सूचना आयुक्त के आदेश के बाद भी नहीं चढ़ा प्रापर्टी कार्ड पर बुजुर्ग का नाम

elderly Dadasaheb Kantodes name is not got registered on property card
सूचना आयुक्त के आदेश के बाद भी नहीं चढ़ा प्रापर्टी कार्ड पर बुजुर्ग का नाम
सूचना आयुक्त के आदेश के बाद भी नहीं चढ़ा प्रापर्टी कार्ड पर बुजुर्ग का नाम

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सरकारी मशीनरी की काम की रफ्तार कितनी है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पिछले चार साल से ज्यादा समय से नगर भूमापन (सिटी सर्वे) कार्यालय के चक्कर काटने के बावजूद बुजुर्ग दादासाहेब कानताेडे का नाम प्रापर्टी कार्ड पर नहीं चढ़ सका है। जन सूचना अधिकारी व प्रथम अपिलीय अधिकारी से काम नहीं होने पर पीड़ित ने जन सूचना आयुक्त के पास गुहार लगाई और आयुक्त ने 15 दिन में प्रापर्टी कार्ड पर नाम चढ़ाने के साथ ही 5 हजार की क्षतिपूर्ति (हर्जाना) पीड़ित को देने का आदेश दिया। सूचना आयुक्त के आदेश पर भी अब तक अमल नहीं हो सका है। 

चार साल से काट रहे सिटी सर्वे के चक्कर
आयुर्वेदिक ले आउट निवासी 75 वर्षीय दादासाहेब गणपतराव कानतोडे ने 1982 में मौजा दिघोरी के रामकृष्णनगर में प्लाट लिया था। दादासाहेब ने प्रापर्टी कार्ड पर नाम चढ़ाने के लिए 27 जनवरी 2014 को नगर भूमापन (सिटी सर्वे) कार्यालय नं. 2 में आवेदन किया था। लोक अदालत में संबंधित दस्तावेजों के साथ 2 हजार रुपए की फीस भी जमा की थी। इसके साथ ही दो कोरे पोस्ट कार्ड 25 रुपए के टिकट के साथ जोडे थे। काम नहीं होने पर 15 फरवरी 2016 को दत्तात्रयनगर में हुए शिविर में जाकर सिटी सर्वे के अधिकारियों को इसकी जानकारी दी। 23 फरवरी 2016 को पून: कार्यालय जाकर प्रापर्टी कार्ड पर नाम नहीं चढ़ने की जानकारी दी गई।     
  
पीड़ित बुजुर्ग को अब तक नहीं मिली हर्जाने की राशि
इस बीच सूचना अधिकार कानून के तहत जन सूचना अधिकारी को निवेदन देकर जानकारी मांगी गई। एक महीने बाद भी कोई जानकारी नहीं दी गई। 9 मार्च 2016 को विभाग के प्रथम अपिलीय अधिकारी के पास 6 को राज्य सूचना आयुक्त नागपुर के पास अपील की। सूचना आयुक्त ने जनसूचना अधिकारी व प्रथम अपिलीय अधिकारी को सुनवाई में हाजिर होने को कहा। सुनवाई में दोनों ही अधिकारी हाजिर नहीं हुए। आयोग की तरफ से मांगी गई जानकारी भी पेश नहीं की गई। सूचना आयुक्त ने इस पर नाराजी जताते हुए पी़डित दादासाहेब कानतोड़े काे हुई शारीिरक व मानसिक प्रताड़ना के लिए 5 हजार रुपए क्षतिपूर्ति (हर्जाना) देने के अलावा 15 दिन में प्रापर्टी कार्ड पर नाम चढ़ाने का आदेश दिया। पांच हजार की राशि जनसूचना अधिकारी के वेतन से काटने के आदेश दिए। सूचना आयुक्त ने यह आदेश पिछले साल जारी किया था। पीडि़त को न हर्जाना मिला न प्रापर्टी कार्ड पर नाम चढ़ सका है। 

मनपा नहीं लगा रही टैक्स
प्रापर्टी कार्ड पर नाम चढ़ाना इसलिए जरूरी है कि जब तक नाम नहीं चढ़ता तब तक मनपा संबंधित व्यक्ति के नाम से टैक्स नहीं लगाती। जब कभी टैक्स लगेगा पीड़ित को एक साथ पूरा टैक्स भरना पड़ेगा। मनपा ने प्लाट (जमीन) पर नाम चढ़ाकर टैक्स लगाने को कहा है। ताकि संबंधित व्यक्ति का ब्यौरा मनपा के पास उपलब्ध रहे आैर खुले प्लाट पर होनेवाली गंदगी के बारे में जिम्मेदारी तय हो सके। 

इस उम्र में कार्यालय जाना मुश्किल होता है, पर अधिकारी मानते नहीं
पीड़ित दादासाहेब कानतोड़े ने कहा कि राज्य सूचना आयुक्त के आदेश के बाद नगर भूमापन अधिकारी ने प्रापर्टी कार्ड पर नाम चढ़ाने संंबंधी पत्र घर भेजने का भरोसा दिया था, लेकिन अब तक यह पत्र मिला नहीं। पैर की परेशानी है। इस उम्र में नगर भूमापन कार्यालय जाना मुश्किल होता है, लेकिन अधिकारी मानते नहीं। 5 हजार का हर्जाना भी अभी तक नहीं मिला।

Created On :   13 Jan 2019 2:07 PM GMT

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