकिन तीन माह से अधिक समय बीत जाने के बाद 31 मार्च तक महज 114.62 करोड़ की राहत ही किसानों को बांटी जा सकी है। शेष 46.37 करोड़ की राशि लेप्स होने से वितरण अटक गया है।
खरीफ फसलों में 183 करोड़ का नुकसान
सूखा पडऩे के कारण जिले के कुल 995 गांव के 4 लाख 54 हजार 174 किसानों की खरीफ फसलें खराब हुई थी। आरवीसी 6, 4 के तहत 3 लाख 67 हजार 120 किसानों के लिए 183.36 करोड़ रुपए राहत राशि प्रस्तावित की गई थी। जिसमें से पहली किश्त में मिले 161 करोड़ रुपए ही जिम्मेदार किसानों को बांट नहीं पाए हैं। ऐसे में शासन से और राशि की मांग करने की संभावनाएं भी दूर-दूर तक दिखाई नहीं देतीं।
ट्रांजेक्शन फेल, बैंकों में अटकी 10 प्रतिशत राहत
31 मार्च तक बांटे करोड़ों रुपए भी किसानों के खाते में नहीं पूरे नहीं आए हैं। ट्रांजेक्शन फेलियर के कारण करीब 10 प्रतिशत राशि प्रशासन से जारी होने के बावजूद किसानों के हाथ नहीं आई। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार जिले के सभी 10 तहसील क्षेत्र अंतर्गत 2 लाख 57 हजार 749 किसानों को आरवीसी 6, 4 एक्ट के तहत 114.62 करोड़ रुपए बांटे गए हैं। जिनमें से लगभग 10 प्रतिशत ट्रांजेक्शन तमाम विसंगतियों के कारण फेल बताए जा रहे हैं। इनमें अलग-अलग तहसील के किसानों के नाम एक बिल बाउचर में दर्ज होना प्रमुख कारण माना जा रहा है।
ओलावृष्टि के एक करोड़ भी गंवाए
सूखे के कारण रबी सीजन में करीब आधी कृषि भूमि खाली पड़ी रही। 1 लाख 47 हजार 230 हेक्टेयर में ही बोवनी की गई। जिससे किसानों को सालभर परिवार के
भरण-पोषण की उम्मीद थी, लेकिन बीते माह ओलावृष्टि से जिले के 119 गांव में फसलें खराब हुईं। सर्वे में टीकमगढ़, बल्देवगढ़, जतारा, पलेरा और मोहनगढ़ तहसील क्षेत्र के 4 हजार 13 किसानों की फसलों को नुकसान बताया गया। क्षतिपूर्ति के लिए 2 करोड़ 31 लाख 34 हजार 779 रुपए बांटे जाने थे, लेकिन 31 मार्च तक 2 हजार 929 किसानों को 1 करोड़ 13 लाख रुपए ही बैंक खातों में जारी किए जा सके। 99 लाख 81 हजार रुपए लैप्स हो गए।
इनका कहना है
व्कलेक्टर के डीडीओ खाते से जिलेभर के किसानों को राहत राशि जारी की गई है। पहले तहसील स्तर पर राहत राशि का भुगतान किया जाता था। प्रक्रिया में बदलाव के कारण कुछ समय से लिए शासन स्तर से आवंटन रोका गया था। वित्तीय वर्ष खत्म होने के कारण बजट लेप्स हुआ है। नया बजट आने के साथ ही आवंटन शुरू कर दिया जाएगा।
वंदना राजपूत, राहत कलेक्टर, टीकमगढ़

 

Created On :   6 April 2018 8:19 AM GMT

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