ED ने 15 महीनों में 12 हजार करोड़ किए जब्त, 10 साल का रिकॉर्ड तोड़ा

ED seizes property worth Rs 12 thousand crore in 15 months, breaks 10-year records
ED ने 15 महीनों में 12 हजार करोड़ किए जब्त, 10 साल का रिकॉर्ड तोड़ा
ED ने 15 महीनों में 12 हजार करोड़ किए जब्त, 10 साल का रिकॉर्ड तोड़ा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मोदी सरकार का दावा है कि केंद्र में एनडीए की सरकार आने के बाद से कालेधन के खिलाफ लड़ाई तेज हो गई है। पिछले 15 महीनों में ही इन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) ने करीब 12 हजार करोड़ की अवैध संपत्ति जब्त की है, जो पिछले 10 सालों में अब तक सबसे ज्यादा है। संबंधित कार्रवाई के लिए ईडी ने देशभर में छापामारी अभियान को सफलता से अंजाम दिया है।

वित्त राज्य मंत्री संतोष गंगवार ने एक बयान जारी कर यह जानकारी देते हुए कहा है कि कालाधन के खिलाफ मोदी सरकार ने असरदार लड़ाई लड़ी है। उन्होंने मीडिया से सवाल-जवाब के दौर में कहा कि ED ने पिछले एक साल में 175 प्रोविजनल अटैचमेंट ऑर्डर जारी करने के बाद करीब 11,032.27 करोड़ की संपत्ति जब्त की है। जबकि 2005-2015 के बीच 9003.26 करोड़ की संपत्ति जब्त की गई थी। सरकार के मुताबिक फाइनेंशियल ईयर 2017-18 के पहले 3 महीनों में ही 965.84 करोड़ जब्त किए गए हैं। 

माल्या की धन जब्ती का बड़ा रोल  

ED के इन आंकड़ों में उछाल उस वक्त आया जब 2016-17 के समय डिफॉल्टर विजय माल्या की 10 हजार करोड़ की संपत्ति जब्त की गई। इसके अलावा ED ने फर्जी कंपनियों पर भी शिकंजा कसा और इस दौरान साउथ के कई नेताओं और अधिकारियों के घर पर भी छापे मारे गए थे। हाल ही में ED ने लालू यादव और उनके परिवार के खिलाफ अवैध संपत्ति का मामला दर्ज किया है। 

नोटबंदी का भी चाबुक 

आंकड़ों को देखें तो नवंबर 2016  में  "नोटबंदी" के बाद से इस मामले में सरकार बेहद सक्रिय दिखी है। विभिन्न राज्यों में वित्तीय अनियमितता को लेकर आयकर विभाग ने भी शिकंजा कसा है, जिसकी बदौलत देशभर से कालाधन नष्ट करने में मदद मिली है। सरकार ने "नोटबंदी" के शुरुआती तीन माह के दौरान ही कालाधन नष्ट करने में सफलता हासिल करने के दावे किए थे। नाेटबंदी  के बाद से सरकार भी लगातार दावा करती रही है कि बड़े नोट बंद किए जाने से कालाधन स्वतःनष्ट हुआ है। 

 

Created On :   31 July 2017 3:23 AM GMT

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