स्टर्लिंग बायोटेक: 5000 करोड़ के लोन फ्रॉड मामले में ED ने फाइल की चार्जशीट
- चार्जशीट स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर नीतीश राणा और एडवोकेट एआर आदित्य ने एडिशनल सेसन्स जज सतीश अरोरा की अदालत में दाखिल की।
- प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कंपनी डायरेक्टर राजभूषण ओमप्रकाश दीक्षित के खिलाफ दाखिल की चार्जशीट।
- स्टर्लिंग बायोटेक 5
- 000 करोड़ रुपये का बैंक फ्रॉड मामला।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 5,000 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी मामले में गुजरात की दवा कंपनी ‘स्टर्लिंग बायोटेक ग्रुप" के डायरेक्टर राजभूषण ओमप्रकाश दीक्षित के खिलाफ बुधवार को चार्जशीट दाखिल की है। ये चार्जशीट स्पेशल पब्लिक प्रॉग्जिक्यूटर नीतीश राणा और एडवोकेट एआर आदित्य ने एडिशनल सेसन्स जज सतीश अरोरा की अदालत में दाखिल की। बता दें कि स्टर्लिंग बायोटेक ग्रुप ने ये कर्ज बैंकों के कंसोर्टियम से लिया था जो अब नॉन परफार्मिंग एसेट बन गया है।
Enforcement Directorate files chargesheet against director of pharma firm Sterling Biotech in connection with Rs 5,000 Crore bank loan fraud case.
— ANI (@ANI) July 18, 2018
4700 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति जब्त
इससे पहले ED ने बड़ी कार्रवाई करते हुए स्टर्लिंग ग्रुप की 4700 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति जब्त कर ली थी। इसके तहत जांच एजेंसी ने 4000 एकड़ की अचल संपत्ति, प्लांट और मशीनरी, 200 बैंक अकाउंट, 6.67 करोड़ के शेयर और कई लक्जरी गाड़ियां कब्जे में ले लिया था। जांच एजेंसियों का आरोप है कि संदेसरा बंधुओं ने कई बेनामी और शेल कंपनियां स्थापित की थी। जिनके फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बैंकों के कंसोर्टियम से 5383 करोड़ रुपये का लोन हासिल किया और फिर फर्जी खरीद-बिक्री दिखाकर उस धनराशि को देश-विदेश स्थित अपनी कंपनियों को ट्रांसफर कर दिया। आंध्रा बैंक की अगुआई में स्टेट बैंक, यूको बैंक, इलाहाबाद बैंक और बैंक ऑफ इंडिया द्वारा दिया गया यह लोन बाद में एनपीए घोषित कर दिया गया।
9 फरवरी को ज्यूडिशियल कस्टडी में है दीक्षित
मनी लॉन्ड्रिंग केस में दीक्षित को कोर्ट ने 9 फरवरी को ज्यूडिशियल कस्टडी में भेजा था। फरवरी में जांच एजेंसी ने आंध्रा बैंक के पूर्व डायरेक्टर अनूप प्रकाश गर्ग और दिल्ली के बिजनसमैन गगन धवन को नवंबर 2017 में इसे मामले में गिरफ्तार किया था। सीबीआई और ED ने इन दोनों को आरोपी बनाया है। CBI के FIR दर्ज करने के बाद ED ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था। CBI ने इस मामले में स्टर्लिंग बायोटेक के डायरेक्टर चेतन जयंतीलाल संदेसरा, दीपती चेतन संदेसरा, दीक्षित, नितिन जयंतीलाल संदेसरा और विलास जोशी, चार्टर्ड अकाउंटेंट हेमंत हाथी, गर्ग और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ बैंक फ्रॉड केस का आरोपी बनाया था। FIR में कहा गया था कि 31 दिसंबर 2016 तक कंपनी पर 5383 करोड़ रुपए का बकाया है।
Created On :   18 July 2018 11:28 AM GMT