26 साल में बांध की लागत 53 करोड़ से हुई 1689 करोड़, अदालत ने सरकार से मांगा जवाब 

During 26 years the cost of dam reached rupees 53 to 1689 crores
26 साल में बांध की लागत 53 करोड़ से हुई 1689 करोड़, अदालत ने सरकार से मांगा जवाब 
26 साल में बांध की लागत 53 करोड़ से हुई 1689 करोड़, अदालत ने सरकार से मांगा जवाब 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने सिंधुदुर्ग के अरुणा बांध के निर्माण में भ्रष्टाचार होने का दावा करनेवाली जनहित याचिका पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है। अवकाशकालीन न्यायमूर्ति अजय गड़करी व न्यायमूर्ति एनएम जमादार की खंडपीठ ने सरकार को जवाब देने का निर्देश दिया है। इस मामले को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता व परियोजना प्रभावित तानाजी कांबले याचिका दायर की है।

याचिका में दावा किया गया है कि बांध के लिए अधिग्रहित की गई जमीन के लिए दिया गया मुआवजा काफी कम है। इसके अलावा परियोजना प्रभावितों के पुनर्वास को लेकर भी कार्य नहीं हो रहा है। 1995 में जब बांध के निर्माण की योजना बनाई गई थी तो इसकी लागत 53 करोड रुपए थी। जो अब बढकर 1689 करोड रुपए हो गई है। यह दर्शाता है कि समय पर काम न होने के चलते किस तरह से लागत बढ रही है। यह सब राजनेताओं व सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत से हो रहा है।

याचिका में मांग की गई है कि बांध की परियोजना से प्रभावित हुए लोगों के पुनर्वास के लिए प्रभावी कदम उठाए जाए और बांध के कार्य की पड़ताल के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में कमेटी बनाई जाए। खंडपीठ ने फिलहाल इस याचिका की सुनवाई 17 जून तक के लिए स्थगित कर दी है और अगली सुनवाई के दौरान सरकार को याचिका में उठाए गए मुद्दों का जवाब देने का निर्देश दिया है। 

 

Created On :   17 May 2019 2:52 PM GMT

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