इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए खतरा बन सकता है डंपिंग यार्ड, इन्वेस्ट करने वाली कंपनियां भी खींच सकती है हांथ

Dumping yard can be a danger for international airport
इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए खतरा बन सकता है डंपिंग यार्ड, इन्वेस्ट करने वाली कंपनियां भी खींच सकती है हांथ
इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए खतरा बन सकता है डंपिंग यार्ड, इन्वेस्ट करने वाली कंपनियां भी खींच सकती है हांथ

डिजिटल डेस्क,नागपुर। शहर से दूर लेकिन इंटरनेशनल एयरपोर्ट के समीप डंपिंग यार्ड का प्रस्ताव कई तरह के बखेड़ा कर रहा है। इससे जहां एयरपोर्ट की मान्यता पर खतरा मंडरा रहा है वहीं मिहान, सेज जैसी कंपनियां इन्वेस्ट से हाथ खींच सकती है। उल्लेखनीय है कि नागपुर महानगर प्रदेश विकास प्राधिकरण यानी मेट्रो रीजन क्षेत्र के विकास प्रारुप को हाल में राज्य सरकार ने मंजूरी प्रदान की है। विकास प्रारुप में बुटीबोरी के पास कुही और मांढवा गांव में डंपिंग यार्ड प्रस्तावित किया गया। इस डंपिंग यार्ड से नागपुर के डॉ. बाबासाहब आंबेडकर अंतरराष्ट्रीय विमानतल की मान्यता खतरे में आ सकती है। मिहान और सेज का राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय निवेश भी प्रभावित हो सकता है। डीजीसीए के नियमों के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय विमानतल से 25 किमी दायरे में कोई भी डंपिंग यार्ड नहीं होना चाहिए। अगर ऐसा होता है तो विमानतल की मान्यता खत्म की जाएगी। डंपिंग यार्ड से मिहान और सेज में आने वाले राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कंपनियां भी अपने हाथ पीछे खींच सकती है। इतना ही नहीं वेना नदी का पानी भी इससे प्रदूषित होगा। इन सभी पहलुओं का देखते हुए अब जय जवान, जय किसान संगठन मेट्रो रीजन प्रारुप के विरोध में सड़कों पर उतरकर तीव्र आंदोलन छेड़ने की चेतावनी दी है। जय जवान, जय किसान के अध्यक्ष प्रशांत पवार ने प्रस्तावित डंपिंग यार्ड का विरोध करते हुए कहा कि बंगलुरु की तर्ज पर यहां भी डंपिंग यार्ड अंडरग्राउंड करने की सलाह दी गई थी। इसके अलावा नई तकनीक का इस्तेमाल करने का सुझाव भी सामने आया था। जिससे नये डंपिंग यार्ड की जरूरत ही नहीं पड़ती। लेकिन मेट्रो रीजन का प्रारुप बनाने वाले दोनों ही सुझावों को दरकिनार कर कुही और मांढवा गांव में डंपिंग यार्ड प्रस्तावित किया गया है। जिसके खिलाफ तीव्र आंदोलन किया जाएगा। 


हल्को कंपनी की हो सीबीआई जांच 
मेट्रो रीजन का विकास प्रारुप तैयार करने के लिए नासुप्र ने हल्को कंपनी की नियुक्ति की थी। इसके लिए उसे 12 करोड़ रुपए दिए गए। लेकिन राज्य सरकार ने हल्को कंपनी की रिपोर्ट ही खारिज कर दी है। उसकी एक भी सिफारिश मान्य नहीं की है। ऐसे में हल्को कंपनी को 12 करोड़ रुपए देने वाले अधिकारियों की सीबीआई जांच कर उन्हें तत्काल निलंबित करने की मांग पवार ने की है। प्रशांत पवार ने आरोप लगाया कि मेट्रो रीजन विकास प्रारुप अधिकारियों ने अपनी सुविधा अनुसार तैयार किया है। इसमें जहां बड़े अधिकारी और नेता रहते हैं, उन इलाकों (आर-1, आर-2) को डि-नोटिफाइड किया गया है। वहां किसी तरह का शुल्क देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। जहां सामान्य नागरिक रहते हैं (आर-3, आर-4), वहां शुल्क लगाया गया है।  यह सरकार मध्यम वर्ग पर करों का बोझ लादने का प्रयास है। विकास प्रारुप के माध्यम से ग्रामपंचायत के अधिकार छीनने का प्रयास किया गया है। गांवठाण में भी लोगों को निर्माणकार्य के लिए एनएमआरडीए की अनुमति लेनी होगी। गांव के विकास की संपूर्ण निधि एनएमआरडीए को मिलेगी। विकास प्रारुप में यह स्पष्ट नहीं किया गया कि गांवठाण में ग्रामपंचायत के अधिकार होंगे या नहीं। ऐसे में ग्रामपंचायतों के अधिकार खत्म करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके विरोध में आगामी 19 जनवरी को सरपंच परिषद का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें सभी संबंधित ग्रामपंचायतों के सरंपचों को आमंत्रित कर आगे की रणनीति बनाई जाएगी। 

मेट्रो रीजन से एक जोन गायब 
जय जवान, जय किसान के अध्यक्ष पवार ने आरोप लगाया कि मेट्रो रीजन में पहले 10 जोन थे। मंजूरी मिलने के बाद अब 9 जोन रह गए हैं। एक जोन को गायब कर दिया है। कोराडी सहित उससे जुड़े लगभग 30 गांवों को मेट्रो रीजन से बाहर कर दिया गया है। उन्हें 750 मीटर के दायरे से बाहर रखा गया है। अब इन गांवों में एनएमआरडीए के नियम लागू नहीं होंगे। उन्हें किसी तरह की अनुमति एनएमआरडीए से लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। श्री पवार ने कहा कि आखिर यह किसके दबाव में किया गया। इसकी भी जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मेट्रो रीजन के 719 गांवों का जो रिवाइज्ड प्लान बना है, उसपर  नागरिकों से आपत्ति-सुझाव नहीं मंगाए गए हैं और न उसे सार्वजनिक किया गया है। पहली जनसुनवाई में जो-जो आपत्तियां दर्ज की गई थीं, उसपर भी कोई निर्णय नहीं हुआ है। ऐसे में इस विकास प्रारुप का तीव्र विरोध किया जाएगा।  


 

Created On :   11 Jan 2018 8:41 AM GMT

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